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शिवराज सरकार के राज में व्यापम की भर्ती परीक्षा में निरन्तर घोटाले हो रहे- विवेक त्रिपाठी

निज संवाददाता

भोपाल १३ जुलाई ;अभी तक;  मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी और युवा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता गौरव त्रिपाठी ने संयुक्त पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश में हाल ही में कर्मचारी चयन बोर्ड ( व्यापम ) द्वारा आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई घोटाले को लेकर भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री मंत्री और नेताओं पर परीक्षा में घोटाले के आरोप लगाए और कहा कि पूर्व  में ब्लैकलिस्टेड हो चुकी कम्पनियों के संचालक नये नाम से कम्पनी बनाकर अधिकारियों से सांठगांठ कर ठैका प्राप्त कर लेते हैं

विवेक त्रिपाठी ने पत्रकारवार्ता  को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा शुरुआत से विवादों में रही है जब ये परीक्षा चल रही थी तब एक एग्जाम सॉल्वर गैंग पकड़ी गई थी उसके बाद भी परीक्षा चयन बोर्ड  द्वारा परीक्षा का संचालन जारी रखा गया 7 जुलाई और 11 जुलाई 2023 को हमारे साथी गौरव त्रिपाठी ने लिखित शिकायत दर्ज कराई थी परन्तु विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव का कहना हैं कि हमारे संज्ञान में कोई शिकायत नहीं आई है परीक्षा नियंत्रक डा. हेमलता का कहना हैं कि शिकायत आई थी जांच करवा ली गई है लेकिन कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा उसके बावजूद भी परीक्षा का आयोजन जारी रखा जिससे स्पष्ट होता हैं कि इसमें भाजपा के कई मंत्री विधायक और भाजपा नेता के साथ साथ कर्मचारी चयन बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी संलिप्त हैं पटवारी  भर्ती को लेकर गृहमंत्री का कहना हैं कि बेबुनियाद आरोप हैं विवेक त्रिपाठी ने कहा कि पहले हुए व्यापम घोटाले के समय भी आपका यही बयान था त्रिपाठी ने निम्न बिंदुओं पर पत्रकारवार्ता को संबोधित किया

1. पटवारी रिजल्ट के साथ TOP 10 लिस्ट व मेरिट लिस्ट जारी नहीं कि गयी। 8 दिन बाद ये सारी लिस्ट जारी की गई। उसमे स्पष्ट घोटाला दिखाई दे रहा है। TOP 10 में से 07 स्टूडेंट्स ग्वालियर के NRI कॉलेज से हैं जिनके अलावा लगभग 1000 स्टूडेंट भी NRI कॉलेज से हैं। एवं अधिकतम लोगों ने हिंदी में सिग्नेचर किये हैं जो कि मामले को अधिक संदिग्ध बनाता है

2. ESB की भर्ती परीक्षाओं में नियम है कि अभ्यर्थी फॉर्म भरते समय 03 महीने के अंतर्गत का upadated फ़ोटो लगा सकता है लेकिन पटवारी भर्ती में कई अभ्यर्थियों ने 03 वर्ष पुराना फ़ोटो लगाया है। उसका फॉर्म क्यों रिजेक्ट नहीं किया गया।

3. फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट के आधार पर अनेक अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। जो कि एक विशेष क्षेत्र के हैं। इसी प्रकार हाल ही में हुई शिक्षक भर्ती में भी एक ही विशेष क्षेत्र के लोगों ने फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट बनवा कर पद प्राप्त कर लिया था जिसमें हाल ही में जांच हुई और 77 लोग फर्जी पाए गए।

4. पटवारी घोटाले में एक और बात सामने आई कि उन्होंने संविदा कर्मी की पोस्ट पर फर्जी संविदा कर्मी चयनित कर लिए है जिनकी उम्र आज 19 वर्ष है उन्होंने 5 वर्ष के संविदा कर्मी के तौर पर लिए हुए अनुभव का प्रमाण पत्र लगाया और नौकरी प्राप्त कर ली। प्रश्न यह उठता है कि क्या वे 14 वर्ष की आयु में किसी शासकीय संस्था में संविदा कर्मी के तौर पर चयनित कर लिए गए थे । यदि ऐसा है तो संबंधित संस्था के अधिकारियों पर कार्यवाही होनी चाहिए एवं फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने वालों पर कार्यवाही होनी चाहिए।

5.सबसे ज्यादा धांधली नॉर्मलाईजेशन के नाम पर की गई है जिसमें स्टूडेंट्स द्वारा यह बताया गया है कि परीक्षा में 20 अंक तक घटे-बढ़े हैं। रोजगार के लिए आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षा में यदि .1अंक भी कम हो जाता है तो अभ्यर्थी रोजगार प्राप्त करने से वंचित हो जाता है तो स्वाभाविक बात है 20 अंक का घाटा उसका जीवन बर्वाद करेगा।

6.जिन व्यक्तियों ने टॉप किया है उनकी रिस्पांस शीट देखने पर प्रतीत होता है कि उन्होंने सरल से सरल प्रश्नों को गलत किया है और कठिन से कठिन प्रश्नों को हल कर दिया है। साथ ही उनकी शिफ्ट में से अनेक प्रश्न बदले गए हैं और हटाए भी गए हैं उसके बाद भी उनके अत्यधिक अंक आना स्पष्टता घोटाले का संकेत है

7. पटवारी भर्ती परीक्षा में सबसे पहले उन्होंने मॉडल आंसर शीट जारी की उसके बाद फाइनल आंसर शीट जारी करना तत्पश्चात रिजल्ट जारी करना था लेकिन उन्होंने मॉडल आंसर शीट के बाद सीधे रिजल्ट जारी कर दिया और उसके बाद फाइनल आंसर शीट जारी की जो की स्पष्टता गड़बड़ी को उजागर करती है।

8. मध्यप्रदेश में लगभग 50 लाख से ज्यादा युवा सरकारी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और उनके साथ इस प्रकार हर परीक्षा में घोटाला किया जाना मध्य प्रदेश के युवाओं पर एक अत्याचार है।

9. इस परीक्षा से पूर्व भी कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षा में ग्वालियर-भिंड-मुरैना के आसपास के ही छात्र मेरिट में आए थे और वह भाजपा के नेताओ के संपर्क वाले थे और मामला उजागर होने पर परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी।

10. टॉप 10 की लिस्ट में से 7 ग्वालियर की NRI कॉलेज से ही थे। यहां कॉलेज भिंड के भाजपा विधायक संजीव सिंह कुशवाहा है।

11. 9000 चयनित लोगों में से 1000 लोगों का एग्जाम सेंटर यही कालेज का था ।

12. टॉप 10 में से सभी अभ्यार्थी के अंग्रेजी में से 25/25 अंक प्राप्त किये। पर सभी के हस्ताक्षर हिंदी में ही थे।

13. पहले व्यापम की उत्तरमाला (answer key ) में कुछ उत्तर सही बताए गए थे, और बाद में गलती मान कर सही किया ,इन टॉपर्स ने उन प्रश्नों के उत्तर वही दिए थे जो पहले व्यापम  के सही उत्तर थे। जैसे कि कुछ टॉपर्स ने नर्मदा का उद्गम स्थल भोपाल लगाया था जो कि पहले व्यापम का भी उत्तर था। बाद में व्यापम ने यह जवाब बदला।

14. आधार कार्ड में फिंगर प्रिंट बदलने की पूरा प्रक्रिया स्थापित करने का काम एक गैंग द्वारा किया जा रहा है। आधार कार्ड में संशोधन करवा कर चार उंगली परीक्षार्थियों की और अंगूठा सॉल्वर का लगाया जाता था, फिर मोम और फेवीकोल से थंब इंप्रेशन का क्लोन बनाया जाता था, और फिर परीक्षार्थियों और सॉल्वर की फोटो को मॉर्फिंग के माध्यम से जोड़ा जाता था ।

15. इस प्रकार की यहां अकेली प्रक्रिया नहीं है इससे पहले कई परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा पकड़ा जा चुका है

त्रिपाठी ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द इस पुरे मामले की उच्च  स्तरीय जांच एजेंसियों से जांच करवाएं अगर जल्दी जांच कर दोषियों पर कार्यवाही नहीं की गई तो युवा कांग्रेस पूरे प्रदेश में उग्र प्रदर्शन करेंगी ।

इस महत्वपूर्ण पत्रकारवार्ता में आकाश चौहान जनपद सदस्य राहुल मंडलोई अनिल मिश्रा सचिन त्यागी नूर अली आदि उपस्थित थे।

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