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दशपुर जागृति संगठन ने मनाया वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर  १८  जून ;अभी तक;  महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर दशपुर जागृति संगठन जिला इकाई मंदसौर द्वारा नगर पालिका के सहयोग से लक्ष्मीबाई चौराहे पर पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया। संगठन ने वीरांगना का बलिदान दिवस ‘‘जब तक सूरज चांद रहेगा लक्ष्मीबाई का नाम रहेगा’’, ‘‘लक्ष्मीबाई का यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान’’ के नारों के साथ मनाया गया। राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर एवं नपाध्यक्ष रमादेवी गुर्जर  ने भी अवसर पर उपस्थित होकर महारानी लक्ष्मीबाई की प्रतीमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर ब्रह्मकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय की उषा दीदी व हेमलता दीदी द्वारा शपथ दिलाई गई।
                                      देश के अंदर बढ़ते भ्रष्टाचार, आतंकवाद, बलात्कार की घटनाएं हमें चिंतित करती है इन महान क्रांतिकारी का स्मरण इसीलिए किया जाता है कि हमारा राष्ट्र बलिदान और त्याग पर खड़ा है और इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल शासकीय व्यक्ति की न होकर आम आदमी की है और आम आदमी ही भ्रष्टाचार की जड़ों को उखाड़ फेंकेगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि संगठन के वरिष्ठ चंद्रप्रकाश बिश्नोई ने कहा दशपुर जागृति संगठन की आवाज को सुना जाने लगा है यह 15 वर्षों की मेहनत का ही कमाल है। घर-घर क्रांतिकारी पहुंचाना हमारा लक्ष्य रहेगा। उनकी विचारधाराओं का देश बनकर रहेगा। 2026 तक सफेद पोज एवं ईमानदार कहीं जाने वाली यदि नहीं सुधरे उनकी संपत्तियों को राजसात किया जाएगा । यह कार्य 2026 में पूर्ण करेंगे किया जाएगा। संगठन ने मांग की एक आधार कार्ड एक संपत्ति। आपने कहा कि लक्ष्मीबाई का बलिदान हमें इसलिए याद आता है कि आज के दिन 18 जून को उन्होंने साधु से कहा था की घास फूस लाकर मुझे अग्नि संस्कार कर दिया जाए मैं अंग्रेजों के हाथों नहीं पकड़ा जाना चाहती हूं ऐसी वीरांगना के देश में अंदर यदि भ्रष्टाचारी पनपते हैं मातृशक्तियों के ऊपर हमला होता है बलात्कारों की संख्या बढ़ती है तो भी चिंता पैदा करता है इसके लिए अग्नि वीर जैसी बहनों की भर्ती की जाए।
संगठन के वरिष्ठ सदस्य राजाराम तंवर, अजीजुल्ला खान खालिद अपने विशेष सहयोग किया। कार्यक्रम में संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष हरिशंकर शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा आज समय की आवश्यकता है घर से निकलकर चौराहे पर अपनी बात को रखें और किसी के भरोसे ना रहे। राष्ट्र परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है अपने कार्यों में तेजी लाएं पोस्टकार्ड अभियान चलाएं । संगठन के सचिव आशीष बंसल ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। महेश शर्मा ने क्रांतिकारी कविता का पाठ किया । संगठन की सीमा चौरडिया ने भी अपने विचार रखते हुऐ कहा कि आज राष्ट्र में बहनों के अधिकारों को और आवश्यकता है भारत पुरुष प्रधान देश हमेशा रहा है इसलिए महिलाओं को कमजोर समझ जाता है यदि महिलाओं को अधिकार दे दिए जाएंगे तो वह और अच्छे से कार्य करेंगे । राष्ट्रीय सेवा में भर्ती बहनों को और प्राथमिकता दी जाना चाहिए अग्नि वीर जैसी बहनों को अभी नियुक्ति की जाना चाहिए ।
संगठन के युवा साथी अरुण गोड़ ने कहा कि जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख चारों तरफ जहां भी देश को जरूरत है अग्नि वीरों की संख्या बढ़ाई जाए और चप्पे-चप्पे पर युवाओं को रखा जाए। भारत में युवाओं की कमी नहीं है देशद्रोहियों को घर से निकलकर उनकी संपत्तियों को तहस-नहस किया जाए। संगठन के उपाध्यक्ष बीएस सिसोदिया ने सबका आभार मानते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का सपना नगर पालिका अध्यक्ष रामा देवी गुर्जर अवश्य पूरा करेंगी, राज्यसभा सांसद श्री बंसीलाल गुर्जर ने भी इस पर मोहर लगाई है की 2024 में हमारी पूरी कोशिश रहेगी की नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को नगर में लगाया जाएगा। संगठन के उपाध्यक्ष बीएस सिसोदिया अपनी पोती पूर्वी सिसोदिया को महारानी लक्ष्मीबाई की ड्रेस पहन कर लाये। उन्होंने बच्चियों के अंदर देशभक्ति के संस्कार आए ऐसा प्रयास किया। कमलेश दुबे पूर्व बैंक अधिकारी ने कहा कि संगठन की गतिविधियों को राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाता है लक्ष्मीबाई के इस बलिदान दिवस पर हम शपथ लेते हैं की राष्ट्र के लिए जब भी जरूरत पड़ेगी हम अग्निवीर भूमिका में कार्य करेंगे। संगठन के हमेशा सहयोगी कन्हैयालाल सोनगरा ने कहा मुझे खुशी है कि आज नगर की पहचान क्रांतिकारी नगरी से बन रही है नगर पालिका भी अपना इसमें अपना बड़ा योगदान देगी इसके लिए मैं सतत आपकी बात को अध्यक्ष महोदया के समक्ष रखा है संगठन की प्रत्येक कार्य नगर के विकास के लिए इसके साथ में जुड़कर कार्य करता रहूंगा।
संगठन के संयोजक सत्येंद्र सिंह सोम ने कहा कि यह देश का पहला संगठन है जो आजादी के महानायकों का स्मरण करते हुए उनकी विचारधारा को स्थापित करने के लिए चौराहे-चौराहे पर अपनी आवाज रख रहा है और जो देशभक्त है वह इसकी आवाज को सुन भी रहे हैं। लक्ष्मीबाई का यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान का मतलब यह है कि किसी भी क्रांतिकारी का बलिदान बेकार नहीं जाएगा हम लक्ष्मीबाई के बलिदान पर शपथ लें कि हम भी मातृशक्ति की रक्षा करेंगे और वीरांगना लक्ष्मीबाई के पद चिन्हों पर अपनी बच्चियों को और परिवार की बेटियों को चलाएंगे यही संकल्प लेना चाहिए। यह जानकारी सत्येंद्र सिंह सोम ने दी।

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