प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी नल जल योजना हर घर पानी योजना की पन्ना जिले में बदतर हालत
दीपक शर्मा
पन्ना ११ नवंबर ;अभी तक ; लोक स्वास्थ यंत्रीकीय विभाग मे पदस्थ कार्यपालन यंत्री महेन्द्र सिंह पन्ना जिले मे विगत कई वर्षो से पदस्थ है जिनकी भ्रष्ट कार्य प्रणाली से शासन द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजनाए दम तोड रही है तथा शासन को भारी राशि की छति हो रही है। केन्द्र सरकार तथा मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांछी योजना नल जल योजना इसी विभाग के द्वारा संचालित की जा रही है। जिसका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति की घर मे टोंटी से पेयजल पंहुचे लेकिन जिस प्रकार से विभाग मे भ्रष्टाचार का बोलबाला है उससे लगता है कि यह योजना भी भ्रष्टाचार की कारण दम तोड देगी।
विगत दिवस पन्ना जिले के 18 सौ विद्यालयो तथा आंगनवाडीयो मे नल जल योजनाए प्रारंभ की गई थी। जिसकी तहत संबंधित संस्थाओ मे स्थापित हैंडपंपो तथा नल कूपो के माध्यम से मोटरे डालकर पानी की सप्लाई की गई थी। तथा प्रत्येक योजना मे लाखो रूपये खर्च किये गये थे लेकिन उक्त योजनाए पूर्ण रूप से फैल साबित हुई तथा आधे से अधिक विद्यालयो तथा आंगनवाडी केन्द्रो मे जल सप्लाई बंद है एवं आने वाले छात्र छात्राओ को पानी नसीब नही हो रहा।
वहीं दूसरी ओर पीएचई विभाग के अधिकारीयो द्वारा मनमाने ढंग से महिला बाल विकास तथा शिक्षा विभाग के कर्मचारीयो से नल जल योजना सफल होने के संबंध मे पत्र लिखवाकर विभाग को भेज दिये गये हैं। जबकी हकीकत मे आधे से अधिक योजनाए अभी भी बंद है। विभाग के जिम्मेवार अधिकारी कार्यपालन यंत्री तथा वर्तमान समय मे अधीक्षण यंत्री के प्रभार पर पदस्थ महेन्द्र सिंह कभी भी क्षेत्र का भ्रमण नही करते है। उनको आंबटित वाहन का वह जमकर दुरपयोग करते है तथा उक्त वाहन से सतना आना जाना नियमित रूप से कर रहे है। क्योकि वह सतना के निवासी है। जिससे शासन को लाखो रूपये का नुकसान प्रत्येक माह हो रहा है।
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतो के माध्यम से हर घर टोंटी से पानी उपलब्ध कराने के लिए नल जल योजनाए संचालित की गई है, लेकिन उक्त योजना भी पूरी तरह से फैल है। जिले में कुछ ग्रामों को छोड दिया जाये तो लाखो रूपये खर्च होने के बावजूद लोगो को जल नसीब नहीं हो रहा है। सिर्फ कागजों में खानापूर्ती करके भेज दी जाती है। कार्यपालन यंत्री महेन्द्र सिंह शासकीय वाहन का भारी दुरपयोग करते है। उनका आये दिन सतना से पन्ना आना जाना चलता है, कभी भी क्षेत्र में योजनाओं का निरीक्षण करनें नहीं जातें है। इसके बावजूद जिले के जिम्मेवार अधिकारीयों द्वारा संबंधित के खिलाफ कोई कार्यवाहीं नही की जा रही है। जबकी विभाग के अन्य कर्मचारीयों को श्री सिंह द्वारा लगातार परेशान किया जाता है, तथा उन्हें कारण बताओं नोटिस सहित बेतन काटना, अनावश्यक परेशान करना, उनकी फितरत मे सुमार में है, जबकी खुद शासन के नियम निर्देशो की लगातार धज्जियां उड़ा रहें है।
विभाग मे पदस्थ रहे कर्मचारी राम कृपाल अहिरवार जिसें माननीय न्यायालय द्वारा सजा दी गई थी तथा मारपीट के प्रकरण मे दो माह के लिए जेल भेज दिया गया था, उसके बावजूद उक्त कर्मचारी को बिना किसी कार्यवाहीं के फिर से विभाग में पदस्थ कर दिया गया। जबकी उक्त प्रकरण आज भी माननीय उच्च न्यायालय में चल रहा है। इस प्रकार संबंधित अधिकारी द्वारा मनमाने ढंग से कार्य किया जा रहा है। वर्तमान समय में महेन्द्र सिंह जिला कलेक्टर को अपना दोस्त बताते है, क्योकि जब कलेक्टर सुरेश कुमार नौगांव मे एसडीएम रहे उस समय महेन्द्र सिंह छतरपुर में कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ रहें है। श्री सिंह की कार्य प्रणाली से विभाग के ठेकेदार तथा अन्य कर्मचारी भारी परेशान है, तथा पेयजल जैसे महत्वपूर्ण विभाग में भारी लापरवाही देखी जा रही है जिले के जन प्रतिनिधि आखं मूंदकर सो रहे है, तथा संबंधित अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहें है। स्थानीय लोगो ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।