प्रदेश

नहले पर दहला किसका होगा भाजपा या कांग्रेस

मयंक शर्मा

खंडवा, 11 मई , अभीतक ।  संसदीय इतिहास पर नजर डाले तो खंडवा संसदीय सीट पर अब तक हुए चुनाव पर गौर किया जाए तो पूर्व में हुए दो उप चुनाव सहित 17 आम चुनाव में नौ बार कांग्रेस तथा नौ बार भाजपा, सहयोगी भारतीय लोकदल और जनता पार्टी के प्रत्याशी विजयी हुए है।
मध्य प्रदेश के चैथे चरण के लोकसभा चुनाव की खंडवा सीट पर भी शनिवार को शाम छह बजे प्रचार थम गया।भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी पडाव के अंतिम क्षण तक अपने लिये वोट मांगने के लिये जुटे रहे। हाशिये पर कां्रंग्रेस  का  2009 के लोस चुनाव मे जीत के अपववाद छोडकर 1996  से निंरतर संसदीय चुनाव में हार झेलता रहा है लेकिन इस बार मतदाता  का अधिक मौन और कांग्रेस के पक्ष में मुस्लिम वोटो का रूझान भाजपा प्रत्याशी के होश उडाये हुये है। पिछले 8 मे से एक बार की  हार को छोडकर नंदकुमारसिंह चैहान ही निमाड की नैयया बनकर भाजपा के क्षत्रप रहे । 2019 में उन्होने लोस चुनाव  2.73 लाख वोटों से जीता वही उनके निधन के बाद 2021 मे हुये उपचुनाव में जीत का पैमाना घटकर 82 हजार वोटों पर सीमित हो गया।भाजपा कांग्रेस मे 6.5 फीसदी वोटा  का अंतर से कांग्रेस उममीदवार राजनारायण सिंह पिछड गये।
मतदान प्रतिशत घटने और मुस्लिमों का बडा बोट बेंक का कांग्रेस के प्रति खीचता रूझान के चुनाव के पूर्वानुमाप पर असंमसता के बादल खडे कर दिये है।
ृृृ उपचुनाव मे जीत के बाद ज्ञानेश्चर पाटिल को ही भाजपा ने 2024 में पुन विश्वास जताकर मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने नये चेेहरे के रूप में नरेन्द्र पटेल निवासी सनावद पर दंाव ख्ेाला है। वे खरगौन के पूर्व सांसद स्व ताराचंद पटेल क परिवार होने से उनकी इतनी ही पहचान है ।वहीं उनके खरगौन जिले की 2 विस क्षेत्र भीकनगांव व बडवाह भी खंडवा लोस क्षेत्र का हिस्सा होने से उनहे राहत होगी वहीं 8 में से केवल  भीकनगांव विस क्षेत्र पर कांग्रेस का कब्जा हे।हाल ही के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बड़वाह से नरेन्द्र पठेल को प्रत्याशी बनाया था। जो भाजपा के सचिन बिरला से हार गए थे। अब लोकसभा में उनका मुकाबला भाजपा के मौजूद सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से है।

वैसे निमाड का पूर्वी अचंल विकास के आईने में आगे पाठ पीछे सपाट की तर्ज पर अधिक भरोसा जताता रहा है यही कांरण है कि 20 साल शुरू की योजनायें अभी भी अधर मे है। इनमें खंडवा का रिंग रोड पृ्रथक ट्ांसपोर्ट नगर खंडवा इंदौर रेल मार्ग का अमान परिवतैन खडवा ंइदौर सडक मार्ग का उन्नयन कर फोर लेन यहां तक कि खंडवा को जलापूर्ति की डेढ सा करोड की नर्मदा याजना का भी पलीता ही लगा है। नया उदयोग नहीं खुला हे तो भ्रष्ठाचार बेलगाम ही रहा है।
ऐसे मतदाताओ की चुप्पी और दम तोडता  चुनाव प्रचार में अंसमजसता ही अधिक है कि चुनावी उंट किस करवट बैठेगा।  मौन रहकर मतदाता  दलीय दावों को परख रहा है ।चे भाजपा के मप्र लोकसभा चुनाव प्रभारी महेंद्र प्रताप सिंह ने गत दिनों यहा पार्टी पदाधिकारियों की बैठक ली। बैठक में स्थानीय संगठन पदाधिकारियों द्वारा सवालों के जवाब नहीं मिलने से सिंह नाराज हुए। सिंह ने नेताओं से कहा यहां पर ऐसा लग रहा है सभी मोदीजी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर इशारा) के भरोसे चुनाव में बैठे हैं।इसके बाद

निरूत्साहित   भाजपा  कार्यकर्ताबों को सकिय किया गया। हालात समझकर भाजपा के आला नेताओं की  क्षेत्र मे दौड सतत बना दी।।
कांग्रेस प्रत्याशी नरेन्द्र पटेल द्वारा किसी बडे नेता की आमद न होने पर उन्होने  कहा कि कांग्रेस में विकास का रफतार  मिलती है और यही बुनियाद पर वे मतदाताओं के नजदीक है।भाजपा और कांग्रेस ने मतदाताओं से संपर्क साधने में पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के पक्ष मे मुख्यमंत्री डा. यादव  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा पूर्व सीएम शिवराजसिंह उपमुख्यमंत्री जगदीश देवडा जरूर दस्तक दे चुके है।
सोमवार 13 मई को सुबह 7 से शाम 6 बजे तक मतदान होना है।संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदान समाप्ति के लिये निर्धारित समय के 48 घण्टे पहले से चुनाव प्रचार बंद करने का प्रावधान है। प्रचार-प्रसार समाप्त होने की समय-सीमा के बाद बाहरी क्षेत्र के उन व्यक्तियों को, जो उस लोकसभा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, उन्हें वह निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने की हिदायत दी है।
पूर्व और पश्चिम के कुछ क्षेत्रों व मालवा की बागली विस क्षेत्र को मिलाकर बना खंडवा लोकसभा सीट पर इसबार बीजेपी कांग्रेस में जोरदार मुकाबला  है.। खंडवा कभी कांग्रेस पार्टी का गढ़ हुआ करता था. कांग्रेस ने यहां 8 बार जीत दर्ज की बाद में यह बीजेपी का किला बन गया है. 1996 के बाद बीजेपी यहां लगातार जीत दर्ज कर रही है. (2009 के चुनाव को छोड़कर)। नंद कुमार चैहान ने ही 6 बार जीत दर्ज की।
राजनैतिक पंडित  जीत हार के गुणा भाग में लगे हैं.। यह अंदेशा अधिक है कि दन दिननों 42-43 ड्र्रिग्री के आसपास की प्रचण्ड गर्मी के कारण मतदान का प्रतिशत मे कौतही  करेगी । सामानय तः मतदान का प्रतिशत 70 तक पुहुंचता है लेकिल उत्साह में देखाी ज रही कर्मी और भीषण गर्मी से मतदान 55 फीसदी के पार नही जा पाया ातो यह भाजपा के लिये मुष्किल करेगा।   लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा के साथ सूर्य भ्री चमकीला है। विधानसभाए चुनाव में जीत के बाद बीजेपी लोकसभा चुनाव में भी उसी प्रदर्शन को दोहराने की तैयारी कर रही है तो वहीं कांग्रेस अपनी खोई जमीन पाने की जुगत में है.।

2021 में हुए उपचुनाव में बीजेपी के ज्ञानेश्वर पाटिल ने कांग्रेस के राज नारायण सिंह पूरनी  को 82,140 वोटों से हराया था. पाटिल को जहां 6,32,455 वोट मिले वहीं कांग्रेस के राजनारायण को े 5,50,315 वोट. मिले। कुल वोटों में 49.85 वोट भाजपा को मिले.वहीं कांग्रेस को 43.38 प्रतिशत वोट मिले. ।भारतीय ट्राइबल पार्टी के दारासिंह पटेल खतवासे को 17,564 वोट कुल वोटों का 1.38 प्रतिशत. वहीं निर्दलीय डॉ. हरेसिंह गुर्जर को 17,463 वोट मिले थे.।
इससे पहले 2019 में यहां बीजेपी के नंदकुमार सिंह चैहान ने जीत दर्ज की थी. नंदकुमार सिंह चैहान ने कांग्रेस के अरुण सुभाष यादव को 2,73,343 वोटों से हराया था. ।नंदकुमार चैहान को जहां 8,38,909 (57 प्रतिशत) वोट मिले थे वहीं अरुण यादव को 5,65,566 वोट।.  2014 में भी बीजेपी के नंदकुमार चैहान ने अरुण सुभाष चंद्र यादव को शिकस्त दी लेकिन 2009 में अरूण् यादव ने नंद कुमारसिंह को शिकस्त दी थी।.
खंडवा में 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के बाबूलाल तिवारी ने जीत दर्ज की थी. बाबूलाल तिवारी 1957 में भी जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे. 1962 में कांग्रेस के महेशदत्त मिश्रा, 1967 और 1971 में गंगाचरण दीक्षित ने जीत दर्ज की.1979 में जनता पार्टी के परमानंद गोविंदजीवाला और जनता पार्टी की टिकट पर ही 1979 में कुशाभाऊ ठाकरे ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1980 में कांग्रेस के ठाकुर शिवकुमार सिंह, 1984 में कांग्रेस के कालीचरण साकारगे, 1989 में बीजेपी के अमृतलाल तारवाला, 1991 में कांग्रेस के ठाकुर महेंद्र कुमार सिंह, 1996, 1998,  1999 2003 2014 2919 में बीजेपी के नंद कुमार चैहान ने जीत हासिल की. इसके बाद 2009 में कांग्रेस के अरुण यादव खंडवा के सांसद बने
खंडवा लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा- बुरहानपुर, नेपानगर, (जिला बुरहानपुर) खंडवा ंपंधाना, मांधाता, (जिला खंडवा) बड़वाह, भीकनगांव (जिला खारगौन) और बागली (जिला देवास ) सीट शामिल हैं. 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में 8 में से सात पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है।

. खंडवा में कुल 19,09,055 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या-9,25,890 जबकि महिला मतदाताओं की संख्या-9,83,088 है. यहां थर्ड जेंडर निर्वाचक 77 हैं. 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां मतदान प्रतिशत 76.90ः था.।

नीरस भरे चुनाव में इस बार  कांग्रेस से मिल रही चुनौती को देखते हुए भाजपा ने एक-एक सीट पर कांग्रेस की घेराबंदी करने के लिए नेताओं की फौज े उतार दी है। संगठन पदाधिकारी बूथ प्रबंधन के काम में जुटे हैं। कमजोर बूथों को चिह्नित कर वहां विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 13 मई को मतदान होना है।

कांग्रेस में गुर्जर समाज से वरिष्ठ कांग्रेसी नरेंद्र पटेल (सनावद) तो भाजपा ने पिछड़ा वर्ग के ज्ञानेश्वर पाटिल बुरहानपुर को उम्मीदवार बनाया है। यहां से तीन बार चुनाव लड़ चुके कांग्रेस के पूर्व सांसद अरुण यादव द्वारा चुनाव से कदम पीछे खींचने से उनके समर्थक पटेल को पार्टी ने टिकिट दिया है।

खण्डवा संसदीय क्षेत्र में लोकसभा निर्वाचन 2024 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए खण्डवा जिले के खण्डवा, पंधाना एवं मांधाता विधानसभा क्षेत्रों में सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। ये सेक्टर अधिकारी अपने क्षेत्र के मतदान केन्द्रों में स्वतंत्र निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करायेंगे। ं कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनूप कुमार सिंह ने  कही से किसी भी घटना की सूचना मिलने पर तुरंत पहुंचे और समस्या का समाधान करायें। सभी सेक्टर अधिकारी एवं पुलिस सेक्टर अधिकारी अपने क्षेत्र का दौरा करें ।पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर इंदल सिंह पवार ने भी बुधवार को भाजपा की सदस्यता ले ली है। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने आज भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। बता दें कि, मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने ठाकुर इंदल सिंह पवार को भाजपा की सदस्यता दिलाई है।
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ये है नरेन्द्र पठेल‘‘‘‘‘

सनावद निवासी 63 वर्षीय नरेंद्र पटेल बारहवीं तक शिक्षित है। उनका व्यवसाय खेती किसानी है। वर्तमान में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री है। वर्ष 1995 से 98 तक जिला कांग्रेस महामंत्री, 2006 से 12 तक ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके है। हाल ही में जीवन का पहला चुनाव 2023 में बड़वाह विधानसभा सीट से लड़ा था। भाजपा के सचिन बिरला से उन्हे पराजय का सामना करना पड़ा।राजनीति में लंबे समय से सक्रिय नरेंद्र पटेल पूर्व सांसद अरुण यादव के समर्थक और पूर्व सांसद तथा विधायक ताराचंद पटेल के भतीजे हैं। उनके काका ताराचंद पटेल सहित अन्य कांग्रेस नेताओं के चुनाव कार्यक्रमों का संचालन वे कर चुके हैं। पिता प्यारेलाल पटेल सनावद नगर पालिका में पार्षद व भोगांवा निपानी ग्राम पंचायत से सरपंच रह चुके हैं। राजनीति के अलावा सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। गुर्जर समाज की कई संस्थाओं में बतौर ट्रस्टी व सदस्य हैं।
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खंडवा संसदीय क्षेत्र के सांसद’’’’’’’’’’

वर्ष – विजयी प्रत्याशी – पार्टी – निवासी
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1952 – बाबूलाल तिवारी – कांग्रेस – खंडवा
1957 – बाबूलाल तिवारी – कांग्रेस – खंडवा
1962 – महेश दत्त मिश्र – कांग्रेस – हरदा
1967 – गंगाचरण दीक्षित – कांग्रेस – खंडवा
1971 – गंगाचरण दीक्षित – कांग्रेस – खंडवा
1977 – परमानंद गोविंदजीवाला – बीएलडी – बुरहानपुर
1979(उपचुनाव) – कुशाभाऊ ठाकरे – भाजपा – भोपाल
1980 – शिवकुमार सिंह – कांग्रेस – बुरहानपुर
1984 – कालीचरण सकरगाये – कांग्रेस – खंडवा
1989 – अमृतलाल तारवाला – भाजपा – बुरहानपुर
1991 – महेंद्रकुमार सिंह – कांग्रेस – बुरहानपुर
1996 – नंदकुमारसिंह चैहान – भाजपा – बुरहानपुर
1998 – नंदकुमारसिंह चैहान – भाजपा – बुरहानपुर
1999 – नंदकुमारसिंह चैहान – भाजपा – बुरहानपुर
2004 – नंदकुमारसिंह चैहान – भाजपा – बुरहानपुर
2009 – अरूण सुभाषचंद्र यादव – कांग्रेस – खरगोन
2014 – नंदकुमारसिंह चैहान – भाजपा – बुरहानपुर
2019 – नंदकुमारसिंह चैहान – भाजपा – बुरहानपुर
2021 (उपचुनाव)- ज्ञानेश्वर पाटिल – भाजपा – बुरहानपुर

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