विचारात्मक* * भावनाहीन दुनिया का कारण है – “अल्कोहल”* * (आवश्यकता है कलयुग से सतयुग की ओर बढ़ने की)* 

प्रो. साक्षी विजयवर्गीय
(गवर्नमेंट पी.जी. कॉलेज मंदसौर)
मन्दसौर  २ मार्च ;अभी तक;  कलयुग को सतयुग बनाने की संपूर्ण जिम्मेदारी हमारे ऊपर ही है, शराब (अल्कोहल) व्यसन का बढ़ता चलन हर परिवार के लिए खतरे की घंटी है, आज का युवा विदेश को देखकर खाने के साथ शराब सेवन का आदि होता जा रहा है शराब का चलन इस कदर बढ़ गया है कि आज जो शराब नहीं पीता उस व्यक्ति को अलग- थलग समझा जाता है। आज के इस आधुनिक युग में यू कहां जाये *”An apple a day keep Doctor away and A drink a day keep a Doctor on the way”* तो यह गलत नहीं होगा।
                               ताज्जुब की बात यह है कि हानिकारक लिखा होने के बावजूद भी व्यक्ति उसका शौक से सेवन करता है और उसको आधुनिकता से जोड़ देता है हमारे समाज में आज जो दौर चल रहा है उसमें शराब (अल्कोहल) जैसे व्यसन को भी धीरे-धीरे स्थान दिया जा रहा है आज कल के नौजवान इस व्यसन को अपना स्टैंडर्ड समझते हैं शुरुआत सिर्फ चखने (टेस्ट) से होती है और यह आगे चलकर ना छूटने वाली आदत बन जाती है। वास्तव में अल्कोहल हमारे नर्वस सिस्टम को डीएक्टिवेट कर देता है और हमारे मस्तिष्क के सोचने समझने की क्षमता को क्षीण कर देता है जिससे मस्तिष्क से जो मैसेज हमारे अंगों को मिलता है उसमें अल्कोहल अवरोध की भूमिका निभाता है यह हमारे लीवर को अत्यधिक नुकसान पहुंचता है इसके असर से पिता अपने बच्चों को नहीं समझ पाते, पति अपनी पत्नी को नहीं समझ पाते और घरों के टूटने की वजह बनते हैं।
                                अल्कोहल का सेवन जीवन के लिए बहुत हानिकारक साबित हो रहा है, वर्तमान परिपेक्ष में हम कितनी ही मौतें वह भी कम उम्र में इसका सेवन करने वालों में देख रहे हैं। हम सब को मिलकर सोचना चाहिए कि शराब में ऐसी कौन से गुण है जो शारीरिक और मानसिक रूप से लाभप्रद हैं ? मैं आप सब से पूछना चाहती हूं क्या कोई डॉक्टर आपको शराब पीने की सलाह देता हैं? किसी का धर्म शराब पीने को कहता हैं?, कोई माता-पिता अपने बच्चों को शराब के लिए प्रेरित करते हैं? शराब पीने से सिर्फ नुकसान ही होता है वह आपकी इंद्रियों को ब्लॉक कर देती है… आपके जो सेंस की शक्तियां होती है वह क्षीण हो जाती है जिससे उसके निर्णय लेने की क्षमता खत्म हो जाती है आप आपकी जिंदगी और चीजों के प्रति सकारात्मक नहीं रह पाते आप शराब के ऊपर जो व्यय करते हैं वह सभी कहीं ना कहीं आपके परिवार को संवारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं । आपके मां-बाप की देखभाल का खर्च, आपकी पत्नी के भरण पोषण एवं आपके बच्चों की अच्छी शिक्षा यह सब शराब पीने से खराब हो सकती है और शराब पीने से आप अपने परिवार के फ्यूचर को गिलास के माध्यम से अंदर पी जाते हैं, वर्तमान परिपेक्ष में ऐसा एक भी व्यक्ति बता दीजिए जिसको शराब पीने से लाभ पहुंचा हो वरण ऐसे बहुत से उदाहरण है कि शराब पीने से कितने परिवार नष्ट हुए हैं। हमारे धर्म में भी शराब सेवन को सबसे निम्न धरा पर देखा जाता है और इसकी आलोचना भी की जाती है, व्यक्ति धर्म भी करना चाहता है और साथ में शराब सेवन भी अच्छा मानता है तो अगर वह धर्म करता है तो उसे इस धर्म की मर्यादा के अनुरूप ही व्यवहार करना चाहिए। आज की जनरेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी है जिसके फलस्वरुप बच्चे ज्यादा अपडेटेड है आजकल जो टेलीविजन या वेब सीरीज में कृत्य दिखाये जा रहे हैं इसका कहीं ना कहीं एक नेगेटिव इंपैक्ट युवाओं पर बहुत ज्यादा पड़ता जा रहा है और इसी की वजह से उनमें ड्रिंकिंग का चलन बढ़ गया है। हर एक घर में यह प्रतिज्ञा संस्कार के साथ होनी जरूरी है कि शराब के व्यसन और व्यसन करने वाले लोगों से निश्चित दूरी बनाकर रखना है ताकि जिंदगी में उस व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव हो सके। मेरी आप सभी से विनती है, आपके व्यवहार को यह बच्चे बड़े ध्यान से समझ रहे हैं और इस पथ पर अपने आप को अग्रसर कर रहे हैं इसलिए ऐसी चीजों के सेवन से बचकर आपको भी धर्म के मार्ग पर अग्रसर होना चाहिए जिससे आने वाली जनरेशन को भी इस संबंध में अच्छा सीखने को मिले और उनमें यह समझ दीजिए उनके लिए अल्कोहल व्यसन बिल्कुल भी ठीक चीज नहीं है।
                                       इस परिपेक्ष में हर घर के बड़ों को आगे आना पड़ेगा युवाओं से बात करनी पड़ेगी उन्हें सही-गलत, अच्छा-बुरा और धर्म के प्रति प्रेरित करना पड़ेगा जिससे आने वाले समाज को निखारा जा सके और शराब जैसी बुराई से घर और समाज को बचाया जा सके जिससे कलयुग से सतयुग में अच्छी और जल्दी से प्रवेश किया जा सके।