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राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस जिला स्तरीय आयोजन बालक उ.मा.वि. क्र. 2 मंदसौर में आयोजित

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १३ अक्टूबर ;अभी तक;  भारत सरकार की राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का जिला स्तरीय आयोजन हुआ।जिसमें पांच प्रोजेक्ट का चयन किया गया जो राज्य स्तर पर भोपाल में मंदसौर जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे।
                                   कार्यक्रम का आयोजन मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी सुश्री टेरेसा मिंज, प्राचार्य श्री धर्मपाल सिंह देवड़ा एवं एवं जिला समन्वयक राजेश राठौर, जिला सह-समन्वयक श्री पंकज कुमार पंवार, शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय कयामपुर, जिला संयोजक श्रीमती कीर्ति सक्सेना की उपस्थिति में  कार्यक्रम संपन्न हुआ। निर्णायक के रूप में श्री बलवंत भंडारी एवं सुश्री आरती शर्मा रहे।
                            जिला स्तरीय इस कार्यक्रम में बच्चों ने विभिन्न विषयों पर अपनी परियोजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया । लगभग 32 परियोजनाओं को लेकर प्रतिभागी छात्रों के साथ मार्गदर्शक शिक्षक उपस्थित हुए।
                               कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजन अर्चन से किया गया । जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने उद्बोधन में छात्र-छात्राओं को अपने जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया व बच्चों को शुभकामनाएं दी। विभिन्न विद्यालयों के बाल वैज्ञानिकों ने अपने प्रोजेक्ट अनाज का स्वास्थ्य के लिए महत्व, पराली के जलने से पर्यावरण और मनुष्य के स्वास्थ्य को होने वाली हानियां, पशुओं,मनुष्यों व पौधों में होने वाली मौसमी बीमारियां का महत्व,फलों और सब्जियों की आयु बढ़ाने के उपाय,नम भूमि का मानव कल्याण में योगदान, मिट्टी प्रबंधन के उपाय आदि अनेकों विषयों पर बच्चों ने अपनी परियोजनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती कीर्ति सक्सेना ने किया।
चयनित पांच परियोजनाएं इस प्रकार रही- सीनियर वर्ग में मनीष सेन शासकीय बालक उमावि क्रमांक 2 मंदसौर, आयुष भेरूलाल हाई स्कूल रिंडा तथा हिना पवार आदित्य पब्लिक स्कूल मंदसौर रहे तथा जूनियर वर्ग में वैभव पिता रमेश शासकीय हाईस्कूल रिंडा तथा वर्षा पिता ब्रजेश शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय कयामपुर रहे बच्चों के लिए आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में 10 से 14 वर्ष के बच्चे जूनियर वर्ग में एवं 14 से 17 साल के बीच के बच्चे सीनियर वर्ग में  स्थानीय समस्या पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।

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