मयंक शर्मा
खंडवा २२ अक्टूबर ;अभी तक; बीती शनिवार रात यादव समर्थक नगर के एक निजी होटल पर एकत्र हुए और कुंदन मालवीय का टिकट कटवाने की रणनीति बनाई। उन्होंने टिकट चयन की प्रक्रिया से लेकर पीसीसी और एआईसीसी के पर्यवेक्षकों पर भी सवाल उठाए।
प्रत्यायाी घोषणा के दो दिन बाद अब विरोध के स्वर उपजे है,। अरूण यादव के समर्थकों ने 12 घंटे के भीतर टिकट बदलने की मांग की है।खंडवा सीट पर कमलनाथ समर्थक कुंदन मालवीय को टिकट दिया गया है। कुंदन 2018 का चुनाव 19 हजार 137 मतों से हार गए थे।
बावजूद पार्टी हाईकमान ने उन्हें वापस टिकट दे दिया यह समझ से परे है। पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष इंदलसिंह पंवार, सहित कांग्रेस नेता अरूण यादव के समर्थकों ने प्रत्याशी के विरोध की रणनीति बनाई।
याद रहे कि यादव गुट के ही मोहन ढाकसे को 2013 में टिकट मिला था। लेकिन वे देवेंद्र वर्मा के सामने 34 हजार 71 वोट से हार गए थे। पार्टी ने 2018 में कमलनाथ समर्थक कुंदन मालवीय को टिकट दिया। कुंदन को 19 हजार 137 वोट से पराजय मिली।
बैठक में कहा गया कि कुंदन मालवीय को लेकर उनका व्यक्तिगत विरोध नहीं है। लेकिन वे 2018 का चुनाव हारे हुए है, गौरतलब है कि, खंडवा में 33 साल से भाजपा का विधायक है। बीते दो विधानसभा चुनाव से जिला कांग्रेस कमेटी की कमान अरूण यादव समर्थकों के पास थी।
0 खालवा में सुखराम साल्वे का पुतला फूंका ।
उधर हरसूद सीट पर भाजपा के दिग्गज मंत्री विजयशाह के सामने चुनाव लड़ रहे सुखराम साल्वे का शनिवार को खालवा में पुतला फूंका गया है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी खालवा के पदाधिकारियों ने पुतला दहन किया है। हरसूद विधानसभा कांग्रेस पार्टी के विभिन्न संगठन मोर्चा के पदाधिकारी सुखराम साल्वे को प्रत्याशी घोषित किए जाने के विरोध में है।उन्होंने कांग्रेस पार्टी के विभिन्न पदों से सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की बात कहीं है। कहा कि सुखराम साल्वे कार्यकर्ता व जनता की पसंद का नहीं है। 3 दिन के भीतर प्रत्याशी सुखराम साल्वे का टिकट नहीं बदला तो भविष्य में हम कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे देंगे।