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बिना लोहा डाले ही ठेकेदार द्वारा पुलिया का निर्माण किया जा रहा, यह पहली बरसात में बह जाएगी

आनंद ताम्रकार

बालाघाट एक जून ;अभी तक;   बाड नियंत्रण वाल की स्वीकृति हेतु शासन से 7 लाख रुपए वर्ष 2022-23 में स्वीकृत किया गया था जिसकी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत पाथरी को दी गई है किंतु सरपंच श्रीमती नेहा जितेंद्र धुर्वे एवं सचिव के द्वारा पंचायत से ना बनाते हुए ठेके पर दे दिया गया।  उस पुलिया में लोहा बिल्कुल नहीं डाला गया है।  ठेकेदार के द्वारा गीले बांस डालकर घटिया रेत सीमेंट की मात्रा कम डालकर घटिया निर्माण किया गया है।

                             सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिया निर्माण किया गया जिसकी लागत लगभग 7 लाख बताई जा रही है किंतु पुल का निर्माण अधूरा पड़ा है वार्ड नंबर 17 में यह पुलिया निर्माण किया गया है जबकि वार्ड नंबर 16 एवं 17 में आदिवासी बैगा निवास करते हैं और इन्हें आने-जाने के लिए मात्र एक ही रास्ता है बरसात के दिनों में इन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है शासन के द्वारा पुलिया निर्माण करने के लिए राशि तो दे दी गई है किंतु ग्राम पंचायत पाथरी के सरपंच सचिव की लापरवाही एवं अपना सस्वार्थसिद्ध करते हुए पुलिया निर्माण को ठेके पर बनाने के लिए ठेकेदार अंकुर गिरी नामक को दे दिया गया है निर्माण स्थल पर साइन बोर्ड तक नहीं लगाया गया है।

निवास रत आदिवासी बैगा बैसाखी मरकाम सुकुर मरकाम संजय मरकाम मनीता मरकाम रसवंती धुर्वे हवसीलाल धुर्वे गुमान धुर्वे अगरोतिनधुर्वे कुम्हारिन धुर्वे रमेश धुर्वे रसवंती धुर्वे सवनी बाई मरकाम संममल मरकाम कृष्ण मरकाम देवसिंह मरावी मंगलो मरकाम अग्नू मरकाम केजू मरकाम सुखिया मरकाम तिजल मरकाम सुगनबाई मरकाम बल्लोबाई मेरावी भूकिया धुर्वे गेंदलाल धुर्वे टोई धुर्वे रनधीबाई धुर्वे बैसाखी धुर्वे शूकारीनबाई मरकाम अमीलाल धुर्वे जीवनलाल धुर्वे धुरसिंह धुर्वे विष्णु धुर्वे पार्वती धुर्वे सुखराम धुर्वे धीरज धुर्वे सोहन मरकाम रामकली मरकाम हंसलाल धुर्वे गोपाल धुर्वे तीतर धुर्वे केजली धुर्वे खौजीबाई धुर्वे चारी धुर्वे शुक्रचंद धुर्वे धन्ना धुर्वे श्यामबती धुर्वे अख्तर मरकाम जीमन मरकाम एवं लक्ष्मीबाई मरकाम ने शासन से मांग किया है कि कुछ ही दिनों बाद वर्षा ऋतु चालू होने वाली है और यह जो पुल ग्राम पंचायत पाथरी के सरपंच सचिव के द्वारा निर्माण कराया गया है वह एक ही बाढ़ में बह जाएगा क्योंकि उस पुलिया मैं शासन के एस्टीमेट के अनुसार ना ही सामग्री का उपयोग किया गया है और ना ही उसे मजबूती से बनाया गया है

साथ ही यह भी बताया गया है कि वहां पर हमारे द्वारा कार्य किया गया था उसकी भी रोजी आज दिनांक तक हमें नहीं मिली है अब हम आदिवासी बैगा जाए तो किसके पास जाए हमारी शिकायत कोई सुनने वाला दिखाई नहीं देता इसलिए हमारे द्वारा मीडिया को बताया जा रहा है कि हमारी समस्याओं को शासन तक पहुंचाया जाए और तत्काल इसकी जांच कर संबंधित सरपंच सचिव एवं अधिकारियों पर कार्रवाई कर उन्हें दंडित किया जाए और आवागमन के लिए पुलिया का निर्माण मजबूती से कराया जाए

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