प्रदेश

सुको ने पत्रकारों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की, कहा – पत्रकार होने का मतलब ये नहीं कि कानून अपने हाथ में लेने का लाइसेंस है

मयंक शर्मा

खंडवा २० जुलाई ;अभी तक;  खंडवा जिले के चार आरोपी पत्रकारों की अग्रिम जमानत को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने टिप्पणी में कहा, पत्रकार या रिपोर्टर होने का मतलब यह नहीं है कि आपके पास कानून अपने हाथ में लेने का लाइसेंस है। इसलिए  आपको अग्रिम जमानत नहीं देंगे।

सुको ने अपनी टिपपणी में आगे कहा कि क्या याचिकाकर्ता को हिरासत में लेने की आवश्यकता है, इस पर जांच अधिकारी को विचार करना है।ं

ज्ञातच्य है कि एक डॉक्टर को बच्चा बेचने के कथित आरोप में अपहरण करना और फिर फिरौती के लिए मारपीट के  दो साल पुराने इस  मामले में खंडवा  पुलिस ने पत्रकार देवेंद्र जायसवाल, अजीत लाड़, जयराज उर्फ मल्ली पिल्ले और सदाकत पठान के खिलाफ केस दर्ज किया है।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने   खंडवा के आरोपी पत्रकार सदाकत पठान की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी दी।

उल्लेखनीय है कि 27 जुलाई 2021 को डॉक्टर सौरभ सोनी की शिकायत पर इन 4 पत्रकार के खिलाफ खंडवा पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसके पहले आरोपियों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई थी। इसे भी खारिज कर दिया गया था।

सीएसपी पीसी यादव ने बताया कि  पुलिस ने इन पत्रकारो की गिरफ्तारी के लिए इनाम भी घोषित कर रखा है। दो साल से इनकी गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट से स्टे लगा हुआ था। उक्त अंतरिम राहत के बाद आरोपीगण पुनः पत्रकारिता के पेशे से जुड़ गए हैं। इनमें एक अजीत लाड़ पर हाल ही में ग्राम गुडी के ग्रामीणों ने भी ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज करवाया है।
———————————-

Related Articles

Back to top button