भारत के साथ अमेरिका ने किया मिलकर हथियार बनाने का समझौता चीन -पाक में खलबली , जब मिले दो महाबली

   ( महावीर अग्रवाल )
मन्दसौर २३ जून ;अभी तक;  247 वर्ष पूर्व ब्रिटेन के चंगुल से आजाद हुए अमेरिका की विश्व मे चौधराहट की ढीली होती पकड़ को मात्र 75 वर्ष पूर्व इसी ब्रिटेन से आजाद हुए भारत की शांति की नीति से प्रभावित हो अमेरिका ने भारत के साथ मिलकर हथियार बनाने का यह 21 वी सदी में एक ऐतिहासिक निर्णय है। विश्व में भारतीय कैसा देश है जिसे लेकर अमेरिका यह अच्छी तरह समझ गया है कि यह एक ऐसा देश है जो विश्व में शांति का एक उदाहरण प्रस्तुत करता है । अमेरिका तो भारत से इतना प्रभावित हो गया है कि वह अब नासा के साथ इसरो भी भेजने के लिए तैयार है यारों की पक्की यारी सारी दुनिया पर भारी इससे चीन पार्क में खलबली जब मिले दो महाबली भारत से अमेरिका ने अब समझदारी रक्त जो दोस्ती का हाथ बढ़ाया है इससे अमेरिका की विश्व मे चौधराहट को मजबूती मिली है और भारत वही अपनी विश्व शांति की नीति पर कायम है।यह एक महत्वपूर्ण कदम विश्व में याददाश्त के रूप में रहेगा।
                                भारत की यह सब उपलब्धि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की 21 जून विश्व योग दिवस से 23 जून तक की अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ विपक्षी वार्ता के दौरान समझौते में तय हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान वैसे तो अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद बहुत खुश लग रहे थे और ऐसा लग रहा था अमेरिका द्विपक्षीय वार्ता में भारत के साथ हर पल के दोस्ती को तैयार है होगा भी क्यों नहीं क्योंकि विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जो शांति प्रिय देश है और यह न कभी किसी देश की जमीन हड़पना चाहता है और ना कभी किसी देश पर आक्रमण करना चाहता है हां लेकिन भारत आतंकवाद ना कभी बर्दाश्त करेगा और ना किसी देश को अपनी जमीन हड़पने देगा।
                       यही अमेरिका है जिसने विश्व में अपनी ताकत को बरकरार रखने के लिए उसे सोवियत संघ को अनेक भागों में विभाजित होता देख अपनी ताकत को मजबूत माना यही अमेरिका है जो अफगानिस्तान से भागा इराक से निकला ईरान व उत्तर कोरिया से स्थित तनातनी चलती रही ताइवान को लेकर चीन से अमेरिका की वर्तनी हुई है रूस यूक्रेन कोई डेढ़ वर्ष से अधिक समय से चल रहे युद्ध में अमेरिका ने अपने अनेक आधुनिक अरबों रुपए के हथियार दिए लेकिन रूस ने उन सब का दुआ निकाल दिया आज स्थिति ऐसी खड़ी हो गई है कि विश्व में यह अमेरिका को अपनी ताकत को कायम रखने के लिए भारत से अच्छा दोस्त कहां मिलता है।
                        एक और यह वही अमेरिका है जो अपनी ताकत का परचम लहरा रहा था जब उसने पाकिस्तान को खूब प्रोत्साहित किया ।अमेरिका का कोई भी राष्ट्रपति जब भी भारत आता तो वह पाकिस्तान भी जाता रहा है। पाकिस्तान ने अपना कश्मीर का राग  अलापने को लेकर जब भारत पर हमला किया तो अमेरिका ने अपने आधुनिक हथियार सेबर जेट विमान, पैटन टैंक और आखिर में तो अपना शक्तिशाली सातवां बेड़ा तक समुद्र में भारत के खिलाफ भेजा था ।भारत के वीर जवानों ने अमेरिका के इन आधुनिक हथियारों का न केवल धुंआ निकाल दिया बल्कि कोई एक लाख पाक सैनिकों को बंदी भी बना लिया था ।अमेरिका यह सब दृश्य देख भौचक्का रह गया था ।अमेरिका के लिए यह एक सबक उसकी याददाश्त की डायरी में चला गया होगा।
                           भारत के साथ अमेरिका कि मिलकर हथियार बनाने का प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडेन के द्वारा किए गए समझौते का संदेश पूरे विश्व में सकारात्मक रूप में गया है ।यहां तक कि नासा के साथ इसरो भेजने का भी निर्णय बहुत ही महत्वपूर्ण है ।अमेरिका ने संभवत यह निर्णय इसलिए भी लिया होगा कि भारत तो शांति का प्रतीक है। इसलिए हथियारों का उपयोग यह युद्ध थोपकर नहीं कर सकता लेकिन उधर चीन व पाकिस्तान पर भारी दबाव का उसका दाव जरूर सफल रहेगा। अमेरिका नहीं चाहता कि चीन ताइवान पर हमला करें और उधर भारत भी यह चाहता है कि चीन अपनी हद से बाहर ना निकले। प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन के द्वारा किए गए सभी समझौतों से जहां भारत को वर्षों तक लाभ है वहीं अमेरिका की अपनी नीति के तहत यह सफल रहा है।
                              प्रधानमंत्री श्री मोदी के तीन दिवसीय अमेरिका की आधिकारिक यात्रा वैश्विक स्थिरता के लिए जरूरी माना गया है। यह दोस्ती विश्व के लिए भी उस दृष्टिकोण से अहम हैं ।वैश्विक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। दोनों देशों की यह दोस्ती विश्व के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमें यदि विश्व के यह दोनों बड़े नेता यह कहते हैं कि हम मिलकर पूरे विश्व को बढ़ाने में सक्षम होंगे तो आने वाले समय में इसके अच्छे परिणाम भी अपेक्षा की जा सकती है। भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन महत्वपूर्ण समझौते कर रहे थे तो दूसरी और उस अमेरिका के ही सम्मुख जो यूक्रेन को भरपूर आधुनिक हथियारों की मदद उस रूस के खिलाफ दे रहा है जो भारत का मित्र देश है। वहां श्री मोदी ने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध विवाद बातचीत से सुलझाने की जरूरत है। इस संकट में हम शांति के पक्षधर है।
यह कह सकते हैं कि सात समंदर पार न्यू इंडिया की धाक। भव्य है ,दिव्य है,यह महान दृश्य है। सुनो गौर से दुनिया वालो सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी ।भारत और अमेरिका मिलकर हथियार बनाएंगे। पाक – चीन में खलबली , जब मिले दो महाबली।