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छूकर मेरे मन को किया तुने क्या इशारा’’ किशोर दा की पुण्यतिथि पर दशपुर रंगमंच ने सजाई सुरों की महफिल

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १५ अक्टूबर ;अभी तक ;   नगर की सांस्कृतिक संस्था दशपुर रंगमंच मंदसौर ने प्रसिद्ध पार्श्व गायक, अभिनेता व डायरेक्टर किशोर कुमार की 95 पुण्यतिथि पर सुरों की महफिल सजाकर उन्हें गीतांजलि दी।
दशपुर रंगमंच के संस्थापक अभय मेहता ने बताया कि  किशोर कुमार के गाए गीत आज भी लोकप्रिय हैं। उनकी आवाज में इतनी ताजगी और अदाकारी में इतनी कशिश थी कि जो आज भी संगीत प्रेमियों को अपनी ओर खींचती है। स्व. किशोर कुमार गायिकी के साथ साथ अभिनय के भी सरताज थे। वे म्यूजिक डायरेक्टर भी लाजवाब थे। हास्य कला में भी परिपूर्ण थे। कला के हर क्षेत्र में वे सम्राट थे।
                                      किशोर कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए सतीश सोनी ने उनका नगमा ‘‘आते है चले जाते है जाने वाले कभी-कभी’’ सुनाया।  लोकेन्द्र पाण्डेय ने ‘‘किसका रस्ता देखे ऐ दिल ऐ सोदाई’’ गाया। अभय मेहता ने ‘‘कोई हमदम ना रहा कोई सहारा ना रहा’’ सुनाकर किशोर दा को याद किया। श्याम गुप्ता ने ‘‘जब तक मैंने समझा जीवन क्या है’’ सुनाकर जीवन का फलसफा बताया। राजा भैया ने प्रसिद्ध गीत ‘‘पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी’’ सुनाया। आबिद हुसैन ने ‘‘जिन्दगी का सफर है ये कैसा सफर’’ गीत को बखूबी प्रस्तुत किया। मीना जैन ने ‘‘ओ हंसिनी मेरी हंसनी’’ सुनाया।  हिमांशु वर्मा ने ‘‘चेहरा क्या है चांद खिला है’’ पेश किया। मीनू व ललिता दीदी ‘‘छूकर मेरे मन को किया तूने क्या इशारा’’ सुनाकर सबके दिलों को छू लिया। डॉ. निलेश नगायच ने ‘‘जिंदगी के सफर में गुजर जाते है’’ गीत सुनाकर किशोर दा को श्रद्धासुमन अर्पित किये।

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