प्रदेश
मंदसौर जिले में घोडारोज से किसानो की फसलो को भारी क्षर्ति- विधायक श्री जैन
महावीर अग्रवाल
मंदसौर १५ फरवरी ;अभी तक; विधानसभा सत्र के दौरान बुधवार जनप्रिय क्षेत्रीय विधायक श्री विधायक विपिन जैन ने लंबे समय से क्षेत्र एवं जिले के अन्नदाता किसानो की बडी पीडा को विधानसभा पटल पर रखी। नीलगाय अर्थात घोडा रोज के कारण किसानो को हो रही क्षर्ति के साथ ही अनेक बार जनहानि के रूप में होने वाली दुर्घटनाओ के संदर्भ में वन मंत्री के समक्ष किसानो को राहत के लिये मौजुदा प्रावधानो पर तारांकित प्रश्न क्रमांक 1611 के माध्यम से जानकारी मांगी।
विधायक श्री जैन द्वारा मंदसौर विधानसभा के साथ ही जिले में घोडारोज एवं जंगली सुअरो के कारण होने वाली फसलो की नुकसानी को गंभीर बताया। श्री जैन द्वारा विधानसभा से प्रेषित प्रश्न के जवाब में वन मंत्री श्री नगर सिंह चैहान द्वारा बताया गया है कि घोड़ारोज और जंगली सूअरो से फसलों को हो रहे नुकसान की क्षतिपूर्ति भुगतान करने का प्रावधान है। राज्य सरकार द्वारा फसल हानि करने वाली वाले घोड़ारोज को खेत मे हीं मारने की अनुमति हेतु तहसील स्तर पर एसडीएम को अधिकृत किया गया है।
जानकारी में कहा गया है कि निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर इसे मारने की अनुमति एवं इनसे होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति राशि का दावा किया जा सकता है। क्षतिपूर्ति हेतु समय सीमा 30 कार्य दिवस निर्धारित की गई है। तहसील स्तर पर 30 हजार रु, अनुविभागीय स्तर पर 50 हजार रु और कलेक्टर स्तर पर 2 लाख रु तक के प्रकरण स्वीकृत किये जा सकते हैं।
*मुआवजा प्रक्रिया को सरल कर व्यापक प्रचार-प्रसार हो*
वन मंत्री श्री नगर सिंह चौहान द्वारा दिये गये जवाब के प्रति उत्तर में विधायक श्री जैन द्वारा विभागीय रूप से प्राप्त आंकडो का हवाला देते हुये कहा कि प्रतिदिन क्षेत्र के किसानो की फसले नीलगायो अर्थात घोडारोज, जंगली सुअर नष्ट करने की जानकारी मिलती है लेकिन पिछले दस सालो में मात्र 20 प्रकरण में सिर्फ 25 लाख की सहायता राशि के प्रकरण स्वीकृत हुये है। यह स्थिति साफ करती है कि किसानो को मुआवजा प्राप्त करने की प्रक्रिया की जानकारी नही है। विधायक श्री जैन ने जंगली जानवरो द्वारा फसल नष्टीकरण के मामले में मुआवजा प्रक्रिया को सरल कर इसके व्यापक प्रचार-प्रसार करने की जरूरत बतायी। उन्होेने पटवारी के माध्यम से मुआवजा प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु विशेष जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही किसानो से जुडे अन्य विभागो को इस अभियान में जोडने का सुझाव दिया।