हिन्दी साहित्य भारती, मंदसौर के तत्वावधान में महाराणा प्रताप जयन्ती के अवसर पर व्याख्यान व काव्य गोष्ठी का ‘‘भारत की शौर्य गाथा‘‘ विषय पर हुवा आयोजन

महावीर अग्रवाल

मन्दसौर २३ मई ;अभी तक;  हिन्दी साहित्य भारती, जिला मंदसौर के तत्वावधान में महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर सर्व शिक्षक संघ प्रांतीय उपाध्यक्ष दिलीप कुमार सांखला के निवास पर ‘‘भारत की शौर्य गाथा’’ विषय पर व्याख्यान एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ शारदा एवं महाराणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन द्वारा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिन्दी साहित्य भारती के रतलाम जिले के अध्यक्ष, कवि, लेखक डॉ. कारूलाल जमरा, मंदसौर जिले के जिलाध्यक्ष डा. रवीन्द्र कुमार सोहनी, विशेष अतिथि सर्व शिक्षक संघ के प्रांतीय संरक्षक श्री रामकृष्ण नवाल द्वारा किया गया। अतिथि परिचय सचिव जयेश नागर ने दिया।

                                 इस अवसर पर दशपुर जागृति संगठन के श्री सत्येन्द्र सिंह सोम ने कहा शुरवीर महाराणा प्रताप ने मेवाड़ की अस्मिता, अस्तित्व, स्वाभिमान व स्वतंत्रता के लिये संघर्ष किया। उनका जीवन वर्तमान एवं भावी पीढ़ी के लिये अमृतमय संदेश है। पूर्व नगरपालिका अधिकारी श्री हरिशंकर शर्मा ने कहा महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में साहस, कुटनीतिक चातुर्य, युद्ध कौशल का परिचय दिया। ऐसा उनके दृढ़ चारित्रीक गुणों के कारण सम्पन्न हो सका। महाराणा प्रताप का दिव्य एवं भव्य व्यक्तित्व इतिहास की अमर धरोहर हैं। श्री संजय महाराणा ने कहा महाराणा प्रताप स्वाभिमानी, स्वतंत्रता के पूजारी एवं उदार व्यक्तित्व के धनी थे। उनकी दृढ़ता, आत्मविश्वास भारत के इतिहास में अनुकरणीय रहेगी। श्री नवाल ने कहा राष्ट्र की रक्षा का इतिहास साहस की स्याही और समर्पण की कलम से लिखा जाता है। मातृभूमि की आन बान शान के लिये स्वयं का बलिदान करने वाला राष्ट्र का अमर सपूत होता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री जमरा ने ‘‘मॉ’’, वह बजाती ढोल, मंजिल मेरी मुट्ठी में’’ पर काव्यपाठ, श्रीमती डॉ. निशा महाराणा ने ‘बेटी’ पर पर काव्य रचना का पाठ किया। अतिथि परिचय श्री दिलीप सांखला ने दिया। आभार संस्था सचिव जयेश नागर ने माना।