प्रदेश
43वें विश्व नियुद्ध खेल स्थापना दिवस पर नियुद्ध गुरुओ को मिला सम्मान
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १० मार्च ;अभी तक; नियुद्ध के 43वें स्थापना दिवस एवं महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में नियुद्ध गुरूकुल द्वारा आयोजित आदि गुरू भगवान शिव के पूजन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नगर पालिका उपाध्यक्ष श्रीमती नम्रता चावला, अपना घर के संस्थापक श्री राव विजयसिंह, पशु पक्षी सेवक व समाजसेवी श्री ओम बड़ोदिया, शा.मा. विद्यालय जनता कॉलोनी के वरिष्ठ शिक्षक श्री दिनेश परमार उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता नियुद्ध गुरूकुल के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र अग्रवाल ने की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगर पालिका उपाध्यक्ष श्रीमती नम्रता चावला ने खिलाड़ियों को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नियुद्ध कला शरीर को मजबूत बनाने के साथ ही भारतीय संस्कृति को भी सिखाती है। अपना घर की बालिकाएं नियुद्ध गुरु की उपाधि प्राप्त कर चुकी है यह बहुत ही गर्व की बात है श्रीमती चावला द्वारा आश्वासन दिया गया कि नियुद्ध को भारत में और विश्व में आगे बढ़ाने के लिए नगर पालिका मंदसौर द्वारा पुरी मदद की जाएगी।
अध्यक्षता कर रहे श्री अग्रवाल ने कहा कि नियुद्ध एक शक्ति का प्रदर्शन है। भारतीय पद्धति से सिखाई जाने वाली यह कला निरंतर संपूर्ण राष्ट्र और विश्व में अपने कदम जमाती जा रही है जिससे आने वाले समय में नियुद्ध कला से कई खिलाड़ि और युवा अपने भविष्य को सुरक्षित कर पाएंगे।
अतिथियों का स्वागत नियुद्ध संस्थापक डॉ नरेन्द्र श्रीवास्तव, ओमप्रकाश हंसवार, राजीव शर्मा, शैलेंद्र श्रीवास्तव, विजय पारखी, दिनेश परमार, प्रवीण भण्डारी, अजयसिंह चौहान, सनी घोड़ेला, आदित्य सुरा, अभिरुची भंडारी, अर्पण भंडारी, हिमांशु सिंह चंद्रावत, वंशिका श्रीवास्तव, हर्षिता सिसोदिया, अल्फेज अंसारी, दिव्या रैकवार, अपना घर की नियुद्ध गुरु कंकू, नीलम, संजना, पायल आदि ने किया।
इस अवसर पर नियुद्ध गुरू अजयसिंह द्वारा भगवान शिव के पार्थिव शिवलिंग को अपने हाथों से निर्मित कर उसका पूजन अभिषेक किया गया साथ ही भारत के कई राज्यों में भी 43वां विश्व नियुद्ध खेल स्थापना दिवस अपने-अपने क्षेत्र में मनाया गया जिसमें मध्य प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, राजस्थान, गुजरात, जम्मू एंड कश्मीर, झारखंड आदि राज्य सम्मिलित थे। खिलाड़ियों द्वारा कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए हिन्दी भाषा का वर्णक्रम एवं नियुद्ध द्वंद का प्रदर्शन किया गया। साथ ही सभी अतिथियों व नियुद्ध गुरूओं को स्मृति चिन्ह भेंट किये गये।
इस अवसर पर अतिथियों ने करीब 50 बच्चों को प्रमाण पत्र प्रदान किये जिसमें ब्लेक बेल्ट/नियुद्ध गुरू के प्रमाण पत्र श्रीवाली श्रीवास्तव, खुशी परमार , विशाल चौहान को प्रदान किए गए।
कार्यक्रम का संचालन नियुद्ध गुरूकुल सचिव नियुद्ध गुरू प्रवीण भण्डारी ने किया एवं अंत में आभार प्रदर्शन नियुद्ध गुरूकुल के सहसचिव अजयसिंह चौहान ने किया
अध्यक्षता कर रहे श्री अग्रवाल ने कहा कि नियुद्ध एक शक्ति का प्रदर्शन है। भारतीय पद्धति से सिखाई जाने वाली यह कला निरंतर संपूर्ण राष्ट्र और विश्व में अपने कदम जमाती जा रही है जिससे आने वाले समय में नियुद्ध कला से कई खिलाड़ि और युवा अपने भविष्य को सुरक्षित कर पाएंगे।
अतिथियों का स्वागत नियुद्ध संस्थापक डॉ नरेन्द्र श्रीवास्तव, ओमप्रकाश हंसवार, राजीव शर्मा, शैलेंद्र श्रीवास्तव, विजय पारखी, दिनेश परमार, प्रवीण भण्डारी, अजयसिंह चौहान, सनी घोड़ेला, आदित्य सुरा, अभिरुची भंडारी, अर्पण भंडारी, हिमांशु सिंह चंद्रावत, वंशिका श्रीवास्तव, हर्षिता सिसोदिया, अल्फेज अंसारी, दिव्या रैकवार, अपना घर की नियुद्ध गुरु कंकू, नीलम, संजना, पायल आदि ने किया।
इस अवसर पर नियुद्ध गुरू अजयसिंह द्वारा भगवान शिव के पार्थिव शिवलिंग को अपने हाथों से निर्मित कर उसका पूजन अभिषेक किया गया साथ ही भारत के कई राज्यों में भी 43वां विश्व नियुद्ध खेल स्थापना दिवस अपने-अपने क्षेत्र में मनाया गया जिसमें मध्य प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, राजस्थान, गुजरात, जम्मू एंड कश्मीर, झारखंड आदि राज्य सम्मिलित थे। खिलाड़ियों द्वारा कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए हिन्दी भाषा का वर्णक्रम एवं नियुद्ध द्वंद का प्रदर्शन किया गया। साथ ही सभी अतिथियों व नियुद्ध गुरूओं को स्मृति चिन्ह भेंट किये गये।
इस अवसर पर अतिथियों ने करीब 50 बच्चों को प्रमाण पत्र प्रदान किये जिसमें ब्लेक बेल्ट/नियुद्ध गुरू के प्रमाण पत्र श्रीवाली श्रीवास्तव, खुशी परमार , विशाल चौहान को प्रदान किए गए।
कार्यक्रम का संचालन नियुद्ध गुरूकुल सचिव नियुद्ध गुरू प्रवीण भण्डारी ने किया एवं अंत में आभार प्रदर्शन नियुद्ध गुरूकुल के सहसचिव अजयसिंह चौहान ने किया