टिकट ना मिलने के कारण दलों की अंदर बगावत की सुर सुनाई देने लगे

आनंद ताम्रकार

बालाघाट २० अक्टूबर ;अभी तक;  विधानसभा चुनाव के लिये जैसे जैसे नामांकन प्रस्तुत करने की तिथि नजदीक आ रही है वैसे वैसे बालाघाट जिले की राजनीति परिदृश्य में बदलाव दिखाई देने लगा है कही टिकट ना मिलने के कारण दलों की अंदर बगावत की सुर भी सुनाई देने लगे है।

विगत 2018 के चुनाव में महज 2 सीट पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी इस बार प्रत्याशियों की घोषणा होते ही कार्यकर्ताओं और नेताओं में व्याप्त असंतोष उग्र होता दिखाई दे रहा है।

इसकी शुरुआत वारासिवनी-लांजी और अब कटंगी में भी दिखाई देने लगा है टिकट के ख्वाहिशमंद टिकट ना मिलने से अब कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके है।

कल गुरुवार को टिकट ना मिलने से लांजी के पूर्व विधायक रमेश भटेरे ने कार्यकर्ताओं की आर्शिवाद बैठक बुलाकर शक्ति प्रदर्शन किया और स्पष्ट कर दिया की वे चुनाव लडेगें।

यह उल्लेखनीय है की लांजी से भाजपा ने राजकुमार कर्राहे को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
टिकट मिलने तक कर्राहे आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी थे उनको टिकट मिलते ही रमेश भटेरे ने अपने बगावती सुर में उनका खुलकर विरोध कर रहे है।
वहीं वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय विधायक एवं खनिज निगम के अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल को भाजपा में प्रवेश देने से वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा में तीव्र असंतोष व्यक्त किया जा रहा है।
कल शुक्रवार को ही क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और पोलिंगबुथ पदाधिकारीओं की एक बैठक बुलाई गई जिसमें पूर्व विधायक डाक्टर योगेन्द्र निर्मल ने खुलकर कहा की यदि जायसवाल को उम्मीदवार बनाया जाता है तो भाजपा के कार्यकर्ता उनका कोई काम नहीं करेंगे।
इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कह दिया की अगर कार्यकर्ता ने आदेश दिया तो वे निर्दलिया तौर पर चुनाव समर में उतरेंगे।
कमोवेश यही हालात कटंगी विधानसभा क्षेत्र के है जहां से भाजपा के पूर्व सांसद बोधसिंह भगत को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है जिसका कांग्रेसी की नेत्री केशर बिसेन खुलकर विरोध कर ही है। उन्होने कहा की वे संगठन से पिछले 15 वर्षों से जुड़ी है और कांग्रेस को क्षेत्र में मजबूती प्रदान की है। उनके संघर्ष को दरकिनार रखते हुए भाजपा से आये भगत को टीकट देकर कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं का अपमान किया है जिसके कारण कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। उन्होने भी कल कार्यकर्ताओं की बैठक में स्पष्ट कर दिया है की वे निर्दलीय के तौर चुनाव लडेंगी।
भाजपा द्वारा कटंगी से गौरव सिंह पारधी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसका भी कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है उन्हें क्षेत्र के बाहर का बताया जा रहा है।
इस प्रकार 2023 का विधानसभा चुनाव में बालाघाट जिले में अप्रत्याशित परिणाम दिखाई देंगे ऐसी संभावना दिखाई दे रही है।
वैसे भी जिले में 20 सालों से अपने क्षेत्र से प्रतिनिधित्व कर रहे विधायकों को परिवर्तन करने की भी लहर मतदाताओं के मन में हिलोरे ले रही है।