अवयस्‍क बालिका को बहला-फुसलाकर ले जाकर दुष्‍कृत्‍य करने वाले आरोपी को हुआ 10 वर्ष का कठोर कारावास

विधिक संवाददाता
इंदौर  ७ मार्च ;  प्रभारी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती आरती भदौरिया ने, ने बताया कि दिनांक 06.03.2024 को माननीय न्‍यायालय – तेरहवें अपर सत्र न्‍यायाधीश एवं विशेष न्‍यायाधीश, (पॉक्‍सो एक्‍ट) श्रीमती सुरेखा मिश्रा, ने थाना खजराना, इंदौर जिला इन्‍दौर के अपराध क्रमांक 578/2021 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी पूनम, उम्र 22 वर्ष, निवासी इंदौर को धारा 376(2)(के), 376(1) भा.दं.सं. में 10-10  वर्ष का सश्रम कारावास व धारा 366 भा.दं.सं. में 7 वर्ष का सश्रम कारावास व कुल 9000/- रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण में जिला अभियोजन अधिकारी के निर्देशन में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती सुशीला राठौर एवं विशेष लोक अभियोजक श्रीमती अमिता जायसवाल द्वारा की गई।
                               अभियोजन का प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार है कि बालिका की माता ने पुलिस थाना खजराना, जिला इंदौर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 21-06-2021 को वह अपने भाई की शादी में अपने मायके  खजराना, इंदौर में अपने परिवार के साथ आई थी। रात्रि करीब 08 बजे उसकी लड़की बालिका, उम्र 17 वर्ष 08 माह तथा परिवार के अन्य सदस्य साथ बैठे हुए थे। ज्यादा थक जाने के कारण उसकी झपकी लग गई थी। जैसे ही उसकी झपकी खुली तो उसने लड़की बालिका को मकान में तथा आसपास देखा, लेकिन उसकी लड़की बालिका कहीं नहीं दिखी। उसने परिवार के अन्य सदस्यों से पूछा, लेकिन सभी ने कोई जानकारी नहीं होना बताया। फिर उसने अपनी लड़की बालिका की तलाश आसपास कॉलोनी में, रिश्तेदारों में तथा अन्य कई जगह की, लेकिन कोई पता नहीं चला।
                                 बालिका की माता की रिपोर्ट पर से पुलिस थाना खजराना, जिला इंदौर में गुमशुदा व्यक्ति पंजीयन क्रमांक 0099/2021 दर्ज कर अपराध क्रमांक 578/2021 अंतर्गत धारा 363 भा.दं.सं की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना दौरान बालिका को दस्‍तयाब किया गया जिसने बताया कि वह पूनम के साथ गई थी, जिसका मेडिकल परीक्षण करवाया गया एवं साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए बाद   संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिस पर से अभियुक्‍त को उक्‍त दण्‍ड से दण्डित किया गया।