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शासकीय धन का गबन करने वाले न्‍यायालय के नाजिर को हुआ 3 वर्ष का सश्रम कारावास   

विधिक संवाददाता
इंदौर २१ फरवरी ;अभी तक;  जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्‍तव, ने बताया कि न्‍यायालय – न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्रीमान् हर्ष ठाकुर,  डॉ अम्‍बेडकर नगर जिला इन्‍दौर (मध्‍य प्रदेश), ने थाना महू, जिला इन्‍दौर के प्रकरण क्रमांक 702760 /2006  में निर्णय पारित करते हुए आरोपी संजय देवल, उम्र 53 वर्ष, निवासी  प्रभुनगर इंदौर को धारा 409 भा.दं.वि. में 3 का वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। प्रकरण में जिला अभियोजन अधिकारी के निर्देशन में अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री उमेशचंद्र कुशवाह द्वारा की गई।
                                 अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 16.09.2005 को महू न्यायालय में तात्कालीन अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं नजारत अनुभाग के प्रभारी श्री आर.के. जोशी के द्वारा अन्य न्यायाधीशगण के साथ नजारत अनुभाग का आकस्मिक निरीक्षण किया गया, जिसमें उन्होंने नजारत अनुभाग की केश बुक मे उल्लेखित रकम से उक्त अनुभाग के केश बॉक्स में रखी हुई राशि 74,573/- रूपये  कम पायी गई। प्रभारी नायब नाजिर संजय देवल द्वारा शासकीय राशि को स्वयं के उपयोग में लेने एवं अनियमितता करने के संबंध में नजारत अनुभाग के प्रभारी अधिकारी द्वारा पंचनामा तैयार करके माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय, इंदौर को सूचित किया गया, जिस पर से उनके द्वारा न्यायालय के उपाधीक्षक श्री पी.सी. ब्रोकर एवं श्री एन.सी. दुबे से नजारत अनुभाग, महू के लेखा/ रजिस्टर की जाँच करायी गई।
                               जॉच रिपोर्ट से यह प्रकट हुआ कि तात्कालीन नायब नाजिर अभियुक्त संजय देवल द्वारा दिनांक 04.04.2002 से दिनांक 16.09.2005 तक नायब नाजिर, नजारत अनुभाग, न्यायालय महू के पद पर पदस्थ रहने की अवधि में केश बॉक्स में से कम पायी गई 74,573/- रूपये की राशि के अलावा 8,801/- रूपये की अतिरिक्त शासकीय राशि का भी दुर्विनियोग करते हुये शासकीय धन का गबन किया है। विस्तृत लेखा जाँच में अभियुक्त संजय देवल द्वारा नजारत अनुभाग के लेखा में लिखी राशि को मिटाकर काटकर, बदलकर कम राशि लेखा पंजी मे दर्शित करना और शासकीय सेवक रहते हुये जानबूझकर लोक रजिस्टर की कूटरचना तथा लेखा का मिथ्याकरण करते हुये शासकीय धन का दुर्विनियोग कर आपराधिक न्यासभंग करना पाया गया। संपूर्ण जाँच उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर थाना महू के अपराध क्रमांक 38/2006 धारा 409, 420, 467, 120 बी  के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई एवं संपूर्ण विवेचना उपरान्त अभियोग-पत्र माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिस पर से अभियुक्‍त को उक्‍त दंड से दंडित किया गया।

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