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खंडवा  में जिसे ट्रेन से उतारा, वो 7वें दिन भाग निकला: परिजन बोले- उसे बीड़ी पीने की लत

मयंक शर्मा

खंडवा २२ जुलाई ;अभी तक;  ट्रेन से बच्चों की तस्करी की सूचना मिलने पर चाइल्डलाइन की टीम ने बालक को उतारा था।मामले में नया मोड़ तब आया है, जो बालक चिल्ड्रेन होम में था। वह सातवें दिन शनिवार रात को भाग निकला। मानव तस्करी की आशंका में बाल कल्याण समिति जांच में जुटी है।

बाल कल्याण समिति सदस्य पन्नालाल गुप्ता ने  बताया कि दिल्ली की झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले नाबालिक बच्चों को काम का लालच देकर मुंबई की तरफ पलायन करवाया जा रहा है। मामला मानव तस्करी से जुड़ा है। इस बात का खुलासा खंडवा में ट्रेन से उतारे गए बालक ने किया। समिति से काउंसलिंग में कहा, एक आदिल नाम के शख्स ने हम 5 लड़कों को इकट्ठा कर मुंबई की एक होटल में काम दिलाने का वादा किया और ट्रेन में बैठाकर वहां ले जाने लगा।
श्री गुप्ता से कहा कि बाल कल्याण समिति ने सुपुर्दगी के लिए दिल्ली स्थित उसके परिवार वालों से बात की तो वो लोग उस समय पुलिस थाने पर गुमशुदगी दर्ज करवा रहे थे। जबाब में बताया  कि हमारे बच्चे को लेने कल ही खंडवा के लिए निकल रहे हैं। फिर एक-दो दिन बाद आर्थिक स्थिति का हवाला देने लगे कि पैसे की जुगाड़ कर आएंगे। जब वे चार दिन बाद भी नहीं आए तो बाल कल्याण समिति ने वापस बालक के भाई को फोन किया।‌ वो लोग कहने लगे कि बालक को नशे की लत है, वो बीड़ी पीता है। भाई कहने लगा कि उसे वहीं कहीं सेटल कर दो। इधर वापस आएगा तो बिगड़ जाएगा।

श्री गुप्ता ने बताया कि बालक को 15 जुलाई की शाम को अमृतसर दादर एक्सप्रेस से उतारा गया था। यह कार्रवाई चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति  ने की थी। तब उस बालक को गणेश तलाई स्थित नवजीवन चिल्ड्रेन होम यानी बालक आश्रय गृह में रखा गया था। बाल कल्याण समिति रोजाना वहां जाती और बच्चे की काउंसलिंग करती थी।‌ शनिवार सुबह पता चला कि वो वहां से भाग गया। आश्रय गृह संस्था ने बालक की गुमशुदगी थाना कोतवाली पर दर्ज कराई है। पुलिस टीम उसकी तलाश में जुटी है। रेलवे स्टेशन और आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं।
कांउन्सलिंग दौरान बालक ने बताया कि 14 जुलाई को दोपहर 1 बजे आदिल नामके लड़के ने मुझसे मेरे घर के पास सड़क पर मुलाकात की। उसने मुझे बांबे जाने के लिए प्रेरित किया। मेरे साथ 4 बच्चों ओर थे। जिन्हें आदिल ने इकट्ठा कर उन्हें भी बांबे जाने के लिए प्रेरित किया। हम लोग दादर-अमृतसर एक्सप्रेस से मुंबई के लिए निकले। ट्रेन में रमेश नाम का एक व्यक्ति मिला। जो कि खुद को आर्मी मेन बता रहा था। वह अपने साथ मुझे एसी कोच में लेकर गया। अपने साथ सुलाया, खाना खिलाया और 50 रूपए देकर कहा कि कुछ खाना खा लेना। साथ वाले 4 बच्चे दूसरी बोगी में थे। मैं अलग कोच था, उन बच्चों के नाम क, ख, ग, घ है। जो आदिल के साथ मुंबई चले गए। आदिल ने हमें मुंबई के होटल में काम दिलाने का लालच दिया था। काउंसलिंग के दौरान बालक ने कई खुलासे किए। उसकी तीन बार काउंसलिंग हो चुकी थी।

 

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