ओंकारेश्वर बांध से अचानक छोड़ा पानी, नर्मदा नदी के बीच चट्टान पर फंसे 15 लोग  बाल बाल बचे।

मयंक शर्माखंडवा ९ अप्रैल ;अभी तक;  जिले के नर्मदाा तट  कह ज्योंिितर्लिग नगरी ओंकारेश्वर में समीप के नर्म्रदा  घाटी  ओंकारेश्वर बांध से अचानक छोड़ देने से  नर्मदा नदी में स्नान के लिये नदी के एकाएक पानी बढता देख हंगामा करने लगे। अपनी अपनी  जाान बचाने की गुहार लगाते रहे। नदी में पानी बढ़ता देख सभी चट्टान पर बैठ गए और घबराकर चिल्लाने लगे।

                             तेरह साल पहले देवास के समीप धाराजी में भी भूतड़ी अमावस्या पर बांध का पानी छोड़े जाने के कारण कई   लोगों की बहने से मौत हो गई थी। कई लोग किनारे पर सोए थे और नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण वे लोग बह गए थे। इस हादसे के बाद भी बांधों का संचालन करने वाली कंपनियां सबक नहीं ले रही है।
                             घटना के प्रत्यक्षदर्शी रणजीत भावरियां ने बताया कि नदी में फंसे ज्यादातर लोग गुजरात और महाराष्ट्र से आये थे। रणजीत ने बताया कि हूटर के अलावा घाटों पर अनाउंसमेंट भी किया जाना चाहिए, ताकि बाहर से आने वाले लोग भी बांध से पानी छोड़े जाने पर सावधान हो सके। घाट पर कंपनी ने कोई चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगाए है।
                               आज रविवार को बड़ा हादसा होते होते बच गया। यहां बांध की देखरेख करने वाली एचएचडीसी कंपनी ने बांध से पानी छोड़ दिया। इससे नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और नदी में स्नान करने वाले ३० से ज्यादा भक्त फंस गए। किनारे पर मौजूद लोगों ने तुरंत इसकी सूचना वहां मौजूद गोताखोरों को दी, जिसके बाद नाव के जरिए रेस्क्यू आपरेशन शुरू हुआ। जानकारी के मुताबिक करीब 15 श्रद्धालु बीच में फंस गए थे, जिन्हें एक-एक करके  नाविक उन्हें बचाने गए और रस्सियों की मदद से उन्हें नाव में बैठाकर किनारे पर लाए।
                          बाध प्रबंध कंपनी एनएचडीासी की ओर से बताया  गयस कि सुबह ११ बजे पानी छोड़ दिया। नदी में पानी छोड़ने से पहले परपराानुसार हूटर बजाया गया,लेकिन दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगों को इसकी जानकारी नहीं होने से हूटर बजने के बाद समर्कता नहीं बरत पाये। ओंकारेश्वर के नागर घाट पर ३० भक्त नदी में फंसे हुए थे। राहत की बात है कि कोई नदी में नहीं बहा। दस मिनट के भीतर ८ नाव में नाविक सवार होकर नदी में फंसे लोगों को बचाने पहुंचे और उन्हें किनारों पर ले आए। नदी में पानी बढ़ने के कारण ब्रम्हपुरी घाट पर भी छह लोग डूबने लगे थे। उन्हें भी नाविकों ने बचाया।
                           घटना के प्रत्यक्षदर्शी रणजीत भावरियां ने बताया कि घटना सुबह ११ बजे की है। नदी में पानी कम होने के कारण कई लोग किनारे से ५०-६० मीटर तक स्नान करने चले जाते है। रविवार को भी ऐसा ही हुआ, लेकिन बांध का पानी छोड़े जाने के बाद पानी का जलस्तर बढ़ गया। ३० से ज्यादा लोग नदी में फंसे हुए थे और चिल्ला रहे थे। जब वे किनारे पर पहुंचे तो उन्होंने राहत की सांस ली।

                        पुनासा एसडीएम चंदरसिंह सोलंकी ने कहा कि ओंकारेश्वर विद्युत परियोजना के चार टर्बाइन चल रहे थे। इन्हीं टर्बाइन से नर्मदा में एक-एक घंटे के अंतराल से पहली बार सुबह नौ बजे पानी छोड़ा गया था। बांध प्रशासन ने टर्बाइन से पानी छोड़ने के साथ ही सायरन भी बजाए। बाहरी श्रद्धालु स्थानीय स्थिति से अवगत नहीं थे। 30 से ज्यादा श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया है। फंसे युवाओं को स्थानीय लोगों ने आवाज देकर बाहर बुलाने की कोशिश भी की। बताया भी कि सायरन बज चुका है, अब पानी छोड़ा जाएगा। वे नहीं माने और नहाते रहे। जब नदी में अचानक पानी बढ़ा तो सभी बचाने की गुहार लगाने लगे।

श्री सोंलकी ने कहा कि नाविकों ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला। फिलहाल सभी सुरक्षित हैं।