प्रदेश
अखिल भारतीय साहित्य परिषद की फागुन काव्य गोष्ठी संपन्न
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २४ मार्च ;अभी तक; अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला इकाई मंदसौर ने वरिष्ठ पत्रकार घनश्याम बटवाल, गीतकार एवं गायक नंदकिशोर राठौर, कवि गोपाल बैरागी, राजेंद्र तिवारी, नरेंद्र सिंह राणावत, हस्ती सांखला, मोना छाबड़ा, विजय अग्निहोत्री, सुरेंद्र शर्मा पहलवान सा., नरेंद्र त्रिवेदी, मनीष कनोडिया, नरेंद्र भावसार व धु्रव जैन के सानिध्य में संपन्न हुई।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार डॉ. घनश्याम बटवाल ने कहा कि होली प्रेम, स्नेह एवं सद्भाव का त्यौहार है। यह त्यौहार हमें समानता और समरसता का संदेश देता है।
इस अवसर पर साहित्य परिषद ने गायक एवं गीतकार नंदकिशोर राठौर के होली गीत को जारी किया। गीतकार एवं गायक नंदकिशोर राठौर ने होली गीत ‘‘मन को मान ले मत इनकार तू तो रंग लगा दे यार’’ प्रस्तुत कर होली का आनंद दुगना कर दिया।
राजेंद्र तिवारी ने ‘‘बिरज में होली खेलत नंदलाल’’, नरेंद्र सिंह राणावत ने ‘‘हरी-हरी वसुंधरा हरा भरा यह चमन मेरा चमन मेरा’’, हस्ती सांखला ने ‘‘जीवन-जीवन भर का पल दो पल की बात नहीं’’’ कविता प्रस्तुत की। विजय अग्निहोत्री ने ‘‘आओ फाग उत्सव मनाएं प्रेम से सबको गले लगाए‘‘ कविता सुनकर फाग उत्सव मनाया।
गोपाल बैरागी ने ‘‘मैं इस होली पर फागुन के गीत सुनने आया हूं मिटे नहीं जो मतलब से वह भाव जगाने आया हूं‘‘ सुनाया। कवि सुरेंद्र शर्मा पहलवान ने मुक्तकों की झड़ी लगा दी और कविता ‘‘दिल पर रख दो हाथ को एहसासों का साथ ’’ कविता सुनाई। नरेंद्र त्रिवेदी ने सुरीले अंदाज में गीत ‘‘चार पैसे कमाने को आया मगर गांव मेरा मुझे याद आने लगा’’ सुनाया। मनीष कनोडिया ने देश भक्ति गीत मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन शांति का दूत सुनाया। ध्रुव जैन ने होलिका एवं प्रहलाद की कविता सुनाई। नरेंद्र भावसार ने संचालन के साथ बहुत ही सुंदर कविता ‘‘लिखे नए मौसम की नई खुशबू, कुछ तो ऐसी बात हो’’ प्रस्तुत की। इस अवसर पर नंदकिशोर राठौर ने सभी साहित्यकारों को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार डॉ. घनश्याम बटवाल ने कहा कि होली प्रेम, स्नेह एवं सद्भाव का त्यौहार है। यह त्यौहार हमें समानता और समरसता का संदेश देता है।
इस अवसर पर साहित्य परिषद ने गायक एवं गीतकार नंदकिशोर राठौर के होली गीत को जारी किया। गीतकार एवं गायक नंदकिशोर राठौर ने होली गीत ‘‘मन को मान ले मत इनकार तू तो रंग लगा दे यार’’ प्रस्तुत कर होली का आनंद दुगना कर दिया।
राजेंद्र तिवारी ने ‘‘बिरज में होली खेलत नंदलाल’’, नरेंद्र सिंह राणावत ने ‘‘हरी-हरी वसुंधरा हरा भरा यह चमन मेरा चमन मेरा’’, हस्ती सांखला ने ‘‘जीवन-जीवन भर का पल दो पल की बात नहीं’’’ कविता प्रस्तुत की। विजय अग्निहोत्री ने ‘‘आओ फाग उत्सव मनाएं प्रेम से सबको गले लगाए‘‘ कविता सुनकर फाग उत्सव मनाया।
गोपाल बैरागी ने ‘‘मैं इस होली पर फागुन के गीत सुनने आया हूं मिटे नहीं जो मतलब से वह भाव जगाने आया हूं‘‘ सुनाया। कवि सुरेंद्र शर्मा पहलवान ने मुक्तकों की झड़ी लगा दी और कविता ‘‘दिल पर रख दो हाथ को एहसासों का साथ ’’ कविता सुनाई। नरेंद्र त्रिवेदी ने सुरीले अंदाज में गीत ‘‘चार पैसे कमाने को आया मगर गांव मेरा मुझे याद आने लगा’’ सुनाया। मनीष कनोडिया ने देश भक्ति गीत मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन शांति का दूत सुनाया। ध्रुव जैन ने होलिका एवं प्रहलाद की कविता सुनाई। नरेंद्र भावसार ने संचालन के साथ बहुत ही सुंदर कविता ‘‘लिखे नए मौसम की नई खुशबू, कुछ तो ऐसी बात हो’’ प्रस्तुत की। इस अवसर पर नंदकिशोर राठौर ने सभी साहित्यकारों को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं प्रेषित की।