अ.भा. साहित्य परिषद ने किया सुहानी शाम का आयोजन, नगर के गीत, संगीत, सीने एवं साहित्य प्रेमियों ने सहभागिता की

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १४ अप्रैल ;अभी तक;  अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला इकाई मंदसौर ने अ.भा. साहित्य परिषाद ने सुहानी शाम का आयोजन इकाई अध्यक्ष नरेन्द्र परमार के जन्मदिन पर किया गया जिसमें नगर के गीत, संगीत, सीने एवं साहित्य प्रेमियों सर्वश्री डॉ. घनश्याम बटवाल, डॉ. उर्मिला तोमर, मुन्ना बेटरी,  श्रीमती ललिता अभय मेहता, रमेश गंगवानी, संजय भारती , नरेन्द्र त्रिवेदी, राजेन्द्र तिवारी, गोपाल बैरागी, यशिता हरिश दवे, श्रीमती चंदा अभय डांगी, नरेन्द्रसिंह राणावत, सतीश सोनी, चेतन व्यास, विजय अग्निहोत्री, सुरेन्द्र शर्मा (पहलवान), हस्ती सांखला, श्री कुमावत आरूणी शर्मा, उदिता मेहता, विभा राठौर, प्रीति कुमावत, धु्रव जैन, सुनीता शर्मा, डॉ. नील त्यागी ने अपनी प्रस्तुतियों के साथ किया।
                     इस अवसर पर सरस्वती वंदना हेमा भावसार ने प्रस्तुति के साथ गीत ‘‘अब तो तुमसे हर खुशी अपनी’’ सुनाया। मुन्ना भाई (अजय सोनी) ने भावसारजी के जन्मदिन के साथ जीवन साथी की तलाश कर लेने पर सहज हास्य ‘‘इस उम्र में हम सफर के लिये हिम्मत’’ सुनाया। रमेश गंगवानी ने ‘‘जब आपके घर खुदाई है, दिलों में ख्यालों में सनम हो’’ सुनाई। सुनीता शर्मा ने ‘‘हवाओं ने बिखेरी खुशबू, जब तेरी आरजू से हुई गुफ्तगू’’, उदिता मेहता ने ‘‘कोई गुलदस्ता फूल ना उपहार लाई, जन्मदिन पर शब्दों का हार लाई’’ को सुनाया।
                          हस्ती सांखला ने हास्य कविता ‘‘ एक कवि की रचना दूसरा कवि पढ़ गया, दूसरा कविता बोला ये रीत कैसी, पहला बोला जैसी लिखी पढ़ दी वैसी की वैसी’’। वहीं घनश्याम बटवाल ने ‘‘खुशी से निराशा खत्म होती, उदासी भी खुशी के आंसू रोती’’। अजय डांगी ने अब कोई फरक नहीं पड़ता, किनारे सड़कों के कोई पेड़ नहीं दिखता।’’ सुरेन्द्र शर्मा ने ‘‘एक एक मोती जोड़ माला बनाई, साहित्य की बात हर दिल तक पहुंचाई’’।
इस अवसर पर नरेन्द्र राणावत, राजेन्द्र तिवारी, विजय अग्निहोत्री ,आरूणि शर्मा, ललित बटवाल ने भी काव्य रचनाएं प्रस्तुत की। सतीश सोनी, राजू अग्रवाल, यशिता दवे, चेतन व्यास, डॉ. नील त्यागी, नरेन्द्र त्रिवेदी ने सुरीले गीत सुनाये। कार्यक्रम का संचालन राठौर ने किया व आभार नरेन्द्र त्रिवेदी ने माना।