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पुलवामा और अटारी गया था संदिग्ध आतंकी फैजान

मयंक शर्मा

खंडवा ८ जुलाई ;अभी तक;   आतंकी विचारधारा से जुड़े फैजान ने  एटीएस की पूछताछ मं कबूला है कि वह सिमी सदस्यों के लगातार संपर्क में था।आतंकी घटनाओं वाली जगह जाकर  गतिविधियां देखता था । पुलवामा और अटारी भी गया था ।

4 जुलाई को खंडवा में गिरफ्तार संदिग्ध आंतकी फैजान पांच दिन की पुलिस रिमांड वर चल रहा ीे और पूछताछ में उसने  कई राज उंगले है।उसके  पास के चार मोबाइल फोन जब्त हुए। पूछताछ में पता चला कि उसने देश के 15-20 स्थानों का भ्रमण किया, जहां आतंकी घटनाएं हुईं थीं। हालांकि विदेश जाने के साक्ष्य नहीं मिले।

यह भी पता चला है कि  फैजान हमेशा अपने परिवार से अलग-थलग रहता था। मप्र एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के संदिग्ध आतंकी फैजान सिमी के सदस्यों के संपर्क में था।  उसके कॉल डिटेल रिकार्ड में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि वह सिमी के सदस्यों से लगातार बात करता था।खंडवा का रहने वाला है कथित आंतकी अब्दुल रकीब कुरैशी जो कोलकत्ता पुलिस की केेैद मे है उससे
कोलकाता की जेल में मिला था। कोलकाता एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार किया था। जहां भी आतंकी घटनाएं होती थीं, फैजान वहां ं जाता था। फैजान वर्ष 2012 से  आतंकी विचारधारा से जुड़ा था। एटीएस के अनुसार, स्थानीय स्तर पर फैजान ने अपनी गतिविधियां बहुत सीमित कर रखी थी। वह लोगों से बहुत कम मिलता-जुलता था। परिवार में भी अलग-थलग रहता था। भोपाल में वर्ष 2016 में जेल से भागे सिमी आतंकियों के मुठभेड़ में मारे जाने का उसे बहुत मलाल है। इसी कारण वह सिमी के सदस्यों को आइएम से जोड़कर घटना का बदला लेने के लिए बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहा था।

यहां पकड़े गए संदिग्ध आतंकी फैजान के मामले में कई बड़े खुलासे हुए हैं।रकीब से मिलने कोलकाता जेल जाने के बाद फैजान खुफिया पुलिस  के रैडार पर आया था ।एनआईए की टीम मई 2023 में जब आतंकी नेटवर्क की छानबीन करने खंडवा आई थी, तब फैजान से भी शक की बुनियाद पर पूछताछ की गई थी, लेकिन दहशतगर्दी में उसकी दिलचस्पी कम नहीं हुई।

फैजान के बड़े भाई मोहम्मद इमरान ने बताया कि फैजान को परिवार वाले भड़काऊ पोस्ट व स्टेटस नहीं डालने को समझाया करते थे।रिश्तेदार भी स्टेटस देखकर हमें फोन करके समझाने को कहते थे। पूरा परिवार उसकी हरकतों से परेशान था। गुरूवार को मप्र एटीएस ने खंडवा से आतंकी फैजान शेख को गिरफ्तार किया,। एसे पांच दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही ह।

गुरूवार को पकडने के बाद एटीएस की कार्रवाई से यह तो स्पष्ट हो चुका है कि यहां आतंकी नेटवर्क अभी जिंदा है। इसके चलते आतंक की राह अपनाकर फैजान भी कोई बड़ी घटना को अंजाम देने वाला था। इस दहशतगर्दी में कौन उसका सहयोगी था, किसके इशारों पर फैजान काम कर रहा था, इस रहस्य का जल्द राजफाश होगा। एनआईए और एटीएस इंटरनेट के सहारे आतंकी नेटवर्क चलाने वालों पर पैनी नजर रख रही हैं।

एठीएस सूत्रो ने कहा कि उस पर एक साल से निगरानी थी।  एटीएस ने उसकी इंटरनेट गतिविधियों की निगरानी कर आतंकी साजिश को विफल करने का दावा किया है।अब एटीएस उससे जुड़े लोगों के तार  खंगाल रही है। आतंकी साजिशों में शामिल अब्दुल रकीब कुरैशी के साथ जब वह पकड़ा गया तो कोलकत्ता  की एसटीएफ ने प्रारंभिक पूछताछ करके फैजान को छोड़ तो दिया था, लेकिन जांच एजेंसियों ने उससे नजर नहीं हटाई।फैजान जब रकीब से मिलने कोलकाता जेल में गया तो वह जांच एजेंसियों के रडार पर पूरी तरह से आ गया। ऐसे में,  इंटरनेट मीडिया पर उसकी पोस्ट व अन्य गतिविधियों से शक यकीन में बदल गया।

फैजान से जांच एजेंसियां पूछताछ कर उसके नेटवर्क को खंगाल रही हैं। इसके लिए उसकी कॉल डिटेल, इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर फॉलोअफ आदि का ब्योरा जुटा रही हैं। चार दिन पहले गुरूवार को पकडने के बाद एटीएस की कार्रवाई से यह तो स्पष्ट हो चुका है कि यहां आतंकी नेटवर्क अभी जिंदा है। इसके चलते आतंक की राह अपनाकर फैजान भी कोई बड़ी घटना को अंजाम देने वाला था। इस दहशतगर्दी में कौन उसका सहयोगी था, किसके इशारों पर फैजान काम कर रहा था, इस रहस्य का जल्द राजफाश होगा। एनआईए और एटीएस इंटरनेट के सहारे आतंकी नेटवर्क चलाने वालों पर पैनी नजर रख रही हैं।
एटीएस  ने बताया कि  यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) के तहत गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से भारी मात्रा में जिहादी साहित्य जब्त किया गया है। इसके अलावा 4 मोबाइल फोन, 1 पिस्तौल, 5 जिंदा कारतूस और साथ ही स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) संगठन के सदस्यता फॉर्म भी उनके पास से बरामद किए गए हैं।कब्जे से लिए गए मोबाइल और डिजिटल डिवाइस से हमें इंडियन मुजाहिदीन, आईएसआईएस, लश्कर-ए-तैयबा आदि संगठनों के कई फोटो और वीडियो मिले हैं ।  पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

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