मर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अंतिम तिथि नजदीक आने पर बिचौलिये फर्जी किसानों के नाम पर अपनी धान खपाने की कोशिश में लगे

आनंद ताम्रकार

बालाघाट १७ जनवरी ;अभी तक;  बालाघाट जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है लेकिन जैसे जैसे अंतिम तिथि बिलकुल नजदीक आ गई है बिचौलिये फर्जी किसानों के नाम पर अपनी धान खपाने की कोशिश में लगे है।

ऐसा ही एक मामला प्रशासन के संज्ञान में आते ही तत्परतापूर्वक की गई जांच एवं कार्यवाही किये जाने से बिचौलियों और खरीदी केंद्र के कर्मचारियों,अधिकारियों में हड़कंप मच गई। समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन में खरीदी के भुगतान से पहले खादय विभाग के कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी(जेएसओ) सुनील किरार ने बडी गडबडी होने से ना सिर्फ रोक बल्कि भुगतान से पहले इस कारगुजारी में शामिल अमले के विरूद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई गई।

यह उल्लेखनीय है की कलेक्टर डाक्टर गिरीश कुमार मिश्रा ने 13 और 14  जनवरी को धान उपार्जन से जुड़े सभी विभागों के साथ जिला स्तरीय उपार्जन समिति की बैठक में आगाह करते हुये निर्देश दिये थे की सबसे पहले शेष किसानों को सत्यापन करें इसके बाद अलग अलग केंद्रों की जांच और खरीदी का आकलन करे क्योंकि शेष बचे कम समय में गड़बड़ी करने वाले ज्यादा सक्रिय हो सकते है ऐसी स्थिति में अपने अमले को सक्रिय करें और किसी भी तरह की कोई कसर ना छोडे।

कलेक्टर श्री मिश्रा के इन निर्देशों के तारतम्य में बालाघाट तहसील के नाहरवानी धान उपार्जन केन्द्र प्रबंधक ओमप्रकाश मंडले, खरीदी प्रभारी तिलक चंद भूंडे, कम्प्यूटर आपरेटर राउन कुमार मंन्द्रे पर भादवि की धारा 420,466,477ए, और धारा 468 के तहत थाना हट्टा में संयुक्त जांच द्वारा बीती रात लगभग 1 बजे एफआईआर दर्ज कराई गई।
इसी के साथ खरीदी में अहम भूमिका निभाने वाले जगदीश कुमार श्रीनाग को सस्पेंड करने के निर्देश दिये गये है।

यह उल्लेखनीय है की सबसे अधिक खरीदी होने वाले केंद्रों में औचक जांच करने का निर्णय लिया गया जिसमें जिला उपार्जन नियंत्रण कक्ष में आकलन किये जाने पर पाया गया की 16 जनवरी को नाहरवानी के धान खरीदी केंद्र पर सबसे अधिक खरीदी दशाई गई है जिसके बाद विभिन्न पहलुओं पर भी जांच की गई जिसके अंतर्गत कुल पंजीकृत किसानों,स्लॉट बुक किये गये किसानों तथा शेष रहे किसानों एवं उपज की सत्यापन रिपोर्ट को अवलोकन किया गया इसके बाद खरीदी केन्द्र की जांच बालाघाट के एसडीएम श्री राहुल नायक द्वारा की गई जिसमें पाया गया की 16 जनवरी को खुर्सीपार ग्राम के किसान पूरन लाल बिसेन का 100 क्विंटल धान पोर्टल पर दर्शाया गया है पोर्टल पर 16 से 19 जनवरी के बीच स्लॉट बुक कराया गया लेकिन पूरनलाल बिसेन उपस्थित नही पाये गये जब किसान पूरनलाल से दूरभाष पर जानकारी ली गई तो उनके द्वारा बताया गया की उन्होने नाहरवानी केन्द्र में कोई स्लॉट बुक नहीं कराया जबकि उनका स्लाट बुक नाहरवानी के कम्प्यूटर राउन मान्द्रे ने बुक धान बेची गई है।

जांच में यह भी पाया गया की नाहरवानी से खुर्सीपार पर की दूरी 50 किलोमीटर है ऐसी स्थिति में किसान 100 क्विंटल धान के लिए स्लॉट कैसे बुक कराया। जबकि इतनी दूर तक धान लाने वाहन की समस्या रहती है। वहीं धान उपार्जन परिसर में किसान पूरन लाल बिसेन की कोई धान नही पाई गई।

उपार्जन केन्द्र में रखी धान के वारदानों में किसान कोड की पर्ची नहीं लगी पाई गई तथा उपार्जन केंद्र में किसान तोल पर्ची व बारदानों वितरण रजिस्टर में भी किसान को उल्लेख किया जाना नही पाया गया।

कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी श्री सुनील किरार ने बताया की केंद्र का मुआयना किये जाने पर पाया गया की यहां एक एक बोरे से कटोरा भरकर धान निकाली जा रही थी जिसे किसी अन्य किसानों के बोरों में भर कर खपाया जा रहा था।
उन्होंने यह भी अवगत कराया की किसान पूरनलाल बिसेन के नाम का पंजीयन कर खरीदी गई लगभग 100 क्विंटल धान का भुगतान लगभग 2 लाख 18 हजार रुपये का किया जाना था जिसे पकड़ लिया गया।