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जैन दिवाकर श्री चौथमलजी म.सा. की जन्म जयंती व पंडित रत्न श्री कस्तुरचंदजी म.सा. की दीक्षा जयंती पर चल समारोह निकला

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर २५ नवंबर ;अभी तक;  प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जगत वल्लभ गुरू जैन दिवाकर श्री चौथमलजी म.सा. की जन्म जयंती व पंडित रत्न श्री कस्तुचंदजी म.सा. की दीक्षा जयंती के उपलक्ष्य में जैन दिवाकर नवयुवक परिषद मंदसौर के द्वारा चल समारोह निकाला गया तथा गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया। स्थानकवासी जैन समाज की परम्परानुसार सादगीपूर्ण रूप से आजाद चौक से चल समारोह प्रारंभ हुआ जो कालिदास मार्ग, पं. नेहरू बस स्टेण्ड, गांधी चौराहा, जिला चिकित्सालय रोड़, बीपीएल चौराहा (जैन दिवाकर द्वार), माल गोदाम रोड़, शास्त्री कालोनी होते हुए नवकार भवन (स्थानक) पहुंचा। यहां प.पू. जैन संत साधु श्रेष्ठ श्री पारसमुनिजी म.सा. आदि ठाणा 4 की पावन निश्रा में गुणानुवाद सभा का आयोजन हुआ।
                                             गुणानुवाद सभा व संतों की मांगलिक पश्चात् संजय गांधी उद्यान में श्रीमती स्नेहलता स्व. श्री राजेन्द्र बोहरा, मनीष बोहरा परिवार के द्वारा संयुक्त स्थानकवासी जैन समाज की गौतम प्रसादी का आयोजन किया गया। जैन दिवाकर नवयुवक परिषद के कोषाध्यक्ष श्री मनीष बोहरा एवं उनके परिवारजनों ने जैन दिवाकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित गौतम प्रसादी व अन्य कार्यक्रमों का लाभ प्राप्त किया जिसकी श्रीसंघ ने खूब अनुमोदना की। इस समारोह में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ मंदसौर,  स्थानकवासी जैन महिला मण्डल, साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ मंदसौर सहित पूरे स्थानकवासी जैन समाज के हजारों श्रावक श्राविकाओं ने सहभागिता की।
साधुश्रेष्ठ श्री पारसमुनिजी म.सा. ने धर्मसभा (गुणानुवाद सभा) में कहा कि जैन दिवाकर श्री चौथमलजी म.सा. व श्री कस्तुरचंदजी म.सा. का सम्पूर्ण जीवन हम सभी के लिये प्रेरणादायी हैं चौथमलजी म.सा. ने भगवान महावीर की वाणी से जन जन को जोड़ा। अजैनों को भी हिंसा से दूर रहने तथा अहिंसाका पालन करने की प्रेरणा दी। उन्होनंे राजा से लेकर गरीब जो झोपड़ाी में रहता है उसे जैन धर्म के महत्व से परिचित कराया। आपने जैन आगमों का अध्ययन कर जैन धर्म के समग्र तत्वों को समाहित कर निग्रंथ ग्रंथ की रचना की। जिसमें 18 अध्याय हैं यह ग्रंथ हमें जरूर पढ़ना चाहिये। चौथमलजी म.सा. का मंदसौर नीमच जिले से विशेष जुड़ाव रहा। वे नीमच के चीताखेड़ा में जन्में, उनकी दिक्षा मंदसौर जिले के बोलिया में हुई तथा निर्वाण कोटा में हुआ। मेवाड़ व मालवा क्षेत्र में जैन धर्म की वाणी से जन जन को जोड़ने का काम जो चौथमलजी म.सा. ने किया व संतों के लिये भी प्रेरणादायी है।
गुणानुवाद सभा में वर्धमान स्थानवासी जैन श्रावक संघ नईआबादी मंदसौर अध्यक्ष अशोक उकावत, सकल जैन समाज अध्यक्ष प्रदीप कीमती, साधुमार्गी शांतक्रांति जैन श्रावक संघ अध्यक्ष विमल पामेचा, श्रमण संघ महामंत्री मनोहर नाहटा, राजीव मेहता, कोषाध्यक्ष सुनील तलेरा, सकल जैन समाज कार्यकारी अध्यक्ष नरेन्द्र मेहता, उपसंयोजक अशोक मारू, समाजसेवी विजय खटोड़, महिला संघ की रेखा रातड़िया, मधु चौरड़िया ने भी अपने विचार रखे। स्वन (गीत), शांतक्रांति जैन श्राविका संघ व चंदनबाला महिला मण्डल ने प्रस्तुत किया। संचालन अनिल डूंगरवाल ने किया।
ये थे उपस्थित-गुणानुवाद सभा व चल समारोह में प्रकाश रातड़िया, सुभाष नाहर, कांतिलाल रातड़िया, शिखर डंूगरवाल, नरेन्द्र रांका, दिनेश जैन सीए, अनोखीलाल नलवाया, विनोद कुदार, नवयुवक परिषद अध्यक्ष अशोक झेलावत, महामंत्री आशीष उकावत, मनीष मारू, पंकज मुरड़िया, नीतिन भटेवरा, कोषाध्यक्ष मनीष बोहरा, शांतक्रांति युवा संघ महामंत्री निर्विकार रातड़िया, हस्तीमल जैन आदि।

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