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सहिष्णुता व्यक्तिगत जीवनशैली में अपनाना होगी
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २२ नवंबर ;अभी तक ; राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मन्दसौर के प्राचार्य डॉ. दिनेश चन्द्र गुप्ता ने बताया कि भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के अन्तर्गत इतिहास विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम के आयोजन किए गए । जनभागीदारी अध्यक्ष माननीय श्री नरेशजी चंदवानी ने सहिष्णुता पर आधारित कार्यक्रम करवाने पर प्रसन्नता व्यक्त की ।
भारत में सहिष्णुता विषय पर इतिहास विभाग की डॉ. उषा अग्रवाल ने अपने व्याख्यान में कहा कि संहिष्णुता वह है जिसमें हम दूसरे के विचारों, आस्थाओं एवं संस्कृतियों का सम्मान करते हैं। चाहे वे विचार हमारे स्वयं के विचारों से अलग हो । आज के युग में सहिष्णुता केवल गुण ही नहीं है बल्कि आवश्यकता है जो समाज को शांति, समृद्धि और विकास की दिशा में ले जाती है। हमें सहिष्णुता व्यक्तिगत शैली में अपनाना होगी तभी एक बेहतर और समावेशी समाज और दुनिया का निर्माण हो सकता है। भारत में सहिष्णुता का इतिहास बहुत पुराना है । विभिन्न धर्म और संस्कृति का मिलाजुला रूप सदा से रहा है। राजा भी वही सफल रहें, जिन्होंने सहिष्णुता की नीति अपनाई।
इस अवसर पर डॉ. राजेश सकवार द्वारा विद्यार्थियों के समक्ष सहिष्णुता पर आधारित वीडियो का प्रदर्शन किया गया । डॉ. श्वेता चौहान द्वारा सहिष्णुता पर आधारित पेंटिंग प्रतियोगिता करवाई गई । कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिवकुमार पाण्डेय द्वारा किया गया एवं आभार सुश्री शबनम खान द्वारा व्यक्तकिया।