भागवत कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्म की कथा हुई, मनाया गया जन्मोत्सव

महावीर अग्रवाल
मंदसौर २० नवंबर ;अभी तक;  नगर के नरसिंहपुरा क्षेत्र में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के घर आनंद भया जय कन्हैया लाल की भजनों के साथ झूम उठे। वहीं श्रद्धालुओं ने आतिशबाजी कर मक्खन मिश्री के प्रसाद का भोग लगाकर वितरित किया।
                             नरसिंहपुरा स्थित श्री चारभुजानाथ धर्मशाला में चल रही कथा में आचार्य गोपालकृष्ण महराज श्रीधाम वृन्दावन वाले ने कहा कि जीवन में जब भी भगवत नाम सुनने का अवसर प्राप्त हो, उससे विमुख नहीं होना चाहिए। भागवत महापुराण के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए बताया कि जब जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब तब परमात्मा अवतार धारण करके धरती पर धर्म की स्थापना करते हैं।
                              विभिन्न प्रसंगों पर सुनाई कथा – कृष्ण जन्म की कथा के पूर्व भगवान राम के अवतार की लीला का वर्णन किया। आचार्यश्री ने कहा कि भगवान राम ने आदर्श स्थापित किया है, वह आज भी प्रासंगिक है। राम जन्म, ताड़का वध, राम विवाह, वनवास, रावण वध सहित राम राज्याभिषेक पर सुन्दर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि द्वापर में जब कंस के अत्याचार बढ़े तो श्रीकृष्ण ने अवतार लेकर मुक्ति दिलाई।
                            कथा के लाभार्थी रामचन्द्र कुमावत, दिनेश कुमावत, ललीत कुमावत (हरवा) ने बताया कि विगत १६ से २२ नवम्बर तक श्रीमद भागवत कथा महोत्सव किया जा रहा है। जिसमें क्षेत्र के भक्तजन पहुंचकर कथा का रसपान प्रतिदिन कर रहे है। उन्होने बताया कि कथा समापन के दूसरे दिवस २३ नवम्बर को तुलसी विवाह का आयोजन किया जाएगा। माता तुलसी की बारात लेकर मण्डफिया धाम से माता को ब्याहने श्री सांवलिया सेठ स्वयं पधारेंगे।
                                         कथा के चौथे दिवस जजमान के रुप में जिला धार्मिक उत्सव समिति ने आचार्यश्री का स्वागत कर आशिर्वाद लिया व आरती का लाभ भी प्राप्त किया। इस अवसर पर समिति के जिला अध्यक्ष सुभाष गुप्ता, संयोजक वर्दीचंद कुमावत, संस्थापकद्वय विनय दूबेला, विनोद मेहता, कन्हैयालाल सोनगरा, माणकलाल कुमावत, ओम कुमावत, गोपाल कुमावत, भरत कुमावत, रवी कुमावत, रमेशचन्द्र कुमावत, पिंकेश कुमावत, राकेश कुमावत, मुकेश आर्य, अशोक कुमावत सहित बडी संख्या में भक्तजनों ने उपस्थित होकर कथा श्रवण की।