मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे 50वें खजुराहो नृत्य समारोह- 2024 एवं लोकरंजन समारोह का शुभारंभ
रवींद्र व्यास
छतरपुर 18 फरवरी ;अभी तक; , विश्वविख्यात खजुराहो में इस बार “खजुराहो नृत्य समारोह का स्वर्ण जयंती वर्ष मनाया जा रहा है | 20 फरवरी को सायं 07 बजे से शुरू होने वाले इस समारोह में इस बार अनेकों नवीन प्रस्तुतियां होंगी | नृत्य समारोह के स्वर्ण जयंती वर्ष को खास एवं यादगार बनाने के लिए संस्कृति विभाग द्वारा कथक कुंभ का आयोजन किया जा रहा है,| कार्यक्रम की शुरुआत में 20 फरवरी, 2024 को कथक नृत्य के 1500 से 1800 कलाकारों द्वारा सामूहिक नृत्य ‘‘कथक कुंभ’’ प्रस्तुत किया जाएगा ताकि ‘‘विश्व रिकॉर्ड’’ स्थापित किया जा सके ।
समारोह के आयोजन को लेकर आज खजुराहो में उप-संचालक, संस्कृति सुश्री वंदना पाण्डेय एवं निदेशक, अकादमी श्री जयंत माधव भिसे ने संयुक्त पत्रकार वार्ता ली | उन्होंने बताया कि 1975 से शुरू हुआ खजुराहो नृत्य महोत्सव इस वर्ष अपना स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है। इस उपलब्धि को खास एवं यादगार बनाने के लिए संस्कृति विभाग द्वारा कथक कुंभ का आयोजन किया जा रहा है | प्रथम दिवस 20 फरवरी, 2024 को कथक नृत्य के 1500 से 1800 कलाकारों द्वारा शाम 4. 30 बजे सामूहिक नृत्य ‘‘कथक कुंभ’’ प्रस्तुत कर ‘‘विश्व रिकॉर्ड’’ स्थापित किया जायेगा।
संस्कृति विभाग द्वारा उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी, भोपाल के माध्यम से खजुराहो में प्रतिवर्ष खजुराहो नृत्य समारोह का आयोजन मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सहभागिता से किया जाता है। पश्चिमी मंदिर समूह परिसर के अंदर चंदेलकालीन कंदरिया महादेव मंदिर तथा देवी जगदंबा मंदिर के मध्य विशाल मुक्ताकाशी मंच पर यह उत्सव 26 फरवरी तक आयोजित होगा | समारोह का उदघाटन एम् पी के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव करेंगे | इस मौके पर खजुराहो सांसद वी डी शर्मा , संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग शिव शेखर शुक्ला, संचालक संस्कृति श्री एनपी नामदेव उपस्थित होंगे।
उदघाटन सत्र में इसमें राज्य शासन द्वारा प्रदेश के विख्यात रूपांकर कलाकारों के नाम से स्थापित 10 राज्य स्तरीय पुरस्कार चयनित कलाकारों को प्रदान किए जाएंगे अलंकृत कलाकारों को पुरस्कार स्वरूप सम्मान राशि प्रदान करते हुए प्रशंसा पत्र साल एवं श्रीफल से सम्मानित किया जाएगा |
कत्थक कुम्भ के बाद शाम 6.30 बजे 20 फरवरी 2024 को पद्मश्री रंजना गौहर एवं साथी, नई दिल्ली, ओडिसी समूह, सुधान शंकर, नई दिल्ली, भरतनाट्यम।
21 फरवरी शेकी सिंह दिल्ली कत्थक सायली कोंडे, पुणे ,भरतनाट्यम समूह। अरुण गायत्री पांडा, भुवनेश्वर ओडीसी, मनाली देव मुंबई कथक समूह ।
22 फरवरी साक्षी शर्मा दिल्ली कत्थक कस्तूरी पटनायक नई दिल्ली ओडिसी समूह ,विद्या प्रदीप केरल मोहिनीअट्टम, पद्मश्री पुरु दाधीच, हर्षिता शर्मा दाधीच एवं साथी इंदौर कथक।
23 फरवरी मौमिता घोष वत्स नई दिल्ली ओडीसी, पद्मश्री नलिनी कमलिनी एवं साथी दिल्ली कथक समूह। मार्गी मधु एवं साथी कोच्चि कुड़ी अट्टम त्रय , सुचित्रा हरमलकर एवं साथी इंदौर कथक समूह , रोशाली राजकुमारी एवं साथी इंफाल मणिपुरी समूह।
24 फरवरी पंचानन भुयान दिल्ली छाऊ _ओडशी समूह । अमीरा पाटणकर, एवं साथी पुणे कथक समूह राजश्री होल्ला एवं रेखा सतीश बेंगलुरु कुचिपुड़ी युगल। अनु सिन्हा एवं साथी दिल्ली कथक।
25 फरवरी प्रेरणा देशपांडे पुणे कथक, पंडित राजेंद्र गंगानी दिल्ली कथक, नव्या नटराजन बेंगलुरु भरतनाट्यम, विधि नगर एवं साथी वाराणसी कथक समूह ।
26 फरवरी नाटक कथा ( मीरा) निर्देशन पद्म विभूषण डॉक्टर सोनल मानसिंह सीआईसीडी ग्रुप नई दिल्ली. राजश्री वॉरियर त्रिवेंद्रम भरतनाट्यम, यासमीन सिंह एवं साथी भोपाल कथक समूह, कृपा फड़के एवं साथी मैसूर भरतनाट्यम समूह, अनुराधा सिंह भोपाल कथक।के साथ समारोह का समापन होगा |
“आदिवर्त संग्रहालय” खजुराहो के प्रभारी अधिकारी अशोक मिश्र ने कहा कि संग्रहालय द्वारा पारंपरिक कलाओं का राष्ट्रीय समारोह लोकरंजन का आयोजन 20 से 26 फरवरी, 2024 तक प्रतिदिन सायं 05 बजे से किया जा रहा है। 20 फरवरी से “आदिवर्त संग्रहालय” खजुराहो का समय दोपहर 12 बजे से 09 बजे तक पर्यटकों एवं दर्शकों के लिये किया गया है।
म.प्र. टूरिज्म की ओर से मिलेगी सौगात
महोत्सव के दौरान खजुराहो में देश-विदेश से पहुंचने वाले सैलानियों को रोमांच का अनुभव भी मिलेगा। मप्र. टूरिज्म बोर्ड द्वारा विभिन्न रोमांचक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। रोमांच प्रेमियों के लिए स्काई डाइविंग (20-25 फरवरी 2024), कैम्पिंग, ट्रेल जॉय राइड, वाटर एडवेंचर, स्पीड बोट, बनाना राईड, शिकारा बाईड, राफ्टिंग, विलेज टूर, ई-बाइक टूर, रानेह फॉल टूर, दतला पहाड़, सेगवे टूर, खजुराहो नाईट टूर, फॉर्म टूर जैसी गतिविधियां आयोजित होंगी।
महोत्सव के दौरान होंगी विभन्न गतिविधियां –
प्रदर्शनी के अन्तर्गत शास्त्रीय, लोक और जनजातीय नृत्य रूपाकारों के परिधान, आभूषण, अलंकरण, साहित्य और संगीत वाद्यों के साथ-साथ चित्र शैलियाँ एवं पर्व-त्योहार अर्थात् समग्रता में कला और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाता है।
कला वार्ता- कलाकार और कलाविदों का संवाद।
संस्कृति के विभिन्न अनुशासनों के कला मर्मज्ञों एवं कलाकारों के बीच संस्कृति संवाद के साथ ही विभिन्न कला रूपों के प्रतिनिधि, प्रस्तुतिकरण, कला समीक्षक, कला मर्मज्ञ एवं विद्वतजन भारतीय कलाओं और उनमें निहित दर्शन पर श्रोताओं से गंभीर विमर्श करते हैं।
हुनर- देशज ज्ञान एवं कला परम्परा का मेला।
भारत में सौन्दर्यबोध समाज के सभी वर्गों की परम्परा के अनुरूप रूपाकारों/कलाकारों द्वारा निर्मित मिट्टी शिल्प, काष्ठ शिल्प, लौह शिल्प, बाँस शिल्प, कपड़ा बुनाई-रंगाई-छपाई आदि शिल्प परम्परा की निर्माण प्रक्रिया, तकनीक और डिजाइन उन्नयन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष खजुराहो में हुनर के नाम से शिल्प मेले का आयोजन करते हैं।
वर्तनी : ललित कलाओं का मेला।
आर्ट-मार्ट कला प्रदर्शनी के अन्तर्गत ललित कलाओं जैसे मूर्ति शिल्प, चित्रांकन, छायाचित्र, छापा चित्र, काष्ठ शिल्प आदि के कलाकार अपनी कृतियाँ प्रदर्शित करते हैं। कलाकारों से दर्शक खुलकर कला से संबंधित विभिन्न आयामों पर चर्चा करने हेतु भी आमंत्रित रहते हैं।
टेराकोटा और सिरेमिक राष्ट्रीय प्रदर्शनी-कार्यशाला।
देश भर के टेराकोटा एवं सिरेमिक माध्यम पर कार्य करने वाले कलाकार अपने भीतर उठने वाली रचनात्मक हिलोरों को साकार कर पाते हैं। भारत की संस्कृति में माटी शिल्प की पुरानी परंपरा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से समष्टि कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। नृत्य की अन्य गतिविधियों के रूप में दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर द्वारा ‘‘लोकनृत्य’’ की प्रस्तुतियों का आयोजन किया जायेगा।
वर्तनी : अन्तर्राष्ट्रीय छापा कला
अन्तर्राष्ट्रीय ‘‘प्रिंट विनाले’’ में भारत भवन, भोपाल द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय ज्यूरी से पुरस्कृत 50 छापा चित्रों (प्रिंट) की प्रदर्शनी ‘‘वर्तनी’’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रमुखतः निम्नलिखित देशों जापान, कोरिया, स्विजरलैण्ड, फ्रांस, भारत, ईरान, नार्वे, स्वीडन, अमेरिका आदि के कलाकारों के चित्र सम्मिलित किये गये हैं।
लयशाला : श्रेष्ठ गुरूओं के साथ शिष्यों का संगम और कार्यशाला
देशभर की विभिन्न नृत्य शैलियों के गुरुओं तथा उनके शिष्यों का श्रेष्ठ गुरुओं एवं विभिन्न विधाओं के श्रेष्ठ कलाकारों का संवाद और उनकी विधाओं पर केन्द्रित कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा, जिससे रसिक जनों और कलाप्रेमियों को अत्यधिक लाभ मिलेगा और विद्यार्थी नृत्य शैली विभिन्न घरानों से परिचित होंगे और खजुराहो नृत्य समारोह के अन्तर्गत लयशाला कार्यक्रम में सहभागिता करते हुए अपने आप को गौरवान्वित महसूस करेंगे।