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भारतीय रेल ने 31 अगस्त तक की रिकॉर्ड 653.22 मिलियन टन माल ढुलाई

महावीर अग्रवाल
मंदसौर , नई दिल्ली ५ सितम्बर ;अभी तक ;   फ्रेट लोडिंग के क्षेत्र में भारतीय रेल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीनों में यानी 1 अप्रैल से 31 अगस्त तक रिकॉर्ड 653.22 मिलियन टन फ्रेट लोडिंग कर कीर्तिमान रचा है। पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 में इसी अवधि के दौरान रेलवे द्वारा 634.68 मिलियन टन माल ढुलाई की गई थी। अगर कोल लोडिंग की बात की जाए तो इस वित्तीय वर्ष में 31 अगस्त तक 333.40 मिलियन टन कोल लोडिंग की गई है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में इसी अवधि के दौरान 266.71 मिलियन टन कोल लोडिंग की गई थी।
                                     इस वित्तीय वर्ष के पांच महीनों में माल ढुलाई से भारतीय रेल ने कुल 71,854.08 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में इसी अवधि के दौरान रेलवे को 68,740.49 करोड़ रुपये की आय हुई थी।
अगर सिर्फ इस साल के अगस्त महीने की बात करें, तो रेलवे दवारा कुल फ्रेट लोडिंग 126.97 मिलियन टन की गई है। इसके अलावा अगस्त महीने में कुल माल ढुलाई से 13,354.31 रुपये की आय अर्जित की गई है।
भारतीय रेल द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 1,591 मिलियन टन माल की लोडिंग की गई है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक रेलवे के इतिहास में पहली बार इतनी अधिक मात्रा में माल ढुलाई की गई थी। रेलवे ने पिछले वित्तीय वर्ष में फ्रेट लोडिंग से 1,68,276 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था।
इसके अलावा, कोल लोडिंग के मामले में भी रेलवे ने पिछले वित्तीय वर्ष में कीर्तिमान स्थापित किया था। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय रेल ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 787.58 मिलियन टन कोल लोडिंग की और एक साल में कोयले की ढुलाई का अब तक का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। कोल लोडिंग से रेलवे को पिछले वित्तीय वर्ष में 86,838 करोड़ रुपये की आय हुई है। पिछले वित्तीय वर्ष में रेलवे द्वारा की गई कुल फ्रेट लोडिंग में यह कोल लोडिंग भी शामिल है।
भारतीय रेल की एक और उल्लेखनीय उपलब्धि यह है कि रेलवे ने 2014 से 2024 तक दस वर्षों की अवधि में 12,661 मिलियन टन माल लदान किया है, जबकि वर्ष 2004 से 2014 के बीच केवल 8,473 मिलियन टन माल लदान ही हो पाया था।
इस प्रकार से देखा जाए तो भारतीय रेल फ्रेट लोडिंग और माल ढुलाई का आज सबसे विश्वसनीय साधन बन चुकी है। कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार की नीतियों और रेलवे विभाग की रणनीतियों की बदौलत भारतीय रेल वर्तमान में माल ढुलाई का सबसे प्रमुख माध्यम बन चुकी है। गौरतलब है कि भारतीय रेल द्वारा वर्ष 2030 तक 3000 मिलिटन टन प्रतिवर्ष माल ढुलाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बीते वर्षों में जिस प्रकार से रेलवे नेटवर्क का विस्तार किया गया है और रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है, उससे न सिर्फ माल गाड़ियों की गति में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि इससे कम मय में अधिक माल की ढुलाई भी संभव हुई है। इस वजह से उद्योगों और व्यवसायों के बीच रेलवे से माल ढुलाई करना काफी लोकप्रिय हो चुका है।

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