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समाज में शिक्षा व संस्कार को पुनःर्जीवित कर रही है संस्कृत भारती, नपाध्यक्ष श्रीमती गुर्जर

महावीर अग्रवाल
मंदसौर २ मई ;अभी तक;  वर्तमान समय में लोग अंग्रेजी पढ़कर गौरव का अनुभव करते है स्वयं को आधुनिक मानते है, अपने बच्चों को संस्कारित मानते है और वही छात्र और बच्चे उन्हें छोड़कर चले जाते है किन्तु वर्तमान समय मे संस्कृत भारती संस्कृत के माध्यम से बालकांे और बालिकाओं में संस्कारो के बीज बोकर उन्हे पुनः सनातन संस्कृती की ओर उन्मुख कर रही है। इस हेतु संस्कृत भारती को साधुवाद है जो निःस्वार्थ भाव से समाज में शिक्षा व संस्कार दोनों को पुनःर्जीवित कर रही है।
                         उक्त विचार नगरपालिका अध्यक्षा श्रीमती रमादेवी गुर्जर संस्कृत भारती द्वारा चलाये जाने वाले आठ दिवसीय प्रबोधन वर्ग में उपस्थित होकर कहे। उन्होंने कहा कि शिक्षा तो विभिन्न विद्यालय देते है किंतु जो हमारा सनातन ज्ञान व संस्कार है वे संस्कृत के द्वारा ही प्राप्त हो सकते है एवं हम सभी को संस्कृत भारती द्वारा चलाये जा रहे। शिविरों में उपस्थित होकर संस्कृत बोलना सिखना चाहिये एवं संस्कृति को अग्रेषित करना चाहिये।
                             कार्यक्रम में संस्कृत भारती के मंदसौर जनपद के अध्यक्ष पुरुषोत्तम मोड़ भी मंचासीन थे कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा सर्वप्रथम भारतमाता व सरस्वती माता के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर  दिप प्रज्वलित किया। तत्पश्चात अतिथि स्वागत सपना पोरवाल ने किया। संचालन प्रवेश वैष्णव ने किया व आभार वर्ग के शिक्षण प्रमुख लोकेश जोशी ने माना।

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