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बार – बार गलती क्षमा योग्य नहीं होती – स्वामी आनन्दस्वरूपानंदजी सरस्वती
महावीर अग्रवाल
मंदसौर १५ सितम्बर ;अभी तक ; श्री केशव सत्संग भवन खानपुरा मंदसौर पर दिव्य चातुर्मास पूज्यपाद 1008 स्वामी आनन्दस्वरूपानंदजी सरस्वती ऋषिकेश के सानिध्य में चल रहा है। स्वामी जी द्वारा प्रतिदिन प्रात: 8.30 से 10 बजे तक श्रीमद् भागवद् महापुराण के एकादश स्कन्द का का वाचन किया जा रहा है।
रविवार को धर्मसभा में स्वामी श्री आनन्द स्वरूपानंदजी सरस्वती न कहा कि ज्ञानी व्यक्ति अपने ज्ञान के माध्यम से आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। आपने कहा कि कोई व्यक्ति गलती करता है तो उसका प्रायश्चित माफी मांगकर सकता है शास्त्रों में क्षमा वीरस्य भूषणं कहा गया कोई कितनी भी बडी गलती करें वह क्षमा योग्य होती है लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि गलतीयों को बार – बार किया जायें और माफी मांग ली जायें। बार – बार की गई माफी योग्य नहीं होता है। क्योंकि बार – बार गलती या गलत कार्य करने वाले को तो भगवान भी माफ नहीं करते है। आपने कहा कि शास्त्रों के अनुसार ज्ञान, भजन, योग से भगवान को प्राप्त किया जा सकता है। आपने बताया कि शास्त्रों में व्यक्ति के समझ अनुसार उपदेश दिये गये है लेकिन सार सभी का एक ही होता है।
विभिन्न शास्त्रो में ऋषि मुनियों, ज्ञानियों ने अलग – अलग तत्वों के बारे में बताया लेकिन सार सभी का एक ही है। हमें शास्त्रों में वर्णित उपदेशों का पालन करना चाहिए इनका उल्लघंन नहीं करना चाहिए। सांसारिक जीवन हो या सन्यासी जो शास्त्रों के नियमों का पालन करता सदैव सुखी रहता है।
कार्यक्रम के अंत में भगवान की आरती उतारी गई एवं प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर बडी संख्या में महिलाएं पुरूष उपस्थित थे।