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फीस जमा करने से बचने, छात्र के अपहरण की रची साजिश 

मोहम्मद सईद
शहडोल 25 अक्टूबर अभीतक। पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया में कौवा कान ले गया की तर्ज पर
एक खबर तेजी से वायरल हो रही थी। इस खबर का मजनून यह था, की फीस न जमा करने पर स्कूल प्रबंधन ने छात्र को डांटा जिसके बाद छात्र गायब हो गया। यह भी दावा किया जा रहा था की छात्र का अपहरण हो गया है। यह मामला ब्यौहारी थाना क्षेत्र अंतर्गत संचालित एक स्कूल से जुड़ा है।
                                      लेकिन शहडोल के संवेदनशील पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक के निर्देशन और ब्यौहारी थाना प्रभारी निरीक्षक अरुण पाण्डेय के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जब इस पूरे मामले की बारीकी से तफ्शीस की तो इस पूरी खबर की हवा निकल गई। पुलिस की विवेचना में यह बात सामने आई की स्कूल प्रबंधन पर दबाव बनाने के उद्देश्य से छात्र के अपहरण की झूठी रिपोर्ट उसके परिजनों ने थाने में दर्ज कराई थी। इतना ही नहीं इस साजिश के सूत्रधार छात्र के मां और मामा हैं।
                                    इस पूरे घटनाक्रम के संबंध में मिली विस्तृत जानकारी के अनुसार ब्यौहारी निवासी श्रीमती गीता(परिवर्तित नाम) ने 22 अक्टूबर को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि मेरा लड़का वंश(परिवर्तित नाम) उम्र 11 वर्ष 09 माह एक निजी स्कूल ड्रीम वैली पब्लिक स्कूल में कक्षा 06 वीं में पढ़ता है। वह सुबह पढ़ने के लिये स्कूल गया था। दोपहर में स्कूल की छुट्टी होने के बाद मेरा लड़का काफी देर तक घर वापस नही आया। तब लड़के की तलाश आस पास मोहल्ले, कस्बा ब्यौहारी एवं रिश्तेदारी में फोन लगाकर की गई है लेकिन लड़के का कोई पता नहीं चल रहा है। फरियादिया की रिपोर्ट पर ब्यौहारी पुलिस ने धारा 137 (2) बीएनएस का प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया। मामला चूंकि 11 वर्ष के बालक के अपहरण से संबंधित था, इसलिए पूरे मामले को तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया।
                                  मामले की गंभीरता को देखते हुए शहडोल जिले के संवेदनशील पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने थाना प्रभारी ब्यौहारी निरीक्षक अरुण पाण्डेय को विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही के लिए निर्देशित किया। ब्यौहारी के तेज तर्रार थाना प्रभारी अरुण पाण्डेय ने अपहृत बालक की दस्तयाबी और प्रकरण की विवेचना के लिए 03 अलग-अलग टीमें गठित कर विवेचना प्रारंभ की।
बकाया है स्कूल की फीस
                                         प्रकरण की विवेचना के दौरान यह पाया गया कि उक्त बालक 22 अक्टूबर को सुबह स्कूल गया था, लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा बालक के परिजनों व्दारा बालक की शैक्षणिक सत्र 2024-2025 एवं उसके छोटे भाई की शैक्षणिक सत्र 2023-2024 एवं 2024-2025 की फीस जमा न करने से बालक को सुबह ही वापस घर भेज दिया गया था। स्कूल व्दारा वापस भेजे जाने पर बालक अपने घर तुरंत ही वापस आ गया था। लेकिन इसके बाद यहां से एक नई कहानी ने जन्म ले लिया। छात्र की मां ने अपने भाई को गांव से बुलाया और स्कूल प्रबंधन पर दबाव बनाने के उद्देश्य से छात्र को बस में बैठा कर उसके बुआ के घर बिछिया रीवा भेज दिया। छात्र जब बुआ के घर पहुंच गया तो उसकी मां और मामा ने ब्यौहारी थाने में पहुंचकर तय प्लान के मुताबिक छात्र के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा दी। ब्यौहारी पुलिस ने अनुसंधान के दौरान यह भी पाया कि छात्र को घर से बिजली तिराहा छोड़ने मामा और मां को ले जाते अन्य साक्षी द्वारा देखा गया था। इस संबंध मे सीसीटीव्ही फुटेज भी पुलिस द्वारा प्राप्त किए गए।
छात्र खुद पहुंचा रीवा थाने
                                    जानकारी के अनुसार छात्र दो दिन तक बुआ के घर ही रुका रहा और तय प्लान के अनुसार 24 अक्टूबर को वह रीवा के बिछिया थाना पहुंचा और उसने पुलिस को बताया कि मुझे कोई पकड़कर लाया था। बिछिया थाना से ब्यौहारी पुलिस को सूचना प्राप्त होने पर ब्यौहारी पुलिस ने छात्र को अपनी सुपुर्दगी में लेकर पूछताछ की तो अपहरण की साजिश का खुलासा हो गया। पुलिस ने जब छात्र के मां से पूछताछ की तो उसने भी उसके द्वारा स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस के लिए दबाव बनाने से परेशान होकर सबक सिखाने के लिए बालक को उसके बुआ के घर रीवा भेजकर उसके गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराना बताया। इस प्रकार ब्यौहारी पुलिस ने कौवा कान ले गया की तर्ज पर फैली इस खबर का पटाक्षेप कर दिया।
                                        इस महत्वपूर्ण घटना क्रम के खुलासे एवं बालक की दस्तयाबी में थाना ब्यौहारी के निरीक्षक अरूण पाण्डेय, एसआई मोहन पड़वार, एएसआई गया प्रसाद कन्नौजे, प्रधान आरक्षक नरेन्द्र उपाध्याय, आरक्षक अमृत यादव, गंगासागर गुप्ता, संजय द्विवेदी, त्रिलोक सिंह, शत्रुघन सिंह सेंगर और महिला आरक्षक माधुरी साहू की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
साजिश रचने वालों पर भी होगी कार्यवाही
                                        वहीं इस पूरे घटनाक्रम के संबंध में पुलिस अधीक्षक शहडोल कुमार प्रतीक से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि छात्र का अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि उसके परिजनों ने ही छात्र को अपने रिश्तेदार के घर रीवा भेज दिया था। उन्होंने बताया कि छात्र को सकुशल दस्तयाब कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक श्री प्रतीक ने यह भी बताया कि इस मामले में साजिश रचने वाले मां और मामा के खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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