उच्चतम न्यायाल के आदेश को नही मान रहें पन्ना स्वास्थ विभाग के अधिकारी, पांच कर्मचारीयों को आदेश मिलने के बावजूद दो महिना से परेशान कर रहें उक्त अधिकारी

दीपक शर्मा

पन्ना ७ जून ;अभी तक; मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा संविदा मे पदस्थ रहें जिला चिकित्सालय के पांच कर्मचारीयों को पुनः नोकरी मे वापिस लेने के संबंध में आदेश किया गया था। जिसके परिपेक्ष मे राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के अधिकारी द्वारा संबंधित कर्मचारीयों को वापिस रखने के लिए आदेश दिया गया था। उसके बावजूद मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं सिविल सर्जन द्वारा उक्त कर्मचारीयों को वापिस ड्यूटी मे नही लिया जा रहा है।

                           जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय मे श्रीमती गौरी रैकवार, रंजीत बाल्मिक, विदेश कुमार, श्रीमती सरजू बाई एवं अनीता बाल्मीक वर्ष 2016 मे एन एच एम के तहत जिला चिकित्सालय एस एन एस यू मे भर्ती किये गये थे तथा उन्हे कलेक्टर रेट पर वेतन दी जा रही थी। लेकिन वर्ष 2019 मे उक्त पांचो कर्मचारीयों को आउट सोर्स करने के चलते उक्त कर्मचारी हडताल पर चले गये थें। जिन्हे जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन द्वारा निकाल दिया गया था तथा उनके स्थान पर अन्य कर्मचारीयों को भर्ती मनमाने ढंग से कर लिया गया। जिसको लेकर संबंधित कर्मचारी माननीय उच्च न्यायालय की शरण मे गये थें। माननीय न्यायालय द्वारा आदेश पारित करते हुए डब्लू बीपी नम्बर 14398/2022 के तहत पुनः सेवा मे रखने का आदेश राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन को दिया गया था। जिसके संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के मुख्य प्रशासकीय अधिकारी के के रावत द्वारा संबंधित कर्मचारीयों को पुनः सेवा मे रखने के निर्देश दिये गये थें लेकिन उसके बावजूद जिला चिकित्सालय की सिविल सर्जन द्वारा संबंधित कर्मचारीयों को सेवा मे नही रखा जा रहा है तथा पत्र जारी कर अवगत कराया गया है कि जिला चिकित्सालय मे एस एन सी यू मे कोई भी पद खाली नही है। इनके स्थान पर दूसरे कर्मचारी रख लिये गये है। इस प्रकार से संबंधित कर्मचारी लगातार परेशान घूम रहें है। अधिकारीयों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अव्हेलना की जा रही है।