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विद्यार्थी हो शिक्षित, खान पान हो सुरक्षित- श्री नरेश जी चंदवानी
महावीर अग्रवाल
मंदसौर ४ सप्तम्बर ;अभी तक ; पीएम एक्सीलेंस राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मंदसौर के प्रबंध विभाग में जनभागीदारी अध्यक्ष श्री नरेश जी चंदवानी ने आशीर्वाद देते हुए विद्यार्थियो को आयोजनों में सक्रिय सहभागिता हेतु प्रेरित करते हुए कहा अच्छी शिक्षा करने के लिए अच्छा आहार जरूरी है। प्राचार्य डॉ. डी.सी. गुप्ता ने प्रबंध विभाग के विद्यार्थियों को सेमिनार के लिए शुभकामनाएं दी। भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. वी.पी. तिवारी ने विद्यार्थियों से बात करते हुए कहा कि अच्छा आहार करने से ही आपका जीवन सही मायने में गति पाता है और एक सर्वोच्च जीवनशैली निखर के आती है।
भोजन हमारे जीवन की जरूरत है। भोजन है तो हम हैं, भोजन से ही हमें ऊर्जा, शक्ति, ताकत मिलती है और उसी से हम अपने दिन भर के काम करते हैं; अथार्त जीवन व्यापन करते हैं। भोजन से ही हमारा शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है, पर क्या केवल भोजन खाना ही पर्याप्त है ??
जवाब होगा, नहीं !!!
इसका राज यदि एक शब्द में कहा जाए तो वह है – संतुलित आहार। उक्त विचार मुख्य वक्ता डॉ. चारु गोयल (डाइटिशियन) ने बी.बी.ए. के विद्यार्थियों को विषयगत व्याख्यान श्रृंखला में व्यक्त किए।
विषय से संबंधित विशेष व्याख्यान आयोजन पर बधाई देते हुए विभागीय अध्यक्ष प्रो. योगेश कुमार पटेल ने छात्रों को कहा कि ऐसा भोजन या आहार जिसमें सभी पोषक तत्व संतुलित मात्रा में हो वही करना चाहिए। पोषक तत्व वह तत्व होते हैं जो खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं, अर्थात जिनके सेवन से ही हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
प्रबंध विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. रजत जैन ने बताया कि संतुलित आहार में कार्बोहाइड्रेट, खनिज, वसा, विटामिन, प्रोटीन, फाइबर और पानी शामिल होते हैं । जंक फूड से मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, पाचन संबंधी समस्याएं, थकान, मूड में उतार-चढ़ाव, दंत समस्याएं, पोषक तत्वों की कमी और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है इसीलिए विद्यार्थी घर का शुद्ध भोजन करें तभी वह पढ़ाई में अच्छा ध्यान लगा पाएंगे। प्रोफेसर साक्षी विजयवर्गीय ने मार्केट में मिल रहे फास्ट फूड जैसे मोमोज, पिज़्ज़ा, बर्गर, पानी पतासे, दही बड़े, सैंडविच, पास्ता, गार्लिक ब्रेड, पैक्ड फूड एवं कोल्ड ड्रिंक से बचने की सलाह दी एवं विद्यार्थियों को अपनी थाली में 50% तक सब्जियां और फल, 25% तक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ और शेष 25% में साबुत अनाज रखने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के अंत में प्रोफेसर शालू नलवाया ने आभार माना।