बच्चों को महाराष्ट्र में कथित रूप से 25 हजार रूपए में बेचे जाने का सनसनीखेज आरोप कांग्रेस के प्रदेश के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लगाया
मयंक शर्मा
खडवा १७ अगस्त ;अभी तक ; खंडवा जिले के कमजोर वर्ग के बच्चों को महाराष्ट्र में कथित रूप से 25 हजार रूपए में बेचे जाने का सनसनीखेज आरोप कांग्रेस के प्रदेश के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लगाया है।उन्होने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। साथ ही पटवारी ने मप्र और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों को तलब कर कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया है।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजय अेाझा ने श्री पटवारी द्वारा पीएम को पत्र क हवाला देते हुये कहा कि उन्होने आगे कहा कि इन परिवारों ने बच्चों के सौदे को परंपरा का नाम दे रखा है। बातचीत में ये बच्चा खरीदने-बेचने जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते, लेकिन कहते हैं, किसी को बच्चा चाहिए तो हमारे पास हैं। इस प्रमाणिक खुलासे से एक बार फिर साबित हो गया है कि मध्य प्रदेश का दलित और आदिवासी समुदाय गरीब पीड़ित और शोषित है! भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े है ।
उन्होने कहा कि महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के कांचनवाड़ी क्षेत्र में बच्चे बिकाऊ हैं! कीमत भी केवल 25 हजार रुपए होती है। ये सभी बच्चे आदिवासी परिवारों के है जो खंडवा जिले से मजदूरी करने परिरजनों के साथ महाराष्ट्र गए थें ।उन्होने कहा कि ज्यादा पैसे के लिए जिले के मूंदी क्षेत्र के 11 गांवों के आदिवासी परिवार पडौसी राज्य महाराष्ट्र और गुजरात का रुख कर तो रहे हैं, । तंगहाली ऐसी है कि इन्हें अपने बच्चे तक बेचने पड़ रहे हैं।महाराष्ट्र में कन्स्ट्रक्शन साइट्स पर मध्यप्रदेश के आदिवासी मजदूर गरीबी और तंगहाली में अपने बच्चों का सौदा कर रहे हैं। काम न मिलने पर कई मजदूर परिवार भीख मांगकर गुजर-बसर कर रहे हैं।
पत्र में यह भी उल्लेख है कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी इन्हें नहीं मिल रहा है! गरीबों को निशुल्क राशन की व्यवस्था भी सबूत के साथ सामने आए इस खुलासे से संदेह में आ गई है। जीतू पटवारी ने आगे लिखा कि मीडिया रिपोट्र्स के जरिए सामने आया यह सनसनीखेज सच मध्यप्रदेश के साथ महाराष्ट्र सरकार की नीति, नियम और नीयत पर भी गंभीर सवाल उठा रहा है। करोड़ों का कर्ज लेकर मध्यप्रदेश सरकार केवल अपनी लग्जरी पर खर्च कर रही है और बचा हुआ पैसा भ्रष्टाचार की योजनाओं में भ्रष्ट तंत्र की तिजोरी भर रहा है। चिंताजनक पहलू यह भी है कि लाल किले की प्राचीर से जब आप भाजपा सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रहे थे, ठीक तभी गरीबी में गर्त तक डूबे परिवार अपनी सरकारी उपेक्षा का उत्तर मांग रहे थे। केंद्र सरकार मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को तत्काल तलब करे और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे।