दिगंबर जैन मुनि संघ का नगर में हुआ मंगल प्रवेश, जिनेंद्र देव की रथयात्रा भी निकली

महावीर अग्रवाल 

  मन्दसौर ७ जून ;अभी तक;  दिगंबर जैन संत मुनि श्री आदित्यसागरजी, अप्रमितसागरजी व सहजसागर जी महाराज का कल बुधवार की प्रातः अभिनंदन नगर स्थित नवनिर्मित जिनालय में मंगल प्रवेश हुआ। प्रातः 7.30 बजे मुनि संघ द्वारा बीपीएल चौराहा स्थित तार बंगला मंदिर में भगवान का अभिषेक व शांति धारा करवाई गई, तत्पश्चात यहां से बैंड बाजों के साथ भगवान की रथ यात्रा निकली जिसमें पूज्य मुनिराज भी सम्मिलित हुए।
                           रथयात्रा के पूरे मार्ग में श्रद्धालुओं द्वारा पालकी में विराजित जिनेंद्र देव की पूजन की गई तथा मुनि संघ के पाद प्रक्षालन कर आरती उतारी गई। इस दौरान समाजजनों का उत्साह देखते ही बनता था। यह रथयात्रा व शोभायात्रा तार बंगला मंदिर से सहकारी बाजार रोड, गीता भवन रोड होते हुए अभिनंदन नाथ जिनालय पहुंची, जहां आयोजित धर्मसभा में मुनि आदित्यसागरजी के प्रवचन हुए।
                            धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री आदित्यसागरजी ने कहा अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर के शासनकाल में रहते हुए तीर्थंकरों की देशना हम सभी के लिए कल्याणकारी है। उन्होंने कहा प्रशंसा चाहिए तो गुण भी होना चाहिए, ज्ञान है पर गर्व है तो ज्ञान भी अज्ञान है। अभिमान, मद व अहंकार से युक्त ज्ञान हमारा घात करने वाला होता है।
                            मुनिश्री ने कहा पद की प्राप्ति के बाद घमंड हो तो पद की शोभा नहीं है, यदि पद, विनय के साथ हो तो शोभनीय है। आपने कहा किसी भी पद पर निराभिमान व मृदुता होना आवश्यक है। उन्होंने कहा प्रभु व गुरु की सेवा में पीछे रहोगे तो पुण्य पास नहीं आएगा। आपने कहा जैसे वृक्ष में फल लगे हो तो वह झुक जाता है, ऐसे ही जो जीव ज्ञानी होगा,वह निश्चित ही विनयवान होगा। आपने कहा रावण, राम से धनबल, बाहुबल, विद्या बल सभी में अग्रणी था, परंतु मर्यादा व मृदूता में राम आगे थे तो रावण का आज भी दहन होता है और राम पूजे जाते हैं। आपने कहा ज्ञान है, पुण्य है और मद नहीं है तो विशुद्धि जारी है, नहीं तो विशुद्धि जा रही है।
डॉ. चंदा भरत कोठारी ने यह जानकारी देते हुए बताया धर्मसभा के प्रारंभ में भगवान महावीर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन सकल जैन समाज अध्यक्ष श्री प्रदीप कीमती, श्री विजेंद्र सेठी, शांतिलाल बड़जात्या, सुरेश जैन, आदीश जैन, ललित दोषी पं विजय कुमार गांधी, राजमल गर्ग, नरेश दोशी ने किया। मंगलाचरण नृत्य श्रीमती पूजा जैन व चेतना जैन द्वारा किया गया।
मंच पर मुनि श्री के चरण प्रक्षालन अरविंद मेहता व मंदिर ट्रस्ट के अजीत बंडी ललित दोशी, राकेश जैन,राजेश जैन आदि ने किया। महिला मंडल द्वारा शास्त्र भेंट किए गए। मुनिश्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त करने वालों में डॉ वीरेंद्र कुमार गांधी, सुरेंद्र कुमार गोटूलाल, सुरेश पाटनी, अर्पित दोषी, ओम अग्रवाल, सतीश जैन, दीपक भूता, डॉ राजकुमार बाकलीवाल, प्रदीप जैन, जयकुमार बड़जात्या, कमल विनायका, सतीश राजावत आदि शामिल थे। प्रतिष्ठाचार्य पंडित पीयूष प्रसून का स्वागत भी किया गया।
धर्मसभा के प्रारंभ में पंचकल्याणक महोत्सव समिति अध्यक्ष शांतिलाल बड़जात्या ने संबोधित करते हुए आज 8 जून को प्रातः 8 बजे से होने वाले मुनिसंघ के प्रवचन व पात्र चयन कार्यक्रम में सभी समाज जनों से उपस्थित होने का अनुरोध किया।
इस अवसर पर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष श्रीमती रमादेवी गुर्जर, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री बंशीलाल गुर्जर, सकल जैन समाज अध्यक्ष प्रदीप कीमती, कार्याध्यक्ष नरेंद्र मेहता, संयोजक सुरेंद्र लोढ़ा, उपसंयोजक अशोक मारु, महामंत्री सुनील तलेरा, दिलीप राका, विनोद मेहता, अजीत नाहर, नंदकिशोर अग्रवाल, राजकुमार पाटनी, वैश्य महासम्मेलन के जिलाध्यक्ष जगदीश चौधरी सहित बड़ी संख्या में नगर के गणमान्यजन उपस्थित थे।समारोह का संचालन कोमल प्रकाश जैन ने किया आभार अध्यक्ष सुरेश जैन ने व्यक्त किया।