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श्री केशव सत्संग खानपुरा में मनाया कृष्ण जन्मोत्सव एवं नन्द महोत्सव

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर २७ अगस्त ;अभी तक ;   श्री केशव सत्संग भवन खानपुरा में ऋषिकेश के पूज्य स्वामी आत्मस्वरूपानंदजी सरस्वती महाराज के सानिध्य में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। सुंदर झांकी बनाकर उसमें बालकृष्ण लड्डू गोपाल का श्री विग्रह और माखन खाते हुए का चित्र झांकी में दर्शाया गया।
                                बाल स्वरूप में 10 माह की छोटी बालिका आसवी को बालकृष्ण रूप में सजाया गया, जो अपनी माता की गोद से उतरकर स्वाभाविक रूप में अकेली अपने आप घुटनों के बल चलती हुई और इधर उधर देखती हुई जहां झांकी बनी हुई थी उसके समीप पहुंच गयी। प्रत्यक्ष रूप से बालिका के इस मनोरम दृश्य ने सबका मनमोह लिया और भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप समय की  छवि की स्मृति दिला दी।
                                    स्वामी आत्मस्वरूपानंदजी सरस्वती महाराज ने श्रीमद् भागवत के भगवान श्री कृष्ण के चरित्र से संबंधित दशम स्कंध के आधार पर भगवान बालकृष्ण के बाल चरित्र पूतना व शकरासुर, बकासुर, अघासुर, कंस आदि के संहार के पश्चात की लीलाओं का संक्षिप्त वर्णन करते हुए भगवान कृष्ण के गीता का कर्मयोग जिसका आज सम्पूर्ण विश्व अनुसरण कर रहा है ‘‘कर्मण्ये वाधिकारस्ते, माँ फलेषुकदाचन’’ अर्थात हमारा अधिकार केवल कर्म करने में होना चाहिये फल की इच्छा में नहीं। हमारे द्वारा किये गये अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार शुभ अशुभ फल देना ईश्वर के अधीन जो अधिकार में है जिसे भगवान पर छोड़ देना चाहिये।
                                         प्रवचन पश्चात् भगवान कृष्ण की आरती की गई और पंजीरी का प्रसाद बांटा गया। दूसरे दिन 27 अगस्त को प्रातः स्वामीजी के चातुर्मास प्रवचनोपरान्त नन्दो महोत्सव मनाया गया। ट्रस्टी  बंशीलाल टांक ने नन्द महोत्सव का बधाई गीत ‘‘अनोखो जायो ललना…’’ और ‘‘हाथी घोड़ा  पालकी जय कन्हैयालाल की….’’ सुनाया।
संचालन ट्रस्ट अध्यक्ष जगदीशचन्द्र सेठिया ने किया व आभार ट्रस्ट कोषाध्यक्ष मदनलाल गेहलोद ने माना।

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