425 सोलर पैनल इकाई से इतनी बिजली का उत्पादन हुआ कि 25 सौ घरों में हो सकती है पर्याप्त रोशनी, जिले में 425 घरो में स्थापित है निजी सोलर पैनल*

आनंद ताम्रकार
बालाघाट 30 अप्रैल ;अभी तक;  सूर्य तमाम ऊर्जा का एकमात्र स्त्रोत है। इस स्त्रोत का अगर ठीक से उपयोग किया जाए तो आज इतनी बिजली उत्पादित की जा सकती है कि हमें बिजली खरीदना ही नही पड़े। जिले में कुछ ऐसे घर है जहां ऐसे सोलर पैनल्स लगें है जिनसे स्वच्छ बिजली का उत्पादन हो रहा है।
                            इस मामलें में एमपीईबी के अधीक्षण यंत्री श्री दीपक उइके ने बताया कि आज सौर ऊर्जा का प्रचलन बढ़ने लगा है। जिससे अच्छी बिजली का उत्पादन भी हो रहा है। जिले में ऐसे कुल 425 सोलर पैनल है जहां एमपीईबी के मीटर लगाए गए है। उसके आधार पर इनसे 1 अप्रैल से 31 मार्च तक 3.44 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है। इतनी मात्रा में उत्पादित बिजली का आंकलन करें तो पता चलता है कि नार्मल दिनों में एक घर में 1.40 किलो वॉट औसत बिजली पर्याप्त होती है। इस तरह जिले में 425 घरों से उत्पादित 3.44 लाख यूनिट बिजली 2500 घरों में पर्याप्त बिजली प्रदाय कर सकती है।
*एमपीईबी से 1.81 लाख यूनिट ली और 3.44 लाख यूनिट लौटाई*
                            जिले में लगे कुल 425 घरों में सौलर पैनल के कनेक्शन है। इनकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है, ये वो डेटा है जिन्होंने विभाग से मीटरिंग कराई है। 425 कनेक्शन/घरों में 1.81 लाख यूनिट बिजली खर्च की गई। इतने कनेक्शिन से विभाग को उपयोग करने के बाद 3.44 लाख यूनिट बिजली लौटाई है, 3.44 लाख यूनिट की राशि 10.83 लाख रुपये होती है। जिसका समायोजन अक्टूबर माह के बिजली बिल में किया जाएगा। एक सोलर पैनल को स्थापित करने में लगभग 35000 हजार रुपये खर्च होते है।
*जिले में 476 सोलर पंप और शासकीय भवनों पर 2499 क्षमता के पैनल स्थापित*
                                  अक्षय ऊर्जा कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 476 सोलर पंप स्थापित है। इसी तरह बालाघाट में शासकीय भवनों पर भी सोलर पैनल स्थापित है। बीएसएनएल, कलेक्टर भवन, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, जिला पंचायत, पुलिस विभाग और राजस्व विभाग में कुल 2499 किलोवॉट क्षमता के सोलर पैनल स्थापित है।
*ऐसे काम करता है पैनल*
                               सूर्य से आने वाली ऊर्जा/किरणों को पैनल में लगी सिलिकॉन सेल से बने उपस्कर/प्लेट में एकत्रित करके सूर्य की रोशनी को बिजली में बदला जाता है। एक सोलर पैनल से प्रतिदिन 1.5 किलोवॉट ऊर्जा उत्पन्न कर सकते है। जबकि 20 पैनल किसी भी घर के लिए पर्याप्त बिजली उत्पादित कर सकता है।