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कान्हा टाइगर रिजर्व में अंतरराष्ट्रीय वन्यप्राणी कॉन्फ्रेंस में सभी एकमत, मनुष्य और वन्य प्राणियों के बीच के द्वंद को रोकना जरूरी
मंडला संवाददाता
मंडला ३० अप्रैल ;अभी तक; मनुष्य और वन्य प्राणियों के बीच के द्वंद को रोकना जरूरी है। साथ ही यह भी जरूरी है कि वर्तमान समय में जो पौधरोपण किए जा रहे हैं वह सिर्फ व्यावसायिक जंगलों के विकास को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे हैं। जबकि यह जरूरी है कि 100 प्रतिशत पौधरोपण में 50 प्रतिशत व्यावसायिक जंगलों के विकास के लिए और 50 प्रतिशत वनोपज के जंगलों को विकसित करने के लिए हो, तभी जैव विविधता बरकरार रह पाएगी। कान्हा टाइगर रिजर्व में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वन्य प्राणी कांफ्रेंस के समापन के अवसर पर वन मंत्री, मध्यप्रदेश शासन, डॉ कुंवर विजय शाह अपनी बात रखी और उनकी इस बात को कॉन्फ्रेंस में उपस्थित सभी सहभागी देशों के प्रतिनिधियों ने समर्थन दिया।
कान्हा टाईगर रिजर्व में मध्यप्रदेश शासन वन विभाग एवं राज्य वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वन्यप्राणी प्रबंधन वर्तमान परिवेश एवं भविष्य की रणनीति विषय पर अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठी आयोजित की गयी। 27 अप्रैल को शुरू हुए इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन 29 अप्रैल की देर शाम हुआ। इस संगोष्ठी में चार विभिन्न विषयों ’’वाइल्ड लाईफ पापुलेशन मैनेजमेंट’’, वाइल्ड लाईफ हैबीटेट ईकोलाजी एंड मैनेजमेंट’’, वाइल्ड लाईफ पाॅलीसी इसू एंड चैलेन्जेस’’ एवं ’’हयूमेन वाइल्ड लाईफ कान्फिलक्ट एंड मिटिगेशन मेजर्स’’ पर अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय विद्वानों द्वारा अपने शोध पत्र एवं अनुभवों को साझा किया गया। उनके द्वारा प्रस्तुत विषय के संबंध में विभिन्न समूहों द्वारा गहन परिचर्चा की गयी।
इस बारे में जानकारी देते हुए एस.के. सिंह, क्षेत्र संचालक कान्हा टाईगर रिजर्व ने बताया कि परिचर्चा के आधार पर समूहों द्वारा अपनी अनुशंसाएं संक्षिप्त रूप से तैयार की गयी एवं 29 अप्रेल को विश्व समूहों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इन मुख्य अनुशंसाओं के आधार पर प्रतिवेदन पत्र तैयार किया जायेगा। जिसमें अन्य विषय विशेषज्ञों के द्वारा उनसे संबंधित विषय पर अन्य सलाह का भी समावेश होगा।
एस.के. सिंह ने बताया कि संगोष्ठी के समापन सत्र में वन मंत्री मध्यप्रदेश शासन, डा. कुवर विजय शाह के मुख्य अतिथि एवं सम्राट सिंह, जिला पंचायत, अध्यक्ष की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। वन मंत्री द्वारा वन्यप्राणियों के संरक्षण व संवर्धन के साथ ही वनवासियों एवं वनों पर आश्रित जनसंख्या को लाभ दिलाने के विषय पर भी अपनी अनुशंसाएं प्रस्तुत करने के लिये आहवान किया गया। कार्यक्रम को प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, मध्यप्रदेश रमेश कुमार गुप्ता एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, मध्यप्रदेश जसबीर सिंह द्वारा भी सम्बोधित किया गया। कार्यक्रम के अंत में संचालक, राज्य वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर अमिताभ अग्निहोत्री द्वारा सभी उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया। बताया गया है कि इस स्तर की संगोष्ठी मध्यप्रदेश में वर्ष 1983 के बाद प्रथम बार आयोजित की गयी है। इस संगोष्ठी के परिणामों से प्रदेश में वन्यप्राणी संरक्षण व संवर्धन एवं इससे जुड़े हुये नागरिकों के विकास के लिए नयी दिशा तैयार होगी।