प्रतिबंधित संगठन सिमी के कार्यकर्ता द्वारा आपत्तिजनक पर्चे वितरीत करने वाले आरोपी को हुआ 3 वर्ष का सश्रम कारावास

विधिक संवाददाता
    इंदौर २२ अगस्त ;अभी तक;  जिला अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 21.08.2023 को माननीय न्यायालय – न्यायिक मजिस्ट्रेजट प्रथम श्रेणी, श्रीमती रेखा तिवारी, इन्दौर (मध्य प्रदेश), ने थाना खजराना,  जिला इन्दौार के आपराधिक प्रकरण क्रमांक 8313491/2008 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी मोहम्मद नावेद इरफान, इंदौर को धारा  153-A भा.दं.सं. एवं धारा 13 विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व कुल 2000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजक श्री सुनील जाट द्वारा की गयी।
                                       अभियोजन का मामला है कि दिनांक 07.04.2008 को थाना खजराना के सउनि पी.के. प्रधान को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि कदर कामानी खजराना में इरफान पिता मो० युनुस जो कि हीरोहोडा कंपनी में काम करता था वह आजकल प्रतिबंधित सिमी की गतिविधियों मे संलग्न होकर फंड इकट्ठा कर रहा है व सिमी के सिद्धांतो से मुस्लिम बाहुल्य इलाके में दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने का प्रयास कर रहा है। उसकी पुरी कोशिश है कि मुसलमान एवं हिंदु समुदायो के बीच कटुता पैदा होकर दंगे हो। वह उक्त दिनांक की शाम को इंदौर में कहीं बाहर जाने वाला था तथा रास्ते में पोस्टर व पर्चे वितरित करेगा एवं एवज मे चंदा वसुल करेगा ।
                                   उक्त सूचना पर कार्यवाही हेतु रवाना हुये थे। कादर कालोनी जाकर आरोपी के मकान की तस्दीक की व वहा से आकर कादर कॉलोनी से मिनी बस स्टॉप जाने वाले रास्ते पर घेरा बंदी करने पर थोड़ी देर मे ही कालोनी का अंदर से एक लड़का काली टीशर्ट एवं पेंट पहने हाथ में एक सफेद रंग की पॉलिथिन लिये आता दिखाई दिया। जिसे रोककर पूछताछ करने पर उसने उसका कभी कुछ कभी कुछ बताया था ।  पूछताछ करने पर उसने उसका नाम मोहम्मद नावेद इरफान निवासी कादर कॉलोनी खजराना का बताया था।  उसके पास पालीथीन की तलाशी लेने पर उसमें से एक उर्दू में छपी पत्रिका मिली व प्रतिबंधित संगठन सिमी से संबंधित कुछ आपत्तिजनक पांपलेटस तथा दिनांक  07.04.2008 का समाचारपत्र सिटी ब्लास्ट मिले थे जिनके बारे में पूछताछ कर पाया कि हिन्दू व  इनकी सरकार मुसलमानो पर जुल्म ढा रहे है उनके संगठन सिमी को इस देश के कानून पर विश्वास नहीं है। वह सिमी के झंडे तले संगठित होकर अपने फैसले खुद करेंगे चाहे कुछ हो जाए। वह इसी तरह से फंड इकट्ठे कर संगठन को मजबूत रखेंगे आरोपी से प्राप्त पांपलेटस प्रतिबंधित थे, जो यदि वितरित हो जाते तो निश्चित ही इस क्षेत्र में हिन्दू मुसिलम दंगा फसाद हो सकते थे। अभियुक्त के विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1967 की धारा 10.11. 13 एवं भादवि की धारा 153क, 153 ख का दंडनीय अपराध पाये जाने से अभियुक्त से आपतिजनक दस्तावेज जप्त किये गये अभियुक्त को गिरप्तार कर एवं वापसी पर अपराध कायम किया गया। अभियुक्त से मोबाईल जप्त किया, साक्षीगण के कथन लिये अभियोजन स्वीकृति प्राप्त की। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया,  जिस पर से अभियुक्त को उक्त दण्ड से दण्डित किया।