रंगारंग कार्यक्रमों के साथ मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस, बाइक रैली भी निकली

मोहम्मद सईद
शहडोल, 9 अगस्त ; अभी तक ; विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी समाज द्वारा बुधवार को बाइक रैली निकाली गई और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आदिवासी वेष भूषा और आदिवासी संस्कृति की जबरदस्त झलक देखने को मिली। समाज के उत्साही युवा अलग-अलग पोशाकों में नजर आए। कई लोग अपना परंपरागत तीर और कमान भी लिए हुए थे। इस कार्यक्रम की एक खासियत यह भी रही कि पूरा कार्यक्रम अनुशासन के दायरे में संपन्न हुआ।
                                    संयुक्त आदिवासी संघ के बैनर तले आयोजित बाइक रैली आसपास के कई गांवों से चलकर शहडोल आई और शहर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण करते हुए रैली कार्यक्रम स्थल टेक्निकल स्कूल ग्राउंड पहुंची। रैली में डीजे पर आदिवासी गीत और धुन बज रहा था।
                                   टेक्निकल स्कूल मैदान में आयोजित समाज के कार्यक्रम की शुरुआत बड़ा देव के पूजन से हुई। मंचासीन अतिथियों को हल्दी चावल का टीका लगाकर व बैच लगाकर स्वागत किया गया। इसके बाद आदिवासी गौरव का प्रतीक पीला साफा भी बांधा गया।
                                 कार्यक्रम के प्रारम्भ में आदिवासी बालिकाओं स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कन्या शिक्षा परिसर की बालिकाओं ने आदिवासी गीत पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति दी। कई अन्य प्रस्तुतियां भी हुई, जिसमें आदिवासी संस्कृति की झलक दिखाई दे रही थी। स्वागत भाषण तेज प्रताप नेताम ने दिया। कार्यक्रम के संयोजक व गोंडवाना अधिकारी कर्मचारी संघ के संभागीय संरक्षक चांद सिंह पट्टावी ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। कई वक्ताओं ने यह भी बताया कि विश्व आदिवासी दिवस कब से प्रारंभ हुआ और दुनिया भर में 9 अगस्त को यह दिन क्यों मनाया जाता है।
                                    कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. बी एस धुर्वे थे, जबकि अध्यक्षता पूर्व सहायक आयुक्त रणजीत सिंह धुर्वे ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में राजेश कुशवाहा, सतीश कश्यप, बी आर नेताम, रविंद्र सिंह श्याम, शीतल टेकाम, अविनाश बैगा, अजमेर सिंह, तेज प्रताप नेताम, डॉक्टर सुनीता सिंह, प्रोफेसर कुजूर, अंजना सिंह, डॉक्टर अमरनाथ सिंह, ललन सिंह, हेमंत कोर्चे, अशोक सिंह श्याम, मनीष सिंह और मृत्युंजय सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल व प्रभावी संचालन शंकर सिंह केरमा ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के पुरुष व महिलाएं उपस्थित रहीं।