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एक डोर में सबको बांधती है हिन्दी दशपुर रंगमंच ने कविता व गीतों से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित किया

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १५ सितम्बर ;अभी तक ;   नगर की सांस्कृतिक संस्था दशपुर रंगमंच मंदसौर द्वारा हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में कविताओं एवं गीतों से ओतप्रोत कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में स्वाति रिछावरा ने कविता ‘‘आईना तो आईना होता है’’ सुनाई। हिमांशु वर्मा ने कविता ‘‘वाणी का श्रृंगार है हिन्दी’’ सुनाकर हिन्दी का महत्व बताया। श्याम गुप्ता ने कविता ‘‘संस्कृत से जन्मी है हिन्दी’’ सुनाकर हिन्दी के प्रारब्ध को इंगित किया। सिमरन बेलानी ने कविता ‘‘एक डोर में  सबको बांधती है हिन्दी’’ सुनाकर वाह वाही प्राप्त की। साहित्यकार व गीतकार ललित बटवाल ने कविता ‘‘साधना का एक क्षण हूॅ चेतना में जागरण हूं।’’  सुनाई। अभय मेहता ने कविता ‘‘मोहब्बत की राहों पर जमाने का पहरा है’’ सुनाई। सतीश सोनी ने गीत ‘‘फूलों के रंग से दिल की कमल’’ गाया। लोकेन्द्र पाण्डे ने गीत ‘‘चंदन सा बदन चंचल चितवन’’ सुनाया। हिमांशु वर्मा ने गीत ‘‘मधुबन खुशबू देता है’’ सुनाया। ललिता मेहता ने गीत ‘‘वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी’’ को बखूबी प्रस्तुत किया। स्वाति रिछावरा ने ‘‘ तू चंदा मैं चांदनी’’ सुनाये।

कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि गायकों के द्वारा हिन्दी साहित्यकारों द्वारा लिखे गये गीतों को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर साहित्यकार व कवि ललित बटवाल का शाल, श्रीफल भेंटकर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन अभय मेहता ने कियाव आभार ललिता मेहता ने माना।

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