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निर्दलीय प्रत्याक्षी गधे पर बैठकर नामांकन का पर्चा दाखिल करने एसडीएम कार्यालय पहुंचा

मयंक शर्मा

खंडवा २७ अक्टूबर ;अभी तक;  चुनावी माहौल के बीच  अजब-गजब नजारे देखने को मिल रहे हैं। गुरुवार को बुरहानपुर में एक निर्दलीय प्रत्याक्षी विरोध स्वरूप गधे पर बैठकर नामांकन का पर्चा दाखिल करने एसडीएम कार्यालय पहुंचा। प्रत्याक्षी का नाम प्रियांक सिंह ठाकुर बताया जा रहा है।

प्रत्याशी ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के केवल दो से तीन परिवारों से आने वाले नेताओं ने शहर में पिछले 40-50 वर्षों में किसी तरह का विकास नहीं किया है, बल्कि अपने घरों का ही विकास किया है, और जनता को गधा बनाने का काम किया है। इसलिए वे जनता को जागरूक करने के लिए गधे पर बैठकर नामांकन जमा करने गया।

हिंदू संगठन के पदाधिकारी रहे और बीजेपी से टिकट न मिलने के चलते निर्दलीय उम्मीदवार ठाकुर प्रियंक सिंह गधे पर बैठकर रिटर्निंग आफिसर के कार्यालय पर पहुंचे थे। ठाकुर के अनुसार चुनाव जीतने के बाद नेता अगले 5 सालों तक के लिए जनता को गधा अर्थात बेवकूफ बनाते रहते हैं, इसलिए वे गधे पर बैठकर निर्वाचन कार्यालय तक पहुंचकर अपना नामांकन फॉर्म रिटर्निंग ऑफिसर के पास जमा करने आए हैं। हालांकि इस दौरान उनके साथ उनके समर्थक भी मौजूद थे। प्रियंक सिंह ने गधे पर बैठकर ही रैली भी निकाली। ऐसे में जहां से भी वह निकले तो लोग उनको देखते ही रहे, क्योंकि उनका इस तरह से गधे पर बैठकर नामांकन फॉर्म जमा करना अब जनं चर्चा का विषय बना हुआ है।

गधे पर बैठकर अपना नामांकन फार्म जमा करने पहुंचे ठाकुर प्रियांश ने मीडिया को बताया कि वे गधे पर बैठकर इसलिए नामांकन जमा करने आए हैं क्योंकि बुरहानपुर के दो-तीन परिवारों ने जनता को गधा बनाने का काम किया है। वे लगातार क्षेत्र की जनता के वोट ले रहे हैं, लेकिन विकास उनके अपने घरों पर हो रहा है, उन्हीं के बंगले और प्रॉपर्टी बन रही हैं। जिस वजह से आम मतदाता गधा बन रहा है, इसलिए उन्होंने इस तरह का विरोध प्रदर्शन किया है।

ठाकुर ने बताया कि उन्होंने निर्दलीय फॉर्म जमा किया है, और उन्हें उनका चुनाव चिन्ह भी गधा ही चाहिए था, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाया, अन्यथा उसे ही चुनते। उन्होंने कहा कि बुरहानपुर के इन दोनों तीनों परिवारों ने ही पिछले 40-50 सालों से सत्ता में बने रहने के बाद भी क्षेत्र का विकास नहीं किया और भोली भाली शहर की जनता को गधा समझकर रखा हुआ है और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से टिकट की मांग की थी लेकिन उन्हें नहीं मिल पाया जिस वजह से उन्होंने निर्दलीय फॉर्म जमा किया है। लेकिन वह जीतते हैं तो भारतीय जनता पार्टी में ही शामिल होकर पार्टी की सीट बढ़ाएंगे।

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