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एस आई द्वारा स्वयं वर्दी फाड़ने  का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल *7 माह पूर्व नाटकीय तरीके से वर्दी फाड़ने का पार्षद पति पर लगाया गया था आरोप

एस पी वर्मा
सिंगरौली १६ सितम्बर ;अभी तक ;   जिले के सोशल मीडिया यूजर्स को आज पूरे दिन हैरत मे डालने वाला   एक वीडियो देखने को मिला. वीडियो मे एक व्यक्ति विचलित होकर अपनी वर्दी व टोपी उतार कर टी आई के चैम्बर मे फेंक रहा हैं. इस दृश्य  को देख वहां मौजूद सभ्रान्त लोग हतप्रभ है. वीडियो मे इससे ज्यादा कुछ लोगों को समझ मे नही आ रहा है और वीडियो पूरे दिन सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा है. यूजर्स कमेंट्स मे एक दूसरे से पूछते भी रहे है कि क्या मामला है, सटीक जानकारी नही होने की वजह से लोग कोई सार्थक जवाब तो नही दे पाए लेकिन वर्दी फाड़ने के चल चित्र की कड़ी निंदा जरूर कर रहे हैँ.
                                 सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो 2 फरवरी 2024 का है,जो कोतवाली टी आई के चैम्बर मे लगे सीसीटीवी मे कैद हुआ था. वीडिओ की पुस्टि मे मिली जानकारी के अनुसार पुरा मामला वार्ड 41 के गौतम बुद्ध नगर मे नाली निर्माण को लेकर है. बताया गया कि कोतवाली मे पदस्थ एस आई विनोद मिश्रा द्वारा अपनी वर्दी व पुलिसिया रौब की वजह से उक्त नगर मे नाली का निर्माण कार्य को रोका गया था, जिसको लेकर वार्ड पार्षद गौरी अर्जुन गुप्ता, ननि से श्री उपाध्याय, तत्कालीन टी आई सुबोध तिवारी व अन्य सभ्रान्त लोगों की मौजूदगी मे वार्ड विकास पर समझौता चल रहा था जहाँ अचानक आवेश मे आकर एस आई ने अपनी वर्दी फाड़ दिया और टोपी बेल्ट फेंक दिया. यहाँ तक तो ठीक है जो वीडियो मे दिख रहा है लेकिन इस वीडियो के सार्वजनिक होने से पूर्व पार्षद के ऊपर वर्दी फाड़ने व एस आई को धमकाने का मनगढंत आरोप लगाया गया था, जिसका पर्दाफास घटना के 7 माह बाद स्वयं हो गया. वीडियो वायरल होने के बाद जहाँ पार्षद पति अर्जुन गुप्ता ने राहत की सांस ली वहीं अब मुखर होकर एस आई के खिलाफ वर्दी का अपमान करने के लिए उन पर कार्यवाही मांग करने लगे.
*क्या है मामला*
                                  जनकारी के अनुसार वार्ड 41के गौतम बुद्ध नगर मे जहाँ पर एस आई विनोद मिश्रा का घर है वहां पर लम्बे समय से नाली नही होने की वजह से स्थानीय लोगों को खासतौर से वरसात के दिनों मे पानी निकासी की समस्या से दो चार होना पड़ता है. जनता की मांग पर पार्षद ने निगामायुक्त व अन्य अधिकारियो को समस्या से अवगत कराकर उक्त बस्ती मे नाली निर्माण का टेंडर पास करवाया. लेकिन पिछले डेढ़ दशक से निवासरत एस आई श्री मिश्रा अपने घर के आगे से नाली नही बनाने देना चाहते. नाली निर्माण कार्य का संविदाकार गया जरूर लेकिन वह बैरंग लौट गया. एस आई श्री मिश्रा का कहना है की वहां पर नाली की जरुरत नही है जबकि बस्ती के हजारों लोगों को नाली के आभाव मे काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
*एस पी व निगमायुक्त के स्थल निररीक्षण व आदेश को दिखाया ठेंगा*
                                  बताया गया कि जब एस आई नाली का निर्माण शुरू नही होने दिया तो पार्षद ने इसकी शिकायत एसपी व निगमायुक्त से की थी, जिसके बाद श्री   तत्कालीन एस पी व निगामायुक्त ने स्थल निरीक्षण कर दोबारा टीम को नाली निर्माण के लिए भेजा था लेकिन  एस आई श्री मिश्रा की दबंगता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इन्होने उक्त द्वय अधिकारियो के आदेश को धता बता कार्य शुरू ही नही करने दिया. मामला गरमानें के बाद आपसी सुलह समझौते व बीच का कोई सुलभ व सरल रास्ता निकालने हेतु 2फरवरी 2024 को टी आई के चैम्बर मे वैठे थे जहाँ अचानक आवेश मे आकर उक्त एस आई ने अपना वर्दी निकाल कर जमीन पर फेंक दिया था जिसे थोड़ी देर बाद ब्लड प्रेसर की शिकायत होने का कारण बताकर मिश्रा पोलिक्लिनिक मे भर्ती कराया गया था.
*7 माह बाद पार्षद को मिली राहत की सांस* *दर्जनों लोगों पर लग चुका है मामला*
                                  स्वयं वर्दी को कलंकित कर पार्षद पर वर्दी को फाड़ने का आरोप लगाने की वजह से पार्षद महोदय डरे व सहमे हुए थे क्योंकि उनके पास इस आरोप को निराधार करने का कोई चल चित्र सबूत नही था, हालांकि वहां मौजूद श्री उपाध्यक्ष, टी आई व अन्य लोग थे लेकिन फिर भी पार्षद कही ना कहीं इस आरोप से ससंकित थे. बताया गया की दबंग एस आई श्री द्वारा बस्ती मे अपनी पुलिसिया धाक दिखा कर तक़रीबन दर्जन भर लोगों के ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है. एस आई के इस व्यवहार से वाकिफ पार्षद पति अर्जुन गुप्ता भी सहमे हुए थे की कही उनके ऊपर भी देर सबेर वर्दी फाड़ने का आरोप सिद्ध कर कही मुकदमा  दर्ज ना कर दें, लेकिन 7माह बाद अचानक घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने से पार्षद ने राहत की सांस ली और अब मुखर होकर पलटवार किया. पार्षद की मांग है की वर्दी का अपमान करने के लिए और जनप्रतिनिधि पर झूठा आरोप लगाने के लिए कानूनी कार्यवाही हो.
*जमीन पांच डिसमिल, निर्माण 7 डिसमिल मे*
                                             एस आई महोदय की कार्यगुजारियो का उदाहरण उनका जमीन व निर्माणाधीन मकान दे रहे हैँ. बताया गया की एस आई श्री मिश्रा ने केवल पांच डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री कराया है और कब्ज़ा 7डिसमिल जमीन मे किया हैँ. जिन्होंने इनको जमीन बिक्री की है वह लोग इनका कुछ कर नही सकते सो इस मामले को ठन्डे बस्ते मे डाल केवल वहां से नाली निकालने मे सहयोग की मांग कई वर्ष से कर रहे हैँ लेकिन कमजोर इच्छा शक्ति के पार्षद की वजह से नाली निर्माण पेंडिंग पड़ा था, लेकिन जैसे बस्ती वालो ने देखा की समाजसेवी अर्जुन गुप्ता जो उनके सुख दुख का साथी हैँ पार्षद बने हैँ, नाली निर्माण की मांग उठने लगी जिसका टेंडर तो हुआ लेकिन इस नाली को एस पी, निगामायुक्त, पार्षद व अन्य लोग बनवा नही पाए, बल्कि नाली के चक्कर मे एस आई ने बस्ती के दर्जनभर लोगों पर झूठा मुकदमा ठोंक कर उनका मुँह बंद कर दिया.
*पार्षद व एस आई मे रही हैँ गहरी दोस्ती*
उक्त घटना मे तत्कालीन टी आई सुबोध तिवारी का भी वीडियो हाथ लगा हैजिसमे वह कह भी रहे है और कोतवाली क्षेत्र के अधिकांश लोग जानते भी है कि पार्षद अर्जुन गुप्ता व एस आई विनोद मिश्रा की गहरी दोस्ती रही है लेकिन जनता का सेवक बनने व वार्ड के विकास के लिए दोनों के बीच नाली का निर्माण बहुत बड़ा रोड़ा बन गया और मामला ददेखते ही देखते बतंगड़ मे तब्दील हो गया. वीडयो वायरल होने के बाद पार्षद के हाथ मे सबूत मिल गया और वह अब अपने ऊपर लगाए गए झूठे आरोप को लेकर काफ़ी एक्टिव नजर आ रहे है, अब आगे क्या हो गया वेट एंड वाच की स्थति बनी है.p

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