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ऑन ड्यूटी पेट्रोलमैन की सतर्कता ने संभावित दुर्घटना को रोका

मंदसौर २५ अगस्त ;अभी तक ;  24 अगस्‍त, 2024 को ऑन ड्यूटी नाइट पेट्रोल मैन रात्रि लगभग 22.00 बजे तेज बारिश में भी मंगलमहूड़ी से लीमखेड़ा के मध्‍य अपनी ड्यूटी कर रहे थे।  उसी दौरान मंगलमहूड़ी एवं लीमखेड़ा स्‍टेशनों के मध्‍य अप लाइन पर किमी 516/35 से 516/33 के बीच ट्रैक के नीचे से पानी के तेज बहाव के कारण गिट्टी के कटाव को देखा। इसे देखते ही इसकी सूचना अपने वरिष्‍ठ अधिकारियों एवं कंट्रोल को दी गयी ।
                                  रतलाम रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी श्री खेमराज मीणा ने बताया कि जानकारी मिलते ही मंडल रेल प्रबंधक अन्‍य अधिकारियों के साथ प्रभावित स्‍थल की ओर रवाना हो गये तथा कुछ अधिकारी रेलवे कंट्रोल ऑफिस से ट्रेनों के परिचालन कार्य को संभाला।  इंजीनियरिंग, आपरेटिंग, सिगनल, टीआरडी, पावर एवं अन्‍य विभागों के अधिकारी मंडल रेल प्रबंधक रतलाम के निर्देशानुसार तत्‍काल युद्धस्‍तर पर ट्रैक मरम्‍मत एवं ट्रेनों के परिचालन कार्य मे लग गये। कुछ ही देर में यहॉं से अवंतिका सहित अन्‍य कई ट्रेने इस ट्रैक से गुजरने वाली थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए गोधरा की तरफ जाने वाली ट्रेनों को विभिन्‍न स्‍टेशनों पर रोका गया तथा मंडल रेल प्रबंधक के निर्देशन में मंगलमहूड़ी-लीमखेड़ा के मध्‍य सिंगल लाइन वर्किंग कार्यप्रणाली अपनाकर अप एवं डाउन दोनों दिशाओं की ट्रेनों को एक-एक कर निकाला गया।
                           मानसून के दौरान इस प्रकार की परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार पत्‍थर के टूकड़ों, क्‍वेरी डस्‍ट, बोल्‍डर से भरी रेक को तुरंत प्रभावित स्‍थल की ओर रवाना किया गया। रात्रि में तेज बारिश के दौरान भी मंडल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा लगातार कार्य कर लगभग पांच घंटे में ट्रैक को ठीक किया गया तथा अप लाइन से लगभग रात्रि 04.15 बजे से स‍तर्कता आदेश के सा‍थ ट्रेनों का परिचालन पुन: आरंभ हुआ।
                          रतलाम मंडल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्यनिष्‍ठा ने इस कार्य को शीघ्रता से करते हुए पांच घंटे में सम्‍पन्‍न किया गया।
                            रतलाम मंडल द्वारा प्रभावित स्‍थल पर लगातार कार्य जारी है तथा मंडल ने मानसून के दौरान इस प्रकार के स्‍थलों की पहचान कर वहॉं लगातार निरीक्षण एवं पेट्रोलिंग का कार्य किया जा रहा है ताकि यदि इस प्रकार की कोई प्राकृतिक घटना होती है तो तत्‍काल उसपर सुधारात्‍मक कार्यवाही की जा सके।

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