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गुनौर मे संपन्न हुआ उमाकान्त महराज का आध्यात्मिक सत्संग हजारो की संख्या मे शामिल हुए लोग, नशा मुक्ति का दिलाया संकल्प

दीपक शर्मा

पन्ना २० नवंबर ;अभी तक ;  परम संत बाबा जय गुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी उमाकांत जी महाराज का आध्यात्मिक सत्संग व नामदान का आयोजन गुनौर में संपन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक राजेश वर्मा तथा पवई विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रहलाद लोधी उपस्थित रहें। आध्यात्मिक सत्संग सुनाते हुए महाराज उमाकान्त जी ने कहा कि, यह मानव जीवन अमूल्य है इसी मानव जीवन में ही ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है, जब बच्चा मां के गर्भ में होता है तो वह 24 घंटे साधना करने का वादा करके आता है लेकिन धरती पर आते ही धीरे-धीरे माया में विलीन होने लगता है और अपना किया हुआ वादा भूल जाता है हम ईश्वर को इसी मानव शरीर से प्राप्त कर सकते हैं, यह मानव शरीर ईश्वर के भजन के लिए मिला हुआ है सभी को ईश्वर प्राप्ति का रास्ता-नामदान दिया, यह मनुष्य शरीर जिस कार्य के लिए मिला है, उसे पूरा करने का यत्न करना चाहीए। इसका मुख्य उद्देश्य समर्थ संत सतगुरु ही बतला सकते हैं।

सतसंग और संत के न मिलने के कारण इस मनुष्य शरीर का उद्देश्य पूर्ण नहीं होता है। अच्छे और बुरे की जानकारी नहीं होने से मनुष्य बुरे कर्म करता चला जाता है, जिसके कारण देवी देवता और परमात्मा से कुछ पाने के लिए वह जो भी तीर्थ व्रत पूजा पाठ करता है, उसका फल नहीं मिल पाता है और तमाम मानसिक और शारीरिक तकलीफों में परेशान रहता है। यह बड़े सौभाग्य की बात है कि इन सब बातों को समझाने और अंतः करण को बुरे कर्मों से साफ करने का सीधा सरल रास्ता बताया, कर्मों की सफाई एवं दुख तकलीफों को दूर करने के लिए जय गुरुदेव नाम की ध्वनि जय गुरुदेव सुबह शाम एक घंटा बोलने के लिए बताया अपने शाकाहार को सबसे बढ़िया आहार बताया, आपने कहा कि ज्यादातर गुस्सा मांसाहारियों को ही आता है, और गुस्से में अहंकार आता है और अहंकार में मार काट करता है और शराब पी करके अहंकारी बन जाता है इससे बचने का उपाय बताया कि आपको नशा मुक्ति शाकाहार भोजन अपनाना पड़ेगा जब एक गुस्से में आए तो सामने वाले को चुप हो जाना चाहिए इससे झगड़ा, विवाद नहीं होता है।

उन्होने उदाहरण देते हुए कहा कि छोटी घास बारह महीना हरी भरी रहती है परंतु बड़ी घास सूखती रहती है इस प्रकार से छोटे और शरणागत होकर हमेशा खुशहाल रहा जा सकता है। आध्यात्मिक सत्संग में हर जाति मजहब के मानने वाले लोग उपस्थित हुए और एक साथ बैठकर भोजन प्रसादी प्राप्त की, उक्त कार्यक्रम में पन्ना जिले के अलावा प्रदेश भर से गुरू जी के अनुयायी शामिल हुए।

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