महिला ने सायबर ठगी से अपने आप को बचाया

आशुतोष पुरोहित
खरगोन 2४  मार्च: ;अभी तक; मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय पर हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से वॉइस क्लोनिंग कर ₹50000 की ठगी की गई थी। लेकिन जागरुक होकर आज एक महिला ने ऐसे प्रयास को विफल कर दिया।
खरगोन के बालाजी नगर में अपने भाई के घर आई सविता सोनी ने आज शाम पत्रकारों को बताया कि उसे करीब 11:30 बजे एक फोन आया। उसने ट्रू-कॉलर ऐप में देखा तो यह पुलिस की यूनिफॉर्म पहने हुए किसी व्यक्ति का फोन था।
सामने वाले व्यक्ति ने कहा कि  उसकी लड़की और तीन सहेलियां 25 लाख रुपए के स्कैम में फंस गई है। और यदि वह उन्हें 25 लाख रुपए देती है तो चारों को केस से बाहर निकाला जा सकता है। सविता सैनी ने कहा कि उनकी पुत्री विदेश में रहती है। इस पर पुलिस वाले ने कहा कि वह वहीं से उन्हें कॉल कर रहे हैं।
सविता सैनी की पुत्री विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। उन्होंने बताया कि उनकी प्रतिदिन उस मोबाइल पर चर्चा होती है।
कथित तौर पर पुलिस के कॉल से सविता सैनी घबरा गई लेकिन उन्होंने हिम्मत से काम लेते हुए कहा कि उनकी पुत्री तो उनके घर पर ही है। सविता सैनी ने अपनी भतीजी को अपनी पुत्री बताते हुए पास में बुलाया और फोन पर बात करा दी। इस पर सामने वालों ने फोन काट दिया।
इसके बाद उन्होंने फिर से फोन लगाते हुए कहा  कि वह मंदसौर से बोल रहे हैं और उन्हें तत्काल आना होगा। सविता सैनी ने कुछ दिन पहले खरगोन के एक पेट्रोल पंप व्यवसायी की पत्नी से ₹50000 की साइबर ठगी का हवाला देते हुए संबंधित व्यक्ति को जमकर खरी खोटी सुना दी।
खरगोन की इस घटना में सीबीआई ऑफिसर बनते हुए फोन किया गया था कि उनकी लड़की एक बड़े स्कैम में फस गई है । उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से उनकी लड़की की वॉइस क्लोनिंग भी तैयार करके उनको सुना दी थी। उसे करीब ढाई घंटे तक फोन में उलझाए रखा गया था। इसके बाद बुरी तरह घबराई व्यवसायी की पत्नी ने 50000 रुपए ट्रांसफर कर दिए थे। हालांकि थोड़ी देर बाद उनकी पुत्री से कांटेक्ट हो गया था और उसने बताया था कि दरअसल वह सो रही थी। और उसके साथ इस तरह की कोई घटना नहीं हुई।
 खरगोन की यह घटना मीडिया में प्रकाशित हुई थी इसके बाद जागरूकता फैली और आज महिला ठगी से बच गई।