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संगीतकार वैभव वागमार के गीतों ने प्रभु भक्ति का समां बांधा

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १४ दिसंबर ;अभी तक;  बुधवार की रात्रि को प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत नवनिर्मित श्री आर्यरक्षित सूरि जैन तीर्थ धाम में देश के सुप्रसिद्ध संगीतकार वैभव वागमार (बालोतरा) का आगमन हुआ। उन्होंने रात्रि 9 बजे से देर रात्रि तक प्रभु पार्श्वनाथजी एवं अन्य जैन तीर्थंकार की भक्ति के ऐसे गीत प्रस्तुत किये कि धर्मालुजन नृत्य करने लगे। पारसमलजी भेरूलालजी मेवानगरवालों की ओर से यह भक्ति संगीत का कार्यक्रम आयेाजित हुआ। जिसमें सैकड़ों की संख्या में धर्मालुजन शामिल हुए।  इस भक्ति संगीत के कार्यक्रम की व्यवस्था में सायंकाल चाय मित्रमण्डल का भी योगदान रहा।
                   ‘‘जयकार, जयकारा मेरे दादा का जयकारा…………..’’ गीत से अपने संगीत के कार्यक्रम की प्रस्तुति शुरू की। उसके बाद उन्होंने ‘‘माता वामा को वंदन है, वो प्रभु पार्श्वनाथ है, गीत पर भी खूब दाद बटोरी। उन्होनंे ‘‘रोम-रोम में समाया, पार्श्वनाथ रे’’ गीत पर धर्मालुजनों को नृत्य करने पर विवश कर दिया। वैभव वागमार ने ‘‘कभी वीर बनके कभी महावीर बनके गीत सुनाया। इस गीत में उन्होनंे सभी 24 तीर्थंकरों का गुणानुवाद किया। वैभव वागमार ने पार्श्वनाथजी के विभिन्न जैन मंदिरों के स्वरूपों का गुणानुवाद करते हुए ‘‘जैसे शंखेश्वर में पार्श्वनाथ, जैसे जीरावाला में पार्वनाथ, जैसे नागेश्वर में पार्श्वनाथ……………।‘‘ गीत श्रवण कराया और धर्मालुजनों की खूब दाद बटोरी। वैभव वागमार ने नवकार महामंत्र की महिमा को बताने वाले गीत ‘‘मंत्र नवकार हमें प्राणों से प्यारा……………’’ की भी प्रस्तुति दी। जिसे सभी ने सराहा। उन्होंने ‘‘मैं करू वंदना तेरी, ओ मेरे पार्श्वनाथ, ओ मुझ पर कृपा कर दो पार्श्वनार्थ’’ की भी प्रस्तुति दी।
मेहंदी की रस्म हुई- बुधवार की शाम को श्रीमती शकुंतला बेन, अभयजी, अक्षयजी, उज्जवल, समर्थ सुराणा परिवार (अरिहंत घी) इंदौर की ओर से मेहंदी की रस्म की गई। जिसमें प्रतिष्ठा समारोह में शामिल महिलाओं व बालिकाओं ने अपने हाथों पर मेहंदी लगाई। इंदौर के सुराणा परिवार की ओर से मेहंदी वितरण किया गया।
                       27 जोड़ों ने मणिभद्रजी का हवन किया- आचार्य श्री अशोकसागरजी म.सा. की प्रेरणा से गुरूवार को नवनिर्मित जिनालय परिसर में 27 जोड़ों ने मणिभद्रजी का हवन करने का धर्मलाभ प्राप्त किया। हिम्मत लोढ़ा, अभिषेक लोढ़ा परिवार की ओर से अप्रेश व श्वेता भण्डारी ने हवन की विधि मुख्य रूप से सम्पन्न कराई। अन्य जोड़ों ने भी हवन में पुरे भक्तिभाव से सहभागिता की।
                               कार्यालय निर्माण व धर्मशाला का हुआ लोकार्पण- आचार्यश्री की प्रेरणा व निश्रा में नवनिर्मित श्री आर्यरक्षितसूरि जिनालय में श्री रतनलालजी खमेसरा परिवार के द्वारा नवनिर्मित मंदिर कार्यालय भवन का लोकार्पण व संविदभाई रसीकलाल शाह परिवार मुम्बई के द्वारा निर्मित  अत्याधुनिक सर्वसुविधा युक्त हीरा लीला धर्मशाला का लोकार्पण कार्यक्रम शुभ मुहूर्त में खमेसरा परिवार के राजेन्द्र खमेसरा, मुकेश खमेसरा व मोहनलाल मुथा के द्वारा फीता काटकर किया गया।

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