बाघ की दहाड़ और गांव में दहशत…. खेतों और सड़कों पर दिखा बाघ..
आनंद ताम्रकार
बालाघाट १० दिसंबर ;अभी तक ; बालाघाट जिले के वन परिक्षेत्र कटंगी के ग्राम महकेपार में रविवार को सुबह बाघ सड़क व फिर खेतों में किसानों को विचरण करते दिखाई दिया। जिससे खेतों में काम करने वाले किसान अपनी जान बचाकर घर भाग आए। किसान बताते हैं कि बाघ की दहाड़ भी सुनाई देती हैं जिससे गांव में दहशत बनी हुई हैं…. सड़क से आना जाना कर रहे राहगीरों ने खेत में बाघ के विचरण करने का वीडियो बनाया और इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया।
जानकारी के अनुसार, ग्राम खैरलांजी से अंबेझरी मार्ग पर करीब 15 दिनों से बाघ दिखाई दे रहा है। जिससे राहगीरों को इस मार्ग से आने जाने में भय बना रहता है। दरअसल, ग्राम खैरलांजी जिले के अंतिम सीमा पर होने के साथ ही ये गांव बावनथड़ी नदी पर बने राजीव सागर जलाशय के निचले हिस्से में बसा है। जिससे खैरलांजी से अंबेझरी मुख्य मार्ग पर पड़ने वाला नाले का रपटा के ऊपर जुलाई से फरवरी तक डूबा रहता हैं और वर्तमान में इस रपटा पर पानी है। ऐसे में यहां के लोगों को घने जंगल से होकर आठ किमी का कच्चा रास्ता तय करना पड़ता है। इसी मार्ग में लोगों को रोजाना दिन में बाघ दिख रहा है। बाघ का इन दिनों मूमेंट बड़पानी, गोरेघाट, हेटी, कुडवा, महकेपार, अंबेझरी व खैरलांजी में है। बाघ के मूमेंट की जानकारी जहां से मिलती है वन अमला मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को शाम होते ही लाइट जलाने के साथ ही दिन में खेत व सूनसान क्षेत्र में अकेले नहीं जाने की सलाह दे रहे है।
बता दें कि कटंगी और तिरोड़ी के जंगल सिवनी पेंच के जंगल से लगा हुआ है। इसके कारण वन्य प्राणी इन जंगल में भी पाए जाते है। हालांकि बाघ ने अभी तक किसी को हानि नहीं पहुंचाई है, लेकिन खेतों में धान मिसाई के साथ बोवाई का कार्य तेजी से चल रहा है। जिससे किसान खेतों में रहते है। अब बाघ खेतों में विचरण कर रहा है तो किसान दहशत में है।