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आस्था से जुडे धार्मिक स्थल के निर्माण पर बार-बार प्रश्नचिंह खडा होना दुर्भाग्यपूर्ण-श्री भाटी

महावीर अग्रवाल 
मंदसौर ११ जून ;अभी तक;  भगवान श्री पशुपतिनाथ मंदिर परिसर से न केवल मंदसौर जिले की आस्था जुडी है बल्कि संपूर्ण देश के सनातन धर्मावलंबी भी इस मंदिर के साथ खास लगाव रखते है। इस मान से मंदिर की प्रतिष्ठा के साथ ही समय-समय पर निर्माण कार्य की गुणवत्ता भी उच्च रखना भगवान श्री  पशुपतिनाथ प्रबंध समिति का उत्तरदायित्व है किन्तु श्री पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति द्वारा सबकुछ देखने और जानने के बावजुद चुप्प बनी रही। पिछले दिनों मंदसौर के डांस कलाकार श्री तरूण नामदेव को नोटिस देने में जिस प्रकार से प्रबंध समिति ने तत्परता दिखाते हुये धार्मिक आस्था की रक्षा की अगर यही तत्परता मंदिर निर्माण ऐजेन्सी एवं संबंधित ठेकेदार पर निगरानी एवं कार्यवाही पर करते तो शायद आज पुनः सहस्त्र शिवलिंग मंदिर का मार्बल उखडने की दुखद स्थिति सामने नही आती।
                                      जिला कांग्रेस प्रवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री सुरेश भाटी ने कहा कि पिछले दिनों प्रादेशिक समाचार पत्र में गुणवत्ताहिन निर्माण के संदर्भ में लोकनिर्माण विभाग की पीआईयू शाखा की कार्यपालन यंत्री बबीताजी मालवीय का कथन पढने में आया कि सहस्त्र शिवलिंग मंदिर एवं उसके आसपास परिसर का मेन्टेंस ठेकेदार को ही करना है, ठेकेदार सुधार कर रहा है। पानी के कारण ऐसी स्थिति बन रही है। यह कथन सीधे रूप से ठेकेदार को न केवल क्लिन चिट देने वाला है। उन्होनें कहा कि एक साल पहले मुख्यमंत्री महोदय द्वारा मंदिर का लोकार्पण समारोह हुआ और उसके कुछ ही माह बाद मंदिर मा मार्बल उखडने लगा। इस स्थिति को मंदिर से जुडे भक्तगण भूल भी नही पाये थे कि पिछले दिनों फिर से मंदिर का मार्बल उखडने एवं रिपेरिंग कार्य के फोटो मिडीया में आये जिसके कारण श्रध्दालुओ में मंदिर समिति के पदाधिकारियो के प्रति गहरा रोष है।
श्री भाटी ने बताया कि पिछले दिनों महाकाल परिसर मे कोरिडोर की मूर्तियो को खंडित होने की दुखद प्रसंग पर भी वहां के प्रशासन ने संबंधित ठेकेदार से ही रिपेरिंग कार्य करवाने एवं मेन्टेनेस का हवाला दे दिया किन्तु धर्मालुर्जनो की आस्था पर  होते कुटारघात पर अब भी सब मौन है। पिछले दिनो मंदसौर के डांस कलाकार श्री तरूण नामदेव द्वारा मंदिर परिसर में गाने पर डांस करने पर प्रबंध समिति ने नोटिस की कार्यवाही करके भक्तो की आस्था की रक्षा करके अपने जीवित होेने का प्रमाण दिया है, अगर यही जिवटता  मंदिर से संबंधित निर्माण के दौरान भी दिखाते तो शायद मंदिर की प्रतिष्ठा के विपरित बार- बार सहस्त्र शिवलिंग मंदिर का मार्बल उखडने जैसे दुखद प्रसंग सामने नही आते।

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