शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मनमानी के विरोध में अतिथि शिक्षकों ने सौंपा ज्ञापन
दीपक शर्मा
पन्ना २० दिसंबर ;अभी तक; मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा अतिथि शिक्षकों के लिए की गई घोषणाओं एवं राज्य शिक्षण संचालनालय भोपाल के आदेश का पालन नहीं होने एवं पन्ना जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मनमानी और तानाशाही के विरोध में अतिथि शिक्षक संघ के द्वारा कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है।
अतिथि शिक्षकों ने बताया कि हम लगातार 14-15 वर्षों से प्राथमिक खंड से हायर सेकेंडरी तक मेहनत और लगन से शैक्षणिक कार्य करते चले आ रहे हैं किंतु पन्ना जिले के प्राचार्यों व विकासखंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा अतिथि शिक्षकों का मानदेय भुगतान नहीं किया जा रहा और उन्हें कार्य मुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि संचालनालय का ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। इस प्रकार वरिष्ठ कार्यालय के आदेशों की अवहेलना हो रही है जबकि कार्य मुक्ति के आदेश के बाद निर्वाचन जैसे कार्य में ड्यूटी लगाई गई और हमने सेवाएं भी प्रदान की हैं। किंतु निर्वाचन कार्य के मानदेय का भी भुगतान नहीं किया गया।
अतिथि शिक्षकों के लिए लोक शिक्षण संचालनालय मध्य प्रदेश भोपाल के आदेश क्रमांक 2023-24/286 भोपाल दिनांक 04/10/2023 द्वारा आदेशित किया गया है कि पूर्व कार्यरत अतिथि शिक्षकों को कार्य से मुक्त न किया जाए, इसी आदेश के अनुसार हम लोग कार्य कर रहे हैं किंतु पन्ना जिले में इन आदेशों का पालन नहीं हो रहा इसके अलावा मुख्यमंत्री के द्वारा की गई घोषणा अनुसार कोई भी नियमित शिक्षक आने पर एक वर्ष का अनुबंध किया जाए जिससे अतिथि शिक्षक नहीं हटाया जाएगा। अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की दिशा में योजना बनाई जाएगी ताकि अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित हो सके। अतिथि शिक्षकों को प्रत्येक माह निश्चित तारीख को मानदेय प्राप्त होगा, अतिथि शिक्षकों का पद स्थाई किया जाए और अतिथि शिक्षक जिस पद पर है वह पद रिक्त ना माना जाए, पूर्व मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं का भी कोई पालन नहीं हो रहा जिससे संपूर्ण अतिथि शिक्षकों को अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है और परिवार के भरण पोषण में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ज्ञापन सौंप कर मामले का शीघ्र निराकरण करने की मांग उठाई गई है समय सीमा में निराकरण नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। ज्ञापन के दौरान अतिथि शिक्षक संघ के पदाधिकारी एवं सैकड़ो की संख्या में अतिथि शिक्षक शामिल रहे।